रायपुर: महिला बाल विकास विभाग द्वारा यूनिसेफ के सहयोग से तैयार किए गए ‘चकमक अभियान‘ और ‘सजग कार्यक्रम‘ का शुभारंभ शनिवार को भूपेश बघेल ने किया. इस कार्यक्रम का शुभारंभ आंगनबाड़ी के बच्चों के विकास के लिए किया गया है.
बच्चों के रचनात्मक विकास के लिए ’चकमक अभियान’ के तहत लाॅकडाउन के समय जब आंगनबाड़ी बंद है तो बच्चों को घरों में ही पारिवारिक सदस्यों के साथ दादा-दादी, नाना-नानी के साथ रचनात्मक गतिविधियों में व्यस्त रख कर सिखाने की पहल की जाएगी. पारिवारिक सदस्यों को बच्चों के साथ आनंदपूर्ण गतिविधियां करायी जाएगी. यह अभियान बच्चों के स्वास्थ्य, पोषण और समग्र विकास की प्रक्रिया को घर तक बढ़ावा देने के उद्देश्य से यूनिसेफ के तकनीकी सहयोग से तैयार किए गए ’सजग कार्यक्रम’ की शुरुआत की गई है.
विकासखंडवार नक्शा का विमोचन किया
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने हल्बी और गोंडी बोली में दो पुस्तिका ’मोददोल डाका’ और ’पहिल डांहका’ और छत्तीसगढ़ की स्थानीय बोलियों के विकासखंडवार नक्शा का विमोचन भी किया. गोंडी बोली में मोददोल डाका और हल्बी बोली में पहिल डांहका का अर्थ ’पहला कदम’ होता है.
इस तरीके से काम करेगी ये योजना
चकमक और सजग कार्यक्रम के लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के मोबाइल पर बच्चों और उनके अभिभावकों के लिए सोशल मीडिया प्लेटफाॅर्म फेसबुक और वाट्सए पर टास्क दिशा निर्देश दिए जाएंगे. आंगनबाड़ी कार्यकर्ता घर-घर जाकर इन कार्यक्रमों के बारे में जागरूक करेंगे और अभिभावकों के मोबाइल पर यह जानकारी भेजेंगे.