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कोरोना वायरस और लॉकडाउन पर सीएम बघेल ने पत्रकारों से की बातचीत

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कोरोना वायरस और लॉकडाउन पर मीडिया से खास बातचीत की.साथ ही इस दौरान उन्होंने छत्तीसगढ़ सहित अन्य राज्यों के आर्थिक हालात पर चर्चा की.

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Published : Apr 25, 2020, 9:42 PM IST

cm bhupesh baghel
सीएम भूपेश बघेल

दिल्लीः कोरोना संकट के बीच मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एक न्यूज एजेंसी को दिए इंटरव्यू में कई मुद्दों पर बातचीत की है. उन्होंने कोरोना संकट और लॉकडाउन को लेकर मौजूदा आर्थिक हालात को चुनौतीपूर्ण बताया है. उन्होंने कहा कि इससे सभी राज्यों के साथ-साथ छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था भी सुस्त हो गई है.

उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में बताया कि 'कोरोना वायरस को फैलने से रोकने और प्रवासी श्रमिकों की समस्याओं को हल करने का प्रयास किया है. इसके बाद उन्होंने कहा कि अगर केंद्र सरकार राज्य की मदद नहीं करती है, तो कर्मचारियों को वेतन देने में समस्या होगी. जिसके लिए उन्होंने विशेष आर्थिक पैकेज की सहायता भी चाहते हैं. बघेल ने लॉकडाउन का समर्थन भी किया है. उन्होंने यह भी कहा कि राज्य केंद्र के भविष्य के ऐसे सभी फैसलों का पालन करेगा'.

केंद्र सरकार में मांगी है इजाजत

उन्होंने बताया कि 'कोटा से छात्रों को लाने के लिए हमें केंद्र सरकार से मंजूरी मिल गई है. छत्तीसगढ़ के वहां 1 हजार 500 छात्र हैं. जिन्हें लाने के लिए डॉक्टरों और अधिकारियों की एक टीम के साथ 75 बसें भेजी गई हैं, क्योंकि उन्हें कम से कम तीन राज्यों को पार करना है. उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार से इन बसों को अनुमति देने का अनुरोध किया है, सहमति का इंतजार है'.

सेंट्रल पूल का चावल उठाने का अनुरोध

उन्होंने बताया कि 'राज्य में सालाना 83 लाख मीट्रिक टन से ज्यादा धान का उत्पादन होता है. जिसे 1,800 रुपये प्रति क्विंटल केंद्र सरकार और शेष राज्य द्वारा साझा किया जाता है. उन्होंने बताया कि केंद्रीय खाद्य मंत्री रामविलास पासवान को केंद्रीय पूल के लिए धान उठाने के लिए अनुशंसा की है. केंद्र ने कहा है कि वह केवल 24 लाख मीट्रिक टन ही उठाएगा. हालांकि हमारे पास पीडीएस का हिस्सा घटाने के बाद पहले से ही 31 लाख 11 हजार टन का स्टॉक है. इसलिए हम चाहते हैं कि केंद्र सभी शेष स्टॉक को उठा ले'.

'लॉकडाउन बढ़ाना है या नहीं केंद्र सरकार लेगी फैसला'

कोरोना वायरस के राज्य में संक्रमण के सवाल पर सीएम ने कहा कि 'अभी इस वायरस का कोई इलाज नहीं है. इसलिए इसकी रोकथाम ही सबसे अच्छा इलाज है. पहली चीज जो हमने की, वो यह थी हमने राज्य में सभी परिवहन बंद कर दिए. छत्तीसगढ़ सात राज्यों के साथ सीमाओं को साझा करता है हमें इसका फायदा हुआ है. हमने उन सभी लोगों को एकांतवास में कर दिया, जो विदेश में थे और उनने संपर्कों का पता लगाकर उन्हें भी अलग कर दिया. जिससे छत्तीसगढ़ में कोरोना के मामले ज्यादा सामने नहीं आए. लॉकडाउन आगे बढ़ाने के सवाल पर सीएम ने कहा कि इस मामले में केंद्र जो भी फैसला लेगी हम उसका पालन करेंगे'.

'राज्यों के पास राजस्व की कमी'

सोमवार को सीएम बघेल की पीएम मोदी के साथ बैठक है इसके सवाल पर सीएम ने कहा कि 'हमें अपने 2,000 करोड़ रुपये के हिस्से में से 1,500 करोड़ रुपये मिले हैं, लेकिन कोई आर्थिक गतिविधि नहीं है. रजिस्ट्री से लेकर परिवहन, खदानों और शराब की बिक्री तक, सब कुछ रुक गया है. राज्यों के पास कोई राजस्व नहीं है और अगर चीजें इसी तरह से चलती हैं तो हम कर्मचारियों को वेतन नहीं दे पाएंगे' उन्होंने कहा कि इस बैठक में यह यह प्रधानमंत्री पर निर्भर करेगा कि वह किस एजेंडे के साथ आने वाले हैं और वह किससे सलाह लेना चाहते हैं. अगर मुझे मौका मिलता है तो मैं बोलूंगा, अन्यथा मैं अपने सुझाव लिखित रूप में पेश करूंगा.

