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Pre budget meeting: सीएम बघेल की मोदी सरकार से मांग, जीएसटी मुआवजा अनुदान रखें जारी - जीएसटी कर प्रणाली

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गुरुवार को प्री-बजट बैठक (Pre budget meeting) में जीएसटी मुआवजा अनुदान अगले 5 साल तक जारी (GST compensation grant) रखने की राज्य की मांग को दोहराया.

Pre budget meeting
प्री बजट मीटिंग में सीएम बघेल हुए शामिल
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Published : Dec 30, 2021, 8:18 PM IST

नई दिल्ली/ रायपुर : केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दिल्ली के विज्ञान भवन में राज्यों के वित्त मंत्रियों के साथ प्री-बजट बैठक (Pre budget meeting) की. इसमें छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल भी शामिल हुए. सीएम बघेल ने जीएसटी मुआवजा अनुदान (GST compensation grant) अगले 5 साल तक जारी रखने की राज्य की मांग को दोहराया. सीएम बघेल ने जीएसटी मुआवजे के साथ-साथ नक्सल उन्मूलन में तैनात केंद्रीय सुरक्षा बलों पर 15 हजार करोड़ रुपये के खर्च की प्रतिपूर्ति और कोयला ब्लॉक कंपनियों से 'अतिरिक्त लेवी' के रूप में जुटाए गए 4,140 करोड़ रुपये की मांग की है. प्री-बजट बैठक में भूपेश बघेल ने कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान आर्थिक गतिविधियों में व्यवधान के कारण राज्य की अर्थव्यवस्था प्रभावित हुई है. जीएसटी मुआवजे की मांग पर उन्होंने कहा कि केंद्र से लंबित राशि मिलने पर राज्य सरकार विकास कार्यक्रमों और योजनाओं पर खर्च कर सकेगी.

जीएसटी कर प्रणाली से राज्य को हुआ नुकसान

मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि जीएसटी कर प्रणाली के कारण राज्यों को राजस्व का नुकसान हुआ है. केंद्र ने आने वाले वर्ष में राज्य को लगभग 5000 करोड़ रुपये के राजस्व के नुकसान की भरपाई करने की व्यवस्था नहीं की है. इसलिए जीएसटी मुआवजा अनुदान जून 2022 के बाद भी अगले 5 साल तक जारी रखी जाए. बघेल ने दावा किया कि पिछले तीन वर्षों के केंद्रीय बजट में छत्तीसगढ़ को केंद्रीय करों का हिस्सा 13,089 करोड़ रुपये कम मिला है. उन्होंने कहा, ''आने वाले बजट में केंद्रीय करों (Modi government continue GST compensation grant) का हिस्सा पूरी तरह से राज्य को दिया जाना चाहिए.''

4140 करोड़ रुपये छत्तीसगढ़ को भुगतान किए जाएं

बघेल ने यह भी मांग की कि कोयला ब्लॉक कंपनियों से कोयला खनन पर 294 रुपये प्रति टन की दर से केंद्र के पास जमा 4,140 करोड़ रुपये जल्द ही छत्तीसगढ़ को हस्तांतरित किए जाएं.छत्तीसगढ़ ने नक्सलवाद के खात्मे के लिए राज्य में तैनात केंद्रीय सुरक्षा बलों पर राज्य सरकार द्वारा किए गए 15 हजार करोड़ के खर्च की प्रतिपूर्ति के लिए अगले बजट में विशेष प्रावधान करने की मांग की है. सीएम बघेल ने विभिन्न योजनाओं के माध्यम से किसानों और मजदूरों को उदार राशि, मनरेगा की मजदूरी दर को श्रम आयुक्त की दरों के बराबर करने, दलहन/तिलहन के उत्पादन के लिए विशेष प्रोत्साहन देने जैसे सुझाव भी दिए हैं. केंद्रीय बजट में वोकल फॉर लोकल योजना के तहत रायपुर में कार्गो टर्मिनल, केंद्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय का एक परिसर और विपणन केंद्र के सुझाव दिए हैं.

पेट्रोल, डीजल के उत्पाद कर में कटौती की जाए

छत्तीसगढ़ के सीएम ने पेट्रोल- डीजल की दरों पर उत्पाद कर में कटौती का मुद्दा भी उठाया. उन्होंने कहा, "केंद्र द्वारा पेट्रोल और डीजल पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क में कमी से राज्य के हिस्से की राशि में कमी आएगी और वैट से राजस्व में भी कमी आएगी, इसलिए भविष्य में इसके बजाय, उत्पाद कर के, उपकर को कम किया जाना चाहिए."

