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Silger firing case: सिलगेर गोलीकांड की जांच के लिए समिति का गठन, दीपक बैज अध्यक्ष

सिलगेर में सुरक्षाबल के कैंप (Silger Camp of Bijapur) के विरोध के दौरान हुए गोलीकांड में 3 लोगों की मौत हो गई थी. बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने कहा था कि फायरिंग में 3 नक्सली मारे गए हैं. इसे लेकर छत्तीसगढ़ में सियासत गर्म है. विपक्ष सरकार पर हमलावर है. वहीं अब सीएम भूपेश बघेल ने मामले की जांच के लिए जनप्रतिधियों की एक समिति का गठन किया है.

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Published : Jun 1, 2021, 4:34 PM IST

Updated : Jun 1, 2021, 5:20 PM IST

investigation in Silger firing case
सिलगेर गोलीकांड

रायपुर: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सिलगेर फायरिंग केस को लेकर बड़ा फैसला लिया (Silger firing case) है. सीएम बघेल ने बस्तर के सांसद दीपक बैज (Deepak Baij) की अध्यक्षता में जनप्रतिधियों की एक समिति का गठन किया है. यह समिति स्थानीय लोगों से चर्चा कर तथ्य जुटाएगी. इस दौरान प्रशासनिक अधिकारी भी समिति के साथ होंगे. बस्तर सांसद दीपक बैज, लखेश्वर बघेल, संत नेताम, देवती कर्मा, शिशुपाल शोरी, अनूप नाग, विक्रम मंडावी, राजमन बेंजाम और चंदन कश्यप जनप्रतिनिधि समिति के सदस्य होंगे.

सिलगेर में सुरक्षाबल के कैंप (Silger Camp of Bijapur) के विरोध के दौरान हुई पत्थरबाजी और गोलीकांड में 3 लोगों की मौत हो गई थी. 20 से ज्यादा लोग घायल हुए थे. इसे लेकर ग्रामीणों का विरोध प्रदर्शन जारी है. बीजेपी ने भी 6 सदस्यीय जांच दल का गठन किया है. लेकिन तर्रेम थाना के सामने से बीजेपी नेताओं को वापस लौटना पड़ा. कंटेनमेंट जोने होने के चलते बीजेपी जांच दल की टीम आगे नहीं जा सकी थी.

Silger firing case: सिलगेर गोलीकांड मामला, बीजेपी जांच दल को आधे रास्ते से लौटना पड़ा वापस

ग्रामीण कैंप का कर रहे विरोध

बीजापुर के सिलगेर कैंप में 16 मई को हुई फायरिंग में 3 लोग मारे गए थे. घटना उस वक्त हुई जब लगभग 3 हजार ग्रामीण सिलगेर में स्थापित किए जा रहे CRPF कैंप का विरोध करने पहुंचे थे. गोली कांड के बाद भी ग्रामीण कैंप का विरोध कर रहे हैं. पुलिस ने तीनों मृतकों की शिनाख्त नक्सलियों के DKMS सदस्य के रूप में की है. बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने बताया था कि ग्रामीण तार की बैरिकेटिंग को तोड़कर कैंप में घुसने का प्रयास कर रहे थे. तभी ग्रामीणों की आड़ में खड़े नक्सलियों ने गोली चलाई थी. इस दौरान सुरक्षाबलों ने भी जवाबी कार्रवाई की थी.

बस्तर में राजनीति तेज

बस्तर में इसे लेकर राजनीति गर्म हो गई है. बीजेपी इसे लेकर भूपेश सरकार पर निशाना साध रही है. पूर्व बस्तर सांसद दिनेश कश्यप भूपेश सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं. वहीं कांग्रेस भी पीछे नहीं है. बस्तर सांसद दीपक बैज ने इसे बीजेपी की नौटंकी बताया है. कुल मिलाकार इस पूरे मामले में सियासत चरम पर है. कुछ दिन पहले जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) पार्टी के लीडर सकनी चन्द्राया मौके पर जाकर ग्रामीणों से मिले और कार्रवाई की मांग की थी. वहीं सीपीआई नेता मनीष कुंजाम और गोंडवाना समाज के अध्यक्ष भी गांववालों के बीच पहुंचे थे.

एक नजर में पूरा मामला समझें-

  • सुकमा और बीजापुर जिले की सीमा पर स्थित सिलगेर गांव में ग्रामीण सीआरपीएफ कैंप बनाए जाने का विरोध कर रहे हैं.
  • करीब 20 दिन पहले शुरू हुए इस विरोध प्रदर्शन में सिलगेर गांव के साथ ही आसपास के कई गांव के ग्रामीण जुटे हुए हैं.
  • फायरिंग में पुलिस के मुताबिक तीन नक्सलियों की मौत हुई है. एक गर्भवती महिला की मौत भी भगदड़ मचने से हुई.
  • सुरक्षा बल के दबाव के बावजूद यहां से ग्रामीण हटने का नाम नहीं ले रहे हैं. पुलिस महकमे के अधिकारियों का दावा है कि नक्सलियों के उकसावे में ये ग्रामीण कैंप का विरोध कर रहे हैं.
  • इस मामले में भाजपा और जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) ने भी कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए अपनी समिति गठित की थी. अब इस मामले में सरकार द्वारा अलग कमेटी बनाई गई है. फिलहाल मौके पर सैकड़ों की तादाद में ग्रामीण डटे हुए हैं.

