रायपुर : राजस्थान को कोयला आपूर्ति मामले में अंतिम अनुमति दिए जाने की चर्चा है. जब इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से सवाल किया गया तो उनका कहना था कि अंतिम अनुमति नहीं दी गई है, वह सारी प्रक्रिया में है. सीएम बघेल ने कहा कि "पहले भी मैंने कहा था जो प्रक्रिया है उसके अंतर्गत नियमों का पालन किया जाएगा. पहले भी मैंने कहा कि पर्यावरण के प्रति और हमारे आदिवासी लोगों के हितों में कोई समझौता नहीं होगा, लेकिन जो अनुमति मिलती है तो नियमानुसार मिलेगी."
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जनसंपर्क विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, भारत सरकार, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, नई दिल्ली की पत्र दिनांक 02.02.2022 के माध्यम से सरगुजा वनमंडल अंतर्गत Parsa East and kete Basan Coal Block (PEKB) से कोयला उत्खनन कार्य के लिए Phase II के तहत 1136.00 हेक्टेयर वन भूमि की अनुमति प्रदान की गई है.
छत्तीसगढ़ शासन द्वारा जिला कलेक्टर एवं जिला वनमंडलाधिकारी को जारी अनुमति में उल्लेखित शर्तों का पालन करा आवश्यक कार्रवाई किए जाने का निर्देशित किया गया है. जिला कलेक्टर एवं जिला वनमंडलाधिकारी द्वारा शर्तों का पालन सुनिश्चित किए जाने पर की कार्ययोजना का परीक्षण कर समग्र विचारोपरांत खनन प्रारंभ करने के संबंध में अंतिम निर्णय लिया जाएगा.
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने रायपुर आकर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मुलाकात की थी. राजस्थान को कोयले की सुचारू आपूर्ति के लिए राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम को आवंटित कोल ब्लॉक में माइनिंग करने की स्वीकृति शीघ्र जारी करने का अनुरोध किया था.