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रायपुर: कैम्पा शासी निकाय की प्रथम बैठक, जल-जंगल-जमीन को लेकर हुई चर्चा

बुधवार को राजधानी रायपुर स्थित मुख्यमंत्री निवास में कैम्पा शासी निकाय की प्रथम बैठक हुई. इसकी अध्यक्षता मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने की. इस दौरान मुख्यमंत्री ने जल-जंगल-जमीन से लेकर जीव-जंतु के संबंध में कई महत्वपूर्ण निर्देश दिए.

First meeting of campa governing body
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में हुई बैठक
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Published : Sep 9, 2020, 10:01 PM IST

रायपुर: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में बुधवार को उनके निवास कार्यालय में कैम्पा शासी निकाय की प्रथम बैठक आयोजित की गई. सीएम बघेल ने बैठक में कैम्पा मद से कराए गए कार्यों की विस्तृत समीक्षा की. बैठक में बताया गया कि साल 2019-20 में कैम्पा के वार्षिक कार्य योजना के तहत 429 करोड़ 21 लाख रूपये की राशि खर्च कर विभिन्न रोजगार मूलक कार्यो के जरिए 89.73 लाख मानव दिवस का रोजगार सृजित किया गया.

First meeting of campa governing body
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में हुई बैठक

वर्ष 2020-21 में कोरोना संकट काल के दौरान एक अप्रैल से अब तक 219 करोड़ 63 लाख रूपये की राशि व्यय कर 42.44 लाख मानव दिवस का रोजगार सृजन किया गया. मुख्यमंत्री ने वनांचल में लोगों को अधिक से अधिक रोजगार उपलब्ध कराने के लिए आवर्ती चराई योजना और वन अधिकार अधिनियम के तहत मनरेगा में अधिक से अधिक कार्य स्वीकृत करने के निर्देश दिए.

चारे की कटाई के निर्देश

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में 4400 गौठानों का निर्माण पूरा हो गया है, जहां बड़ी संख्या में मवेशी डे-केयर में रखे जा रहे हैं. यहां बड़ी मात्रा में चारे की आवश्यकता होगी. इसे ध्यान में रखते हुए अभी सितंबर और अक्टूबर माह में वन प्रबंधन समितियों को हरे चारे की कटाई का कार्य कराने के निर्देश दिए, जिससे लोगों को रोजगार भी मिले और गौठानों में चारे की उपलब्धता सुनिश्चित हो सके. इस अवसर पर वन मंत्री मोहम्मद अकबर भी उपस्थित थे.

हरे चारे का हो भंडार

मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि इससे काफी मात्रा में हरा और पौष्टिक चारा इक्कठा हो सकता है. उन्होंने कहा कि सभी वन मंडलों में कुछ केंद्रों में हरा चारा के गठ्ठर बना कर भंडारित किए जाए और इन केंद्रों की जानकारी ऑनलाइन उपलब्ध कराई जाए, जिससे गौठान समितियां और निजी क्षेत्र के पशुपालक अपनी आवश्यकता अनुसार चारा निर्धारित दर पर क्रय कर सकें.

बड़े-बड़े तालाबों के निर्माण कार्य को भी करें शामिल

सीएम बघेल ने बैठक के दौरान नरवा योजना के अंतर्गत भू-जल संरक्षण और संवर्धन के कार्यो की समीक्षा की. बैठक में बताया गया कि वर्ष 2019-20 की कार्य योजना में नरवा विकास योजना के अंतर्गत 12 लाख 55 हजार 128 स्वीकृत संरचनाओं में से अब तक 8 लाख 49 हजार से अधिक संरचनाओं का विकास हो चुका है. इनमें चेक डैम, स्टॉप डैम, चेकडैम, एनीकट, डाइक वाल आदि शामिल है.

राजकीय पशु-पक्षी के विषय में चर्चा

इस दौरान राजकीय पशु वन भैंसा, राजकीय पक्षी बस्तर मैना, बारहसिंगा, लकड़बग्घा, सोनकुत्ता, गिद्ध आदि के संरक्षण और संवर्धन के संबंध में चर्चा की गई. राज्य में शेरों की संख्या में वृद्धि और पक्षियों के भी रहवास सुधार के लिए विस्तृत कार्य योजना बनाने के संबंध में चर्चा हुई. सीएम ने बैठक में कहा कि हाथी-मानव टकराव की स्थिति को रोकने के लिए हाथी को मानव का मित्र बनाने की पहल की जाए.

जन-जागरूकता से हाथियों के आतंक को कम किया जा सकता है

मुख्यमंत्री ने हाथी-मानव द्वन्द में नियंत्रण पाने के लिए जन-जागरूकता लाने सहित बेहतर कार्य योजना बनाने के संबंध में वन विभाग को विशेष जोर दिया. मुख्यमंत्री ने कहा कि एक अनुमान के अनुसार केरल में लगभग 6000 हाथी हैं, वहां यदा-कदा ही हाथी-मानव द्वन्द की स्थिति निर्मित होती है. हाथियों को मानव का मित्र बनाने की दिशा में आवश्यक पहल होनी चाहिए.

