ETV Bharat / state

गिरती GDP पर बघेल का केंद्र पर तंज, कहा- लाल बस्ते में बजट पेश करने से नहीं बदलती अर्थव्यवस्था

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने देश की घटती GDP दर को लेकर केंद्र सरकार पर तंज कसा है. बघेल ने कहा कि पैसा कॉर्पोरेट की जगह जनता की जेबों में डालना होता है.

गिरती GDP पर बघेल का केंद्र पर तंज
गिरती GDP पर बघेल का केंद्र पर तंज
author img

By

Published : Nov 29, 2019, 10:22 PM IST

रायपुर: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने देश की घटती GDP दर को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. बघेल ने कहा कि 'बजट को ब्रीफकेस से लाