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पोल्ट्री फार्मर एसोसिएशन ने सीएम से की मुलाकात, मिला मदद का भरोसा

बैठक में सीएम ने कहा कि प्रदेश में पोल्ट्री इंड्रस्ट्रीज को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार की ओर से हर संभव मदद दी जाएगी.

CM Bhupesh Baghel taking a meeting of officers
बैठक लेते सीएम भूपेश बघेल
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Published : Oct 13, 2020, 6:18 PM IST

रायपुर: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से छत्तीसगढ़ पोल्ट्री फार्मर एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने मुलाकात की है. इस दौरान सीएम ने कहा कि प्रदेश में पोल्ट्री इंड्रस्ट्रीज को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार की ओर से हर संभव मदद दी जाएगी.

उन्होंने कहा कि खेती-किसानी से जुड़े मुर्गी पालन और मछली पालन के व्यवसाय की प्रदेश में काफी संभावनाएं हैं, इन व्यवसायों से युवाओं को जोड़ने के लिए पोल्ट्री और मछली पालन के प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाएगी.

किसानों को दी जा रही आर्थिक मदद

सूबे के मुखिया ने कहा कि राज्य में किसानों को उनकी उपज की बेहतर कीमत दी और राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत किसानों को आर्थिक मदद दी जा रही है. इन व्यवसायों से युवाओं को जोड़ने के लिए पोल्ट्री और मछली पालन के प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाएगी.

मुर्गी और मछली पालन को बढ़ाने में मिलेगी मदद

भूपेश बघेल ने कहा कि राज्य में किसानों को उनकी उपज की बेहतर कीमत दी जा रही है. इसके अलावा राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत किसानों को आर्थिक मदद दी जा रही, जिसका उपयोग किसान परिवार के युवा मुर्गी पालन और मत्स्य पालन के व्यवसाय में आगे बढ़ने में कर सकते हैं.

मुर्गी खाद के प्रमाणीकरण की व्यवस्था करने के निर्देश

इस दौरान उद्योग मंत्री कवासी लखमा भी मौजूद थे. चर्चा के दौरान एसोसिएशन के प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री को बताया कि मुर्गी खाद की मशरूम उत्पादकों के बीच अच्छी मांग है, इसमें नाइट्रोजन प्रचुर मात्रा में होता है. यदि मुर्गी खाद के प्रमाणीकरण की व्यवस्था की जाए, तो इसकी अच्छी कीमत मिलने की संभावना बढ़ जाएगी. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को मुर्गी खाद के प्रमाणीकरण की व्यवस्था करने के निर्देश दिए.

कोरोना काल में हुआ बड़ा नुकसान

एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री को बताया कि प्रदेश में 90 प्रतिशत छोटे पोल्ट्री फार्म हैं, कोरोना संकट की वजह से उन्हें काफी नुकसान उठाना पड़ा है. यदि राज्य शासन की ओर से बिजली बिल में छूट मिलती है तो, इससे पोल्ट्री व्यवसायियों को बड़ा सहारा मिलेगा. प्रतिनिधिमंडल के प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री ने गंभीरता से विचार करने का आश्वासन दिया.

फसल का रकबा बढ़ाने की होगी पहल

इस दौरान मुर्गी दाने के रूप में उपयोग होने वाले मक्का और सोयाबीन का रकबा बढ़ाने के संबंध में मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि मक्का और सोयाबीन की खपत पोल्ट्री इंड्रस्ट्रीज में बढ़ती है, तो इन फसलों का रकबा बढ़ाने की पहल की जाएगी.

बैठक में ये लोग थे मौजूद

इस अवसर पर मुख्यमंत्री के सचिव सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी, छत्तीसगढ़ पोल्ट्री फार्मर एसोसिएशन के सदस्य बहादुर अली, अंजुम अल्वी, संजय ब्राम्हणकर और रवि चंद्राकर मौजूद थे.

रायपुर: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से छत्तीसगढ़ पोल्ट्री फार्मर एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने मुलाकात की है. इस दौरान सीएम ने कहा कि प्रदेश में पोल्ट्री इंड्रस्ट्रीज को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार की ओर से हर संभव मदद दी जाएगी.

उन्होंने कहा कि खेती-किसानी से जुड़े मुर्गी पालन और मछली पालन के व्यवसाय की प्रदेश में काफी संभावनाएं हैं, इन व्यवसायों से युवाओं को जोड़ने के लिए पोल्ट्री और मछली पालन के प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाएगी.

किसानों को दी जा रही आर्थिक मदद

सूबे के मुखिया ने कहा कि राज्य में किसानों को उनकी उपज की बेहतर कीमत दी और राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत किसानों को आर्थिक मदद दी जा रही है. इन व्यवसायों से युवाओं को जोड़ने के लिए पोल्ट्री और मछली पालन के प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाएगी.

मुर्गी और मछली पालन को बढ़ाने में मिलेगी मदद

भूपेश बघेल ने कहा कि राज्य में किसानों को उनकी उपज की बेहतर कीमत दी जा रही है. इसके अलावा राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत किसानों को आर्थिक मदद दी जा रही, जिसका उपयोग किसान परिवार के युवा मुर्गी पालन और मत्स्य पालन के व्यवसाय में आगे बढ़ने में कर सकते हैं.

मुर्गी खाद के प्रमाणीकरण की व्यवस्था करने के निर्देश

इस दौरान उद्योग मंत्री कवासी लखमा भी मौजूद थे. चर्चा के दौरान एसोसिएशन के प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री को बताया कि मुर्गी खाद की मशरूम उत्पादकों के बीच अच्छी मांग है, इसमें नाइट्रोजन प्रचुर मात्रा में होता है. यदि मुर्गी खाद के प्रमाणीकरण की व्यवस्था की जाए, तो इसकी अच्छी कीमत मिलने की संभावना बढ़ जाएगी. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को मुर्गी खाद के प्रमाणीकरण की व्यवस्था करने के निर्देश दिए.

कोरोना काल में हुआ बड़ा नुकसान

एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री को बताया कि प्रदेश में 90 प्रतिशत छोटे पोल्ट्री फार्म हैं, कोरोना संकट की वजह से उन्हें काफी नुकसान उठाना पड़ा है. यदि राज्य शासन की ओर से बिजली बिल में छूट मिलती है तो, इससे पोल्ट्री व्यवसायियों को बड़ा सहारा मिलेगा. प्रतिनिधिमंडल के प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री ने गंभीरता से विचार करने का आश्वासन दिया.

फसल का रकबा बढ़ाने की होगी पहल

इस दौरान मुर्गी दाने के रूप में उपयोग होने वाले मक्का और सोयाबीन का रकबा बढ़ाने के संबंध में मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि मक्का और सोयाबीन की खपत पोल्ट्री इंड्रस्ट्रीज में बढ़ती है, तो इन फसलों का रकबा बढ़ाने की पहल की जाएगी.

बैठक में ये लोग थे मौजूद

इस अवसर पर मुख्यमंत्री के सचिव सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी, छत्तीसगढ़ पोल्ट्री फार्मर एसोसिएशन के सदस्य बहादुर अली, अंजुम अल्वी, संजय ब्राम्हणकर और रवि चंद्राकर मौजूद थे.

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