रायपुर: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सिलगेर फायरिंग केस को लेकर बड़ा फैसला लिया (Silger firing case) है. सीएम बघेल ने बस्तर के सांसद दीपक बैज (Deepak Baij) की अध्यक्षता में जनप्रतिधियों की एक समिति का गठन किया है. यह समिति स्थानीय लोगों से चर्चा कर तथ्य जुटाएगी. इस दौरान प्रशासनिक अधिकारी भी समिति के साथ होंगे. बस्तर सांसद दीपक बैज, लखेश्वर बघेल, संत नेताम, देवती कर्मा, शिशुपाल शोरी, अनूप नाग, विक्रम मंडावी, राजमन बेंजाम और चंदन कश्यप जनप्रतिनिधि समिति के सदस्य होंगे.

सिलगेर में सुरक्षाबल के कैंप (Silger Camp of Bijapur) के विरोध के दौरान हुई पत्थरबाजी और गोलीकांड में 3 लोगों की मौत हो गई थी. 20 से ज्यादा लोग घायल हुए थे. इसे लेकर ग्रामीणों का विरोध प्रदर्शन जारी है. बीजेपी ने भी 6 सदस्यीय जांच दल का गठन किया है. लेकिन तर्रेम थाना के सामने से बीजेपी नेताओं को वापस लौटना पड़ा. कंटेनमेंट जोने होने के चलते बीजेपी जांच दल की टीम आगे नहीं जा सकी थी.

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ग्रामीण कैंप का कर रहे विरोध

बीजापुर के सिलगेर कैंप में 16 मई को हुई फायरिंग में 3 लोग मारे गए थे. घटना उस वक्त हुई जब लगभग 3 हजार ग्रामीण सिलगेर में स्थापित किए जा रहे CRPF कैंप का विरोध करने पहुंचे थे. गोली कांड के बाद भी ग्रामीण कैंप का विरोध कर रहे हैं. पुलिस ने तीनों मृतकों की शिनाख्त नक्सलियों के DKMS सदस्य के रूप में की है. बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने बताया था कि ग्रामीण तार की बैरिकेटिंग को तोड़कर कैंप में घुसने का प्रयास कर रहे थे. तभी ग्रामीणों की आड़ में खड़े नक्सलियों ने गोली चलाई थी. इस दौरान सुरक्षाबलों ने भी जवाबी कार्रवाई की थी.

बस्तर में राजनीति तेज

बस्तर में इसे लेकर राजनीति गर्म हो गई है. बीजेपी इसे लेकर भूपेश सरकार पर निशाना साध रही है. पूर्व बस्तर सांसद दिनेश कश्यप भूपेश सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं. वहीं कांग्रेस भी पीछे नहीं है. बस्तर सांसद दीपक बैज ने इसे बीजेपी की नौटंकी बताया है. कुल मिलाकार इस पूरे मामले में सियासत चरम पर है. कुछ दिन पहले जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) पार्टी के लीडर सकनी चन्द्राया मौके पर जाकर ग्रामीणों से मिले और कार्रवाई की मांग की थी. वहीं सीपीआई नेता मनीष कुंजाम और गोंडवाना समाज के अध्यक्ष भी गांववालों के बीच पहुंचे थे.

एक नजर में पूरा मामला समझें-

  • सुकमा और बीजापुर जिले की सीमा पर स्थित सिलगेर गांव में ग्रामीण सीआरपीएफ कैंप बनाए जाने का विरोध कर रहे हैं.
  • करीब 20 दिन पहले शुरू हुए इस विरोध प्रदर्शन में सिलगेर गांव के साथ ही आसपास के कई गांव के ग्रामीण जुटे हुए हैं.
  • फायरिंग में पुलिस के मुताबिक तीन नक्सलियों की मौत हुई है. एक गर्भवती महिला की मौत भी भगदड़ मचने से हुई.
  • सुरक्षा बल के दबाव के बावजूद यहां से ग्रामीण हटने का नाम नहीं ले रहे हैं. पुलिस महकमे के अधिकारियों का दावा है कि नक्सलियों के उकसावे में ये ग्रामीण कैंप का विरोध कर रहे हैं.
  • इस मामले में भाजपा और जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) ने भी कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए अपनी समिति गठित की थी. अब इस मामले में सरकार द्वारा अलग कमेटी बनाई गई है. फिलहाल मौके पर सैकड़ों की तादाद में ग्रामीण डटे हुए हैं.
Last Updated : Jun 1, 2021, 5:20 PM IST
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