अरपा में साल भर जल का प्रवाह बना रहे

बैठक में अरपा नदी को जीवित करने की योजना पर प्रस्तुतिकरण दिया गया. मुख्यमंत्री ने कहा कि अरपा नदी के उद्गम पेंड्रा से शिवनाथ नदी में मिलने तक के मार्ग में नरवा ट्रीटमेंट का कार्य कार्ययोजना के अनुसार सुनिश्चित किया जाए, जिससे अरपा में प्राकृतिक रूप से सालभर जल का प्रवाह बना रहे.

रायपुर: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में बुधवार को उनके निवास कार्यालय में कैम्पा शासी निकाय की प्रथम बैठक आयोजित की गई. सीएम बघेल ने बैठक में कैम्पा मद से कराए गए कार्यों की विस्तृत समीक्षा की. बैठक में बताया गया कि साल 2019-20 में कैम्पा के वार्षिक कार्य योजना के तहत 429 करोड़ 21 लाख रूपये की राशि खर्च कर विभिन्न रोजगार मूलक कार्यो के जरिए 89.73 लाख मानव दिवस का रोजगार सृजित किया गया.

First meeting of campa governing body
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में हुई बैठक

वर्ष 2020-21 में कोरोना संकट काल के दौरान एक अप्रैल से अब तक 219 करोड़ 63 लाख रूपये की राशि व्यय कर 42.44 लाख मानव दिवस का रोजगार सृजन किया गया. मुख्यमंत्री ने वनांचल में लोगों को अधिक से अधिक रोजगार उपलब्ध कराने के लिए आवर्ती चराई योजना और वन अधिकार अधिनियम के तहत मनरेगा में अधिक से अधिक कार्य स्वीकृत करने के निर्देश दिए.

चारे की कटाई के निर्देश

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में 4400 गौठानों का निर्माण पूरा हो गया है, जहां बड़ी संख्या में मवेशी डे-केयर में रखे जा रहे हैं. यहां बड़ी मात्रा में चारे की आवश्यकता होगी. इसे ध्यान में रखते हुए अभी सितंबर और अक्टूबर माह में वन प्रबंधन समितियों को हरे चारे की कटाई का कार्य कराने के निर्देश दिए, जिससे लोगों को रोजगार भी मिले और गौठानों में चारे की उपलब्धता सुनिश्चित हो सके. इस अवसर पर वन मंत्री मोहम्मद अकबर भी उपस्थित थे.

हरे चारे का हो भंडार

मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि इससे काफी मात्रा में हरा और पौष्टिक चारा इक्कठा हो सकता है. उन्होंने कहा कि सभी वन मंडलों में कुछ केंद्रों में हरा चारा के गठ्ठर बना कर भंडारित किए जाए और इन केंद्रों की जानकारी ऑनलाइन उपलब्ध कराई जाए, जिससे गौठान समितियां और निजी क्षेत्र के पशुपालक अपनी आवश्यकता अनुसार चारा निर्धारित दर पर क्रय कर सकें.

बड़े-बड़े तालाबों के निर्माण कार्य को भी करें शामिल

सीएम बघेल ने बैठक के दौरान नरवा योजना के अंतर्गत भू-जल संरक्षण और संवर्धन के कार्यो की समीक्षा की. बैठक में बताया गया कि वर्ष 2019-20 की कार्य योजना में नरवा विकास योजना के अंतर्गत 12 लाख 55 हजार 128 स्वीकृत संरचनाओं में से अब तक 8 लाख 49 हजार से अधिक संरचनाओं का विकास हो चुका है. इनमें चेक डैम, स्टॉप डैम, चेकडैम, एनीकट, डाइक वाल आदि शामिल है.

राजकीय पशु-पक्षी के विषय में चर्चा

इस दौरान राजकीय पशु वन भैंसा, राजकीय पक्षी बस्तर मैना, बारहसिंगा, लकड़बग्घा, सोनकुत्ता, गिद्ध आदि के संरक्षण और संवर्धन के संबंध में चर्चा की गई. राज्य में शेरों की संख्या में वृद्धि और पक्षियों के भी रहवास सुधार के लिए विस्तृत कार्य योजना बनाने के संबंध में चर्चा हुई. सीएम ने बैठक में कहा कि हाथी-मानव टकराव की स्थिति को रोकने के लिए हाथी को मानव का मित्र बनाने की पहल की जाए.

जन-जागरूकता से हाथियों के आतंक को कम किया जा सकता है

मुख्यमंत्री ने हाथी-मानव द्वन्द में नियंत्रण पाने के लिए जन-जागरूकता लाने सहित बेहतर कार्य योजना बनाने के संबंध में वन विभाग को विशेष जोर दिया. मुख्यमंत्री ने कहा कि एक अनुमान के अनुसार केरल में लगभग 6000 हाथी हैं, वहां यदा-कदा ही हाथी-मानव द्वन्द की स्थिति निर्मित होती है. हाथियों को मानव का मित्र बनाने की दिशा में आवश्यक पहल होनी चाहिए.

अरपा में साल भर जल का प्रवाह बना रहे

बैठक में अरपा नदी को जीवित करने की योजना पर प्रस्तुतिकरण दिया गया. मुख्यमंत्री ने कहा कि अरपा नदी के उद्गम पेंड्रा से शिवनाथ नदी में मिलने तक के मार्ग में नरवा ट्रीटमेंट का कार्य कार्ययोजना के अनुसार सुनिश्चित किया जाए, जिससे अरपा में प्राकृतिक रूप से सालभर जल का प्रवाह बना रहे.

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