रायपुर: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मंगलवार को पर्यटन और संस्कृति विभाग के कार्यों की समीक्षा बैठक रायपुर में ली. इस मीटिंग में सीएम ने खैरागढ़ के इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय की तर्ज पर बस्तर, सरगुजा और रायपुर में लोककला महाविद्यालय शुरू करने का निर्देश दिया. मीटिंग में सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि इन कॉलेजों के शुरू होने से बस्तर और सरगुजा अंचल की लोककला और संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन को बढ़ावा मिलेगा. उन्होंने इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय अमरकंटक का एक सेंटर छत्तीसगढ़ में शुरू करने का प्रस्ताव केन्द्र को भेजने की बात भी कही है.
सीएम बघेल ने मीटिंग में दिए कई निर्देश: मुख्यमंत्री बघेल ने बैठक में कहा कि, लोककला के माध्यम से आदिवासी अंचलों में स्वास्थ्य, शिक्षा और जनकल्याणकारी योजनाओं के लिए जनजागरूकता अभियान चलाया जाए. उन्होंने कहा कि कला जत्थों के जरिए स्थानीय बोली-भाषाओं में कार्यक्रम तैयार कराए जाएं. जिससे उनका अच्छा प्रभाव हो. इसके अलावा विशेष रूप से पिछड़ी जनजातियों जिसमें सरगुजा की पंडो, कवर्धा की बैगा और गरियाबंद, सिहावा-नगरी की कमार जनजाति हैं. ऐसे जनजाति के लोगों को शासकीय योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए जागरुकता अभियान चलाना होगा. उनकी शिक्षा के लिए कार्य करना होगा.
मानस प्रतियोगिता का अगले वर्ष भी होगा आयोजन: सीएम बघेल ने निर्देश दिया कि, रामायण मंडली प्रोत्साहन योजना के तहत मानस प्रतियोगिता अगले वर्ष जनवरी में आयोजित की जाए. मुख्यमंत्री ने प्रदेश के प्रमुख पर्यटन स्थलों में जहां बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं. वहां पर्यटकों के रूकने के लिए निजी क्षेत्र की भागीदारी से होटलों की सुविधा सहित शौचालय, पेयजल, आवागमन जैसी बुनियादी सुविधाओं को विकसित करने की जरूरत पर बल दिया.शिवरीनारायण, चंदखुरी, राजिम, सतरेंगा, चित्रकोट, चम्पारण, गंगरेल जैसे पर्यटन स्थलों में ये सुविधाएं विकसित करने की बात सीएम ने कही.
राजिम में राम वन गमन पथ को लेकर काम शुरू
कबीरभूमि दामाखेड़ा में सुविधाएं विकसित करने के निर्देश: सीएम बघेल ने सिमगा तहसील के समीप स्थित ऐतिहासिक कबीरभूमि दामाखेड़ा में भी विश्वस्तरीय सुविधाएं विकसित करने की बात कही है. अधिकारियों ने बताया कि दामाखेड़ा (कबीर तालाब) को विकसित करने के लिए 22.43 करोड़ रूपए की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान कर दी गई है.मुख्यमंत्री ने पर्यटन विभाग के पुराने मोटल्स को PPP मोड से सुचारू संचालन के कार्ययोजना की जानकारी ली. राम वन गमन पर्यटन परिपथ के तहत विकसित किए जा रहे पर्यटन स्थलों की प्रगति की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि जैसे-जैसे कार्य पूर्ण होते जाते हैं, उनका लोकार्पण किया जाए. जिससे लोगों को जल्द सुविधाओं का लाभ मिल सके. उन्होंने अमरकंटक मार्ग के सुदृढ़ीकरण के निर्देश दिए.
छत्तीसगढ़ में पर्यटन के क्षेत्र में हो रहा विकास: बैठक में पर्यटन, संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग के सचिव ने प्रदेश की विभिन्न पर्यटन परियोजनाओं की प्रगति की जानकारी देते हुए बताया कि प्रसाद योजना के तहत 43.33 करोड़ रूपए की लागत से मां बम्लेश्वरी देवी मंदिर डोंगरगढ़ में कराए जा रहे विकास कार्य अक्टूबर 2022 तक पूर्ण करने का लक्ष्य है. स्वदेश दर्शन योजना के तहत 96.10 करोड़ रूपए की लागत की ट्रायबल टूरिज्म सर्किट परियोजना के सभी 13 स्थानों में कार्य पूर्ण कर लिया गया है. उन्होंने बताया कि 65.60 करोड़ रूपए की लागत से सिरपुर को हैरिटेज स्थल के रूप में बुद्धिष्ट थीम पर विकसित किया जा रहा है.
कुदरगढ़ का होगा विकास: सूरजपुर जिले के कुदरगढ़ के विकास की योजना को प्रसाद योजना में शामिल करने का प्रस्ताव केन्द्र को भेजा गया है. कुदरगढ़ में रोप-वे बनाने की प्रक्रिया भी प्रगति पर है. इसी प्रकार स्वदेश दर्शन योजना 2.0 के तहत चिल्फी घाटी, अचानकमार-अमरकंटक घाटी एंव हसदेव बांगो डैम को शामिल कर इको टूरिज्म सर्किट विकसित करने का प्रस्ताव केन्द्र को भेजा गया है. अधिकारियों ने बताया कि छत्तीसगढ़ वेब अभिलेखागार के तहत ख्याति प्राप्त कलाकारों की ऑडियो-वीडियो क्लीपिंग संकलित कर उनका भावी पीढ़ी के लिए डिजिटाइजेशन किया जा रहा है. बैठक में दुर्ग जिले के पाटन तहसील के तरीघाट और रायपुर जिले के आंरग तहसील के रीवा के पुरातत्व स्थलों की प्रगति की जानकारी दी गई
मुख्यमंत्री बघेल ने राम वन गमन पर्यटन परिपथ के प्रथम चरण में विकसित किए जा रहे स्थलों की प्रगति की समीक्षा की. उन्होंने कहा कि राम वन गमन पथ में भगवान श्रीराम की सौम्य छवि की झलक दिखनी चाहिए. उन्होंने कहा कि चंदखुरी और शिवरीनारायण में प्रथम चरण में किए गए विकास कार्यों का लोकार्पण हो गया है. प्रथम चरण के लिए चिन्हांकित अन्य स्थलों का भी जैसे-जैसे जीर्णोद्धार एवं सौदर्यीकरण का कार्य पूर्ण होता है. उसे भी आम जनता के लिए खोला जाएगा.