रायपुर: राजधानी रायपुर के आमानाका आदर्श थाने के लोकार्पण के बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कई मुद्दों पर मीडिया से बात की. किसान सम्मान निधि के बारे में प्रदेश के मुख्यमंत्री का कहना है कि, 'लोकसभा चुनाव के पहले लोकसभा में इसे पारित किया गया था और राज्य सरकार से सूची भी मांगी गई और राज्य सरकार ने सूची भी उपलब्ध करा दी थी.'
'बढ़ानी चाहिए किसानों की सम्मान निधि'
उन्होंने बताया कि, 'किसानों को दो-दो हजार रुपए की राशि 3 किस्तों में मिलने की थ, लेकिन प्रदेश के कई किसानों को तीन किस्त आज तक नहीं मिल पाया, जिसके लिए उन्होंने पीएम से मांग की थी. जिन किसानों के पास वन अधिकार मान्यता पत्र है, उन किसानों को सम्मान निधि 6 हजार रुपए की जगह 12 हजार रुपए दिया जाना चाहिए.'
आदिवासी संबंधी मामले पर भी बोले CM
मुख्यमंत्री ने आदिवासी संबंधी मामलों के लिए गठित समिति के बारे में बताया कि, 'छत्तीसगढ़ सरकार ने जस्टिस पटनायक सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड चीफ जस्टिस की अध्यक्षता में समिति बना दी थी और सभी जिला कलेक्टर और एसपी को निर्देश दिए गए थे कि वह अपनी जांच रिपोर्ट गठित समिति को सौंपे.'
उनका कहना था कि, 'भोले-भाले आदिवासी पर सरकार कोई दबाव नहीं बनाएगी. मुख्यमंत्री का मानना है कि पिछले 10 माह में जवानों को नुकसान कम हुआ है.'
'नक्सलियों के बड़े लीडर मारे गए'
बघेल का कहना था कि, 'इतने दिनों में नक्सलियों के बड़े लीडर मारे गए हैं. कई नक्सलियों ने सरेंडर किया है और कई गिरफ्तार किए गए हैं. इसके साथ ही नक्सलियों से इंसास एके-47 जैसे बड़े हथियार भी पुलिस ने बरामद किया है.'
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प्रदेश के आर्थिक स्तर पर कई क्षेत्रों में आई सुधार
मुख्यमंत्री ने कहा कि, देश में आर्थिक मंदी के बाद भी ऑटोमोबाइल सेक्टर में छत्तीसगढ़ अव्वल रहा है. इसके पीछे उनका मानना है कि, 'मनमोहन सिंह जब देश के प्रधानमंत्री थे. उस समय पूरी दुनिया मंदी के दौर से गुजर रहा था. ऐसे में मनमोहन सरकार ने पूरे देश को मंदी से उबारने के लिए मनरेगा जैसे काम शुरू करवाए थे और उसी की तर्ज पर छत्तीसगढ़ में लाखों किसानों के खाते में पैसे डाले गए और ऋण माफ किए गए.'
- उन्होंने कहा कि, गृहिणियों को राहत देने के लिए 400 यूनिट तक बिजली बिल आधा कर दिया गया, जिससे गृहणी घर का बचत कर सकें. इसके साथ ही प्रदेश सरकार ने 4 हजार रुपए मानक बोरा की दर से तेंदूपत्ता की खरीदी की.
- मुख्यमंत्री ने कहा कि, प्रदेश में रजिस्ट्री के मामले में जून से सितंबर तक पिछले साल 92 करोड़ रुपए की जमीन की रजिस्ट्री हुई थी जो कि इस साल जून से सितंबर के बीच बढ़कर 152 करोड़ों रुपए की जमीन की रजिस्ट्री हुई है.
- इतना ही नहीं सर्राफा बाजार में भी 84% की वृद्धि इस सरकार में हुई हैं.
- उन्होंने आगे कहा कि, 'भारत सरकार ने एक लाख 74 हजार करोड़ रुपए आरबीआई से निकाल कर कारपोरेट सेक्टर में इन्वेस्ट कर दिया, जिसका किसी तरह का कोई फायदा नहीं दिख रहा है जबकि यहां की कांग्रेस सरकार गरीब और आदिवासियों की चिंता करने वाली सरकार है.'