रायपुर : झीरम घाटी नक्सली हमले को लेकर एक बार फिर बीजेपी ने प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा है.लेकिन बीजेपी के सवालों के जवाब पर सीएम भूपेश बघेल ने खुद ही सवाल खड़े कर दिए हैं. सीएम भूपेश बघेल के मुताबिक उन्होंने जो दो सवाल बीजेपी के नेताओं से पूछे थे उनमें से किसी भी सवाल का जवाब अब तक नहीं आ सका है. भूपेश बघेल ने सवाल किए थे कि एनआईए कोर्ट के आदेश के बाद भी सरेंडर करने वाले गुडसा उसेंडी के बयान क्यों नहीं लिए गए.वहीं रमन्ना और गणपति की संपत्तियों को कुर्क किया गया.बावजूद इसके एफआईआर से उनका नाम बाहर क्यों हुआ. इन दो सवालों के जवाब अब भी नहीं मिल पाए हैं.
बीजेपी से सीएम भूपेश ने मांगा जवाब : सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि '' गणपति और गुडसा उसेंडी दोनों नक्सलियों का पोस्ट हैं. किसी व्यक्ति का नाम नहीं है. क्या गणपति ने आत्मसमर्पण किया है. उस व्यक्ति का नाम क्या है. यदि आत्मसमर्पण किया है तो कहां पर किया है. आत्मसमर्पण किए हुए नक्सलियों को नक्सल नीति के तहत लाभ दिया गया है या नहीं दिया गया है. आज मेरे ये 2 सवाल हैं. भाजपा मुझसे बार-बार प्रमाण का सवाल करती है. आज मैं प्रमाण दे रहा हूं. अब भारतीय जनता पार्टी बताए. अभी तक ईडी के प्रवक्ता बने हुए थे. अब NIA के भी प्रवक्ता बने.''
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ईडी की कार्रवाई पर उठाए सवाल : छत्तीसगढ़ में कथित शराब घोटाले को लेकर मचे बवाल में सीएम भूपेश बघेल ने ईडी की कार्रवाई पर ही सवाल खड़े किए हैं.सीएम भूपेश बघेल की माने तो पप्पू ढिल्लन जिसने ऑन पेपर लोन लिया था उसे ईडी ने पकड़कर जेल में डाल दिया.लेकिन जिन डिस्टलर्स की भूमिका सबसे संदिग्ध हैं, जो जहर बेचते हैं उन सभी को ईडी ने गवाह बनाया है. इस कार्रवाई को सीएम भूपेश ने दुर्भाग्यपूर्ण कहा.