सीएम बघेल ने 11 हजार रुपये की प्रीमियम सीमा में वृद्धि की मांग भी की. प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (आयुष्मान भारत) के तहत बेहतर प्रदर्शन करने वाले राज्यों के लिए प्रति परिवार 1100 रुपये दिए जाते हैं. उन्होंने यह भी कहा कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के पात्र परिवार भी प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के पात्र हों और प्रधानमंत्री आवास योजना और जल जीवन मिशन योजना में राज्यों की भागीदारी घटाकर 75 प्रतिशत की जाए.

नई दिल्ली/ रायपुर : केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दिल्ली के विज्ञान भवन में राज्यों के वित्त मंत्रियों के साथ प्री-बजट बैठक (Pre budget meeting) की. इसमें छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल भी शामिल हुए. सीएम बघेल ने जीएसटी मुआवजा अनुदान (GST compensation grant) अगले 5 साल तक जारी रखने की राज्य की मांग को दोहराया. सीएम बघेल ने जीएसटी मुआवजे के साथ-साथ नक्सल उन्मूलन में तैनात केंद्रीय सुरक्षा बलों पर 15 हजार करोड़ रुपये के खर्च की प्रतिपूर्ति और कोयला ब्लॉक कंपनियों से 'अतिरिक्त लेवी' के रूप में जुटाए गए 4,140 करोड़ रुपये की मांग की है. प्री-बजट बैठक में भूपेश बघेल ने कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान आर्थिक गतिविधियों में व्यवधान के कारण राज्य की अर्थव्यवस्था प्रभावित हुई है. जीएसटी मुआवजे की मांग पर उन्होंने कहा कि केंद्र से लंबित राशि मिलने पर राज्य सरकार विकास कार्यक्रमों और योजनाओं पर खर्च कर सकेगी.

जीएसटी कर प्रणाली से राज्य को हुआ नुकसान

मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि जीएसटी कर प्रणाली के कारण राज्यों को राजस्व का नुकसान हुआ है. केंद्र ने आने वाले वर्ष में राज्य को लगभग 5000 करोड़ रुपये के राजस्व के नुकसान की भरपाई करने की व्यवस्था नहीं की है. इसलिए जीएसटी मुआवजा अनुदान जून 2022 के बाद भी अगले 5 साल तक जारी रखी जाए. बघेल ने दावा किया कि पिछले तीन वर्षों के केंद्रीय बजट में छत्तीसगढ़ को केंद्रीय करों का हिस्सा 13,089 करोड़ रुपये कम मिला है. उन्होंने कहा, ''आने वाले बजट में केंद्रीय करों (Modi government continue GST compensation grant) का हिस्सा पूरी तरह से राज्य को दिया जाना चाहिए.''

4140 करोड़ रुपये छत्तीसगढ़ को भुगतान किए जाएं

बघेल ने यह भी मांग की कि कोयला ब्लॉक कंपनियों से कोयला खनन पर 294 रुपये प्रति टन की दर से केंद्र के पास जमा 4,140 करोड़ रुपये जल्द ही छत्तीसगढ़ को हस्तांतरित किए जाएं.छत्तीसगढ़ ने नक्सलवाद के खात्मे के लिए राज्य में तैनात केंद्रीय सुरक्षा बलों पर राज्य सरकार द्वारा किए गए 15 हजार करोड़ के खर्च की प्रतिपूर्ति के लिए अगले बजट में विशेष प्रावधान करने की मांग की है. सीएम बघेल ने विभिन्न योजनाओं के माध्यम से किसानों और मजदूरों को उदार राशि, मनरेगा की मजदूरी दर को श्रम आयुक्त की दरों के बराबर करने, दलहन/तिलहन के उत्पादन के लिए विशेष प्रोत्साहन देने जैसे सुझाव भी दिए हैं. केंद्रीय बजट में वोकल फॉर लोकल योजना के तहत रायपुर में कार्गो टर्मिनल, केंद्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय का एक परिसर और विपणन केंद्र के सुझाव दिए हैं.

पेट्रोल, डीजल के उत्पाद कर में कटौती की जाए

छत्तीसगढ़ के सीएम ने पेट्रोल- डीजल की दरों पर उत्पाद कर में कटौती का मुद्दा भी उठाया. उन्होंने कहा, "केंद्र द्वारा पेट्रोल और डीजल पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क में कमी से राज्य के हिस्से की राशि में कमी आएगी और वैट से राजस्व में भी कमी आएगी, इसलिए भविष्य में इसके बजाय, उत्पाद कर के, उपकर को कम किया जाना चाहिए."

सीएम बघेल ने 11 हजार रुपये की प्रीमियम सीमा में वृद्धि की मांग भी की. प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (आयुष्मान भारत) के तहत बेहतर प्रदर्शन करने वाले राज्यों के लिए प्रति परिवार 1100 रुपये दिए जाते हैं. उन्होंने यह भी कहा कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के पात्र परिवार भी प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के पात्र हों और प्रधानमंत्री आवास योजना और जल जीवन मिशन योजना में राज्यों की भागीदारी घटाकर 75 प्रतिशत की जाए.

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