रायपुर: एक बार फिर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केंद्र की मोदी सरकार सहित भाजपा पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं. सोमवार को रायपुर में ही एक कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे सीएम बघेल ने भाजपा और केंद्र सरकार पर भ्रष्टाचारियों को संरक्षण देने का सीधा आरोप लगाया. अडानी के मामले को लेकर भी मोदी सरकार पर निशाना साधा.
भाजपा के आरोपों का सधे अंदाज में दिया जवाब: करप्शन मामले में सोनिया गांधी और राहुल गांधी बेल पर हैं, भाजपा के इन आरोपों पर पलटवार करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा "हमारे नेता तो सिर्फ बेल पर है और जो जेल में थे वह देश के गृहमंत्री है, उनके राष्ट्रीय अध्यक्ष थे. आप किसी को भी फंसा कर उन्हें बदनाम करने के लिए कुछ भी कर दे रहे हैं. नेशनल हेराल्ड किनका है और जो कंपनी बनी है वह किसकी है. उसमें कौन सी मनी लाॅड्रिंग हो गई, जिसमें गिरफ्तारी कर रहे हैं. मैं तो कब से कह रहा हूं कि मनी लोडिंग का सबसे बेहतरीन उदाहरण यहां छत्तीसगढ़ में है. पूरे देश में यह देखने को मिलेगा. जो चिटफंड कंपनी बनाए थे, अकेले छत्तीसगढ़ में हजारों करोड़ रुपए लेकर चले गए और कहीं ना कहीं वह पैसा लगाया गया है. मनी लॉन्ड्रिंग का इससे बड़ा उदाहरण क्या हो सकता है."
उनके नेता फंसे हैं इसलिए नहीं कर रहे जांच: सीएम बघेल ने चिट फंड मामले में होम मिनिस्टर, प्रधानमंत्री, वित्त मंत्री और ईडी के डायरेक्टर को जांच करने के लिए पत्र लिखने का दावा किया. बावजूद इसके जांच नहीं की जा रही. इसका कारण सीएम ने उनके नेताओं का इसमें फंसा होना बताया. सीएम ने बताया कि "अभी जिस प्रकार से महादेव ऐप रजिस्टर कर लिए हैं, लेकिन कार्रवाई नहीं कर रहे हैं. जब हम लोग कार्रवाई नहीं कर रहे थे, तब वह कह रहे थे कि कांग्रेस के नेता इसमें शामिल हैं. जब हमने कार्रवाई शुरू की तो तुरंत केस रजिस्टर्ड कर लिया. अब उन पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं, क्योंकि हकीकत सामने आ गया है. उनको पता है कि इसमें उनके नेता हैं इसीलिए जांच रोका गया है."
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केंद्र सरकार पर भ्रष्टाचारियों को संरक्षण देने का आरोप: बघेल ने कहा कि "यदि 40 परसेंट कमीशन का आरोप लग रहा था, जिसे पूरा कर्नाटक जान रहा. जिसके कारण एक नौजवान ने आत्महत्या की और जिस पर आरोप लगा है उससे प्रधानमंत्री जी बात कर रहे हैं. इससे बड़ा उदाहरण और क्या हो सकता है. भ्रष्टाचार कोई मुद्दा नहीं है, यह जो राज्यपाल सत्यपाल मलिक हैं, उन्होंने कहा है. यदि भ्रष्टाचार मुद्दा है और भ्रष्टाचार को संरक्षण नहीं है तो अडाणी के मामले में आज तक ईडी और सीबीआई ने क्यों कार्रवाई नहीं की. 26 जनवरी के बाद का मामला है, 4 महीने बीत गए हैं, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई. इसका मतलब यह है भ्रष्टाचार को अगर सबसे ज्यादा संरक्षण कोई दे रहा है तो भारतीय जनता पार्टी और केंद्र सरकार दे रही है."