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जीएसटी क्षतिपूर्ति बंद किए जाने पर सीएम भूपेश बघेल ने जताई ये आपत्ति, 17 मुख्यमंत्रियों को लिखा पत्र - Baghel objection on closure of GST compensation

जीएसटी क्षतिपूर्ति बंद किए जाने पर सीएम बघेल ने आपत्ति जताई है, उन्होंने 17 राज्यों के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर मोदी सरकार के इस निर्णय का विरोध करने की अपील की है.

CM Bhupesh Baghel
सीएम भूपेश बघेल
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Published : Mar 28, 2022, 1:30 PM IST

Updated : Mar 28, 2022, 1:48 PM IST

रायपुर: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जीएसटी मामले पर केंद्र सरकार को घेरा है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि केंद्र सरकार ने जीएसटी की क्षतिपूर्ति राशि मामले में बड़ा फैसला लिया है. राज्यों को जीएसटी की क्षतिपूर्ति राशि दी जाती थी, जिसे केंद्र ने बंद करने का फैसला लिया है. ऐसे में राज्यों को बड़ा झटका लगा है. इस मामले को लेकर सीएम बघेल ने 17 राज्यों के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखा है और मोदी सरकार के इस फैसले का विरोध करने की अपील की है.

जीएसटी क्षतिपूर्ति बंद किए जाने पर सीएम बघेल ने आपत्ति जताई

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि ''केंद्र सरकार ने निर्णय लिया है कि जून 2022 के बाद राज्यों को दी जाने वाली जीएसटी की क्षतिपूर्ति बंद कर दी जाएगी. इससे उत्पादक राज्यों को राजस्व की भारी हानि होगी. इसके पूर्व जब जीएसटी क्षतिपूर्ति की राशि की बात आई थी तो केंद्र सरकार ने कहा था कि राज्य सरकार अपनी गारंटी पर बैंकों से लोन ले और जब जीएसटी क्षतिपूर्ति की राशि दी जाएगी तो उस लोन को चुका दे. उस समय मैंने केंद्र सरकार को सुझाव दिया था कि अलग-अलग राज्य अलग-अलग बैंकों से बात करेंगे. अलग-अलग ब्याज दर होगी. लोन लेने में परेशानी होगी. ऐसे में केंद्र सरकार बैंक से लोन ले और हम राज्यों को दे. बाद में जीएसटी की मिलने वाली राशि से उस लोन का भुगतान कर दे, जिसे केंद्र सरकार ने स्वीकार नहीं किया.''

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मुख्यमंत्री बघेल ने मुख्यमंत्रियों को लिखा खत: इस खत में उन्होंने राज्यों के मुख्यमंत्रियों से चर्चा करते हुए तीन बिंदुओं में अपनी बात रखी है. उन्होंने कहा है कि केंद्रीय वित्त मंत्री की अध्यक्षता में 29 दिसंबर, 2021 को नई दिल्ली में राज्यों के मुख्यमंत्रियों और वित्त मंत्रियों के साथ बजट-पूर्व बैठक में छत्तीसगढ़ सहित अन्य राज्यों ने जून 2022 में समाप्त होने वाले जीएसटी मुआवजे पर चिंता जताई थी. केंद्र सरकार से इसे और 5 साल के लिए बढ़ाने का अनुरोध किया, जबकि इस मामले में सभी राज्य केंद्र सरकार से सकारात्मक निर्णय की उम्मीद रखते हैं.

दूसरे बिंदु में उन्होंने कहा है कि छत्तीसगढ़ और आंध्र प्रदेश जैसे मैन्युफैक्चरिंग राज्यों के लिए जीएसटी क्षतिपूर्ति नहीं मिलना एक बड़ा वित्तीय नुकसान होगा. विनिर्माण राज्य होने के नाते, देश की अर्थव्यवस्था के विकास में हमारा योगदान उन राज्यों की तुलना में बहुत अधिक है, जिन्हें वस्तुओं और सेवाओं की अधिक खपत के कारण जीएसटी शासन से लाभ हुआ है. यदि जीएसटी क्षतिपूर्ति जून 2022 से आगे जारी नहीं रखा गया, तो छत्तीसगढ़ को भारी राजस्व नुकसान का सामना करना पड़ सकता है. आगामी वित्तीय वर्ष में लगभग 5,000 करोड़ का नुकसान हो सकता है. ठीक इसी तरह दूसरे राज्यों को भी आगामी वित्तीय वर्ष में राजस्व प्राप्तियां कम होगी और राज्यों को इस समस्या से जनहित के कार्यों और विकास कार्यों के लिए पैसों की व्यवस्था करना बहुत कठिन हो जाएगा.

तीसरे बिंदु में बघेल ने बताया है कि जीएसटी व्यवस्था की शुरुआत के बाद टैक्स नीति पर राज्यों की स्वतंत्रता बहुत कम हो गई है. वाणिज्यिक टैक्स के अलावा, राज्यों के पास टैक्स राजस्व की अन्य मदों में राजस्व बढ़ाने के लिए विकल्प नहीं बचे हैं. इसलिए अर्थव्यवस्था पर कोविड-19 के दुष्प्रभाव से उबरने के लिए और राज्यों को जीएसटी का यथोचित लाभ मिलने तक, राज्यों को केंद्र सरकार से अनुरोध करना चाहिए कि वह कम से कम अगले 5 साल के लिए जीएसटी की कमी के लिए क्षतिपूर्ति के मौजूदा तंत्र को जारी रखें. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विश्वास जताया कि राज्य उनकी बात से सहमत होंगे और एक साथ इस मुद्दे पर केंद्र से सहमति का साझा अनुरोध करेंगे.