दिल्लीः कोरोना संकट के बीच मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एक न्यूज एजेंसी को दिए इंटरव्यू में कई मुद्दों पर बातचीत की है. उन्होंने कोरोना संकट और लॉकडाउन को लेकर मौजूदा आर्थिक हालात को चुनौतीपूर्ण बताया है. उन्होंने कहा कि इससे सभी राज्यों के साथ-साथ छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था भी सुस्त हो गई है.

उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में बताया कि 'कोरोना वायरस को फैलने से रोकने और प्रवासी श्रमिकों की समस्याओं को हल करने का प्रयास किया है. इसके बाद उन्होंने कहा कि अगर केंद्र सरकार राज्य की मदद नहीं करती है, तो कर्मचारियों को वेतन देने में समस्या होगी. जिसके लिए उन्होंने विशेष आर्थिक पैकेज की सहायता भी चाहते हैं. बघेल ने लॉकडाउन का समर्थन भी किया है. उन्होंने यह भी कहा कि राज्य केंद्र के भविष्य के ऐसे सभी फैसलों का पालन करेगा'.

केंद्र सरकार में मांगी है इजाजत

उन्होंने बताया कि 'कोटा से छात्रों को लाने के लिए हमें केंद्र सरकार से मंजूरी मिल गई है. छत्तीसगढ़ के वहां 1 हजार 500 छात्र हैं. जिन्हें लाने के लिए डॉक्टरों और अधिकारियों की एक टीम के साथ 75 बसें भेजी गई हैं, क्योंकि उन्हें कम से कम तीन राज्यों को पार करना है. उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार से इन बसों को अनुमति देने का अनुरोध किया है, सहमति का इंतजार है'.

सेंट्रल पूल का चावल उठाने का अनुरोध

उन्होंने बताया कि 'राज्य में सालाना 83 लाख मीट्रिक टन से ज्यादा धान का उत्पादन होता है. जिसे 1,800 रुपये प्रति क्विंटल केंद्र सरकार और शेष राज्य द्वारा साझा किया जाता है. उन्होंने बताया कि केंद्रीय खाद्य मंत्री रामविलास पासवान को केंद्रीय पूल के लिए धान उठाने के लिए अनुशंसा की है. केंद्र ने कहा है कि वह केवल 24 लाख मीट्रिक टन ही उठाएगा. हालांकि हमारे पास पीडीएस का हिस्सा घटाने के बाद पहले से ही 31 लाख 11 हजार टन का स्टॉक है. इसलिए हम चाहते हैं कि केंद्र सभी शेष स्टॉक को उठा ले'.

'लॉकडाउन बढ़ाना है या नहीं केंद्र सरकार लेगी फैसला'

कोरोना वायरस के राज्य में संक्रमण के सवाल पर सीएम ने कहा कि 'अभी इस वायरस का कोई इलाज नहीं है. इसलिए इसकी रोकथाम ही सबसे अच्छा इलाज है. पहली चीज जो हमने की, वो यह थी हमने राज्य में सभी परिवहन बंद कर दिए. छत्तीसगढ़ सात राज्यों के साथ सीमाओं को साझा करता है हमें इसका फायदा हुआ है. हमने उन सभी लोगों को एकांतवास में कर दिया, जो विदेश में थे और उनने संपर्कों का पता लगाकर उन्हें भी अलग कर दिया. जिससे छत्तीसगढ़ में कोरोना के मामले ज्यादा सामने नहीं आए. लॉकडाउन आगे बढ़ाने के सवाल पर सीएम ने कहा कि इस मामले में केंद्र जो भी फैसला लेगी हम उसका पालन करेंगे'.

'राज्यों के पास राजस्व की कमी'

सोमवार को सीएम बघेल की पीएम मोदी के साथ बैठक है इसके सवाल पर सीएम ने कहा कि 'हमें अपने 2,000 करोड़ रुपये के हिस्से में से 1,500 करोड़ रुपये मिले हैं, लेकिन कोई आर्थिक गतिविधि नहीं है. रजिस्ट्री से लेकर परिवहन, खदानों और शराब की बिक्री तक, सब कुछ रुक गया है. राज्यों के पास कोई राजस्व नहीं है और अगर चीजें इसी तरह से चलती हैं तो हम कर्मचारियों को वेतन नहीं दे पाएंगे' उन्होंने कहा कि इस बैठक में यह यह प्रधानमंत्री पर निर्भर करेगा कि वह किस एजेंडे के साथ आने वाले हैं और वह किससे सलाह लेना चाहते हैं. अगर मुझे मौका मिलता है तो मैं बोलूंगा, अन्यथा मैं अपने सुझाव लिखित रूप में पेश करूंगा.

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