रायपुर: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जीएसटी मामले पर केंद्र सरकार को घेरा है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि केंद्र सरकार ने जीएसटी की क्षतिपूर्ति राशि मामले में बड़ा फैसला लिया है. राज्यों को जीएसटी की क्षतिपूर्ति राशि दी जाती थी, जिसे केंद्र ने बंद करने का फैसला लिया है. ऐसे में राज्यों को बड़ा झटका लगा है. इस मामले को लेकर सीएम बघेल ने 17 राज्यों के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखा है और मोदी सरकार के इस फैसले का विरोध करने की अपील की है.

जीएसटी क्षतिपूर्ति बंद किए जाने पर सीएम बघेल ने आपत्ति जताई

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि ''केंद्र सरकार ने निर्णय लिया है कि जून 2022 के बाद राज्यों को दी जाने वाली जीएसटी की क्षतिपूर्ति बंद कर दी जाएगी. इससे उत्पादक राज्यों को राजस्व की भारी हानि होगी. इसके पूर्व जब जीएसटी क्षतिपूर्ति की राशि की बात आई थी तो केंद्र सरकार ने कहा था कि राज्य सरकार अपनी गारंटी पर बैंकों से लोन ले और जब जीएसटी क्षतिपूर्ति की राशि दी जाएगी तो उस लोन को चुका दे. उस समय मैंने केंद्र सरकार को सुझाव दिया था कि अलग-अलग राज्य अलग-अलग बैंकों से बात करेंगे. अलग-अलग ब्याज दर होगी. लोन लेने में परेशानी होगी. ऐसे में केंद्र सरकार बैंक से लोन ले और हम राज्यों को दे. बाद में जीएसटी की मिलने वाली राशि से उस लोन का भुगतान कर दे, जिसे केंद्र सरकार ने स्वीकार नहीं किया.''

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मुख्यमंत्री बघेल ने मुख्यमंत्रियों को लिखा खत: इस खत में उन्होंने राज्यों के मुख्यमंत्रियों से चर्चा करते हुए तीन बिंदुओं में अपनी बात रखी है. उन्होंने कहा है कि केंद्रीय वित्त मंत्री की अध्यक्षता में 29 दिसंबर, 2021 को नई दिल्ली में राज्यों के मुख्यमंत्रियों और वित्त मंत्रियों के साथ बजट-पूर्व बैठक में छत्तीसगढ़ सहित अन्य राज्यों ने जून 2022 में समाप्त होने वाले जीएसटी मुआवजे पर चिंता जताई थी. केंद्र सरकार से इसे और 5 साल के लिए बढ़ाने का अनुरोध किया, जबकि इस मामले में सभी राज्य केंद्र सरकार से सकारात्मक निर्णय की उम्मीद रखते हैं.

दूसरे बिंदु में उन्होंने कहा है कि छत्तीसगढ़ और आंध्र प्रदेश जैसे मैन्युफैक्चरिंग राज्यों के लिए जीएसटी क्षतिपूर्ति नहीं मिलना एक बड़ा वित्तीय नुकसान होगा. विनिर्माण राज्य होने के नाते, देश की अर्थव्यवस्था के विकास में हमारा योगदान उन राज्यों की तुलना में बहुत अधिक है, जिन्हें वस्तुओं और सेवाओं की अधिक खपत के कारण जीएसटी शासन से लाभ हुआ है. यदि जीएसटी क्षतिपूर्ति जून 2022 से आगे जारी नहीं रखा गया, तो छत्तीसगढ़ को भारी राजस्व नुकसान का सामना करना पड़ सकता है. आगामी वित्तीय वर्ष में लगभग 5,000 करोड़ का नुकसान हो सकता है. ठीक इसी तरह दूसरे राज्यों को भी आगामी वित्तीय वर्ष में राजस्व प्राप्तियां कम होगी और राज्यों को इस समस्या से जनहित के कार्यों और विकास कार्यों के लिए पैसों की व्यवस्था करना बहुत कठिन हो जाएगा.

तीसरे बिंदु में बघेल ने बताया है कि जीएसटी व्यवस्था की शुरुआत के बाद टैक्स नीति पर राज्यों की स्वतंत्रता बहुत कम हो गई है. वाणिज्यिक टैक्स के अलावा, राज्यों के पास टैक्स राजस्व की अन्य मदों में राजस्व बढ़ाने के लिए विकल्प नहीं बचे हैं. इसलिए अर्थव्यवस्था पर कोविड-19 के दुष्प्रभाव से उबरने के लिए और राज्यों को जीएसटी का यथोचित लाभ मिलने तक, राज्यों को केंद्र सरकार से अनुरोध करना चाहिए कि वह कम से कम अगले 5 साल के लिए जीएसटी की कमी के लिए क्षतिपूर्ति के मौजूदा तंत्र को जारी रखें. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विश्वास जताया कि राज्य उनकी बात से सहमत होंगे और एक साथ इस मुद्दे पर केंद्र से सहमति का साझा अनुरोध करेंगे.

Last Updated : Mar 28, 2022, 1:48 PM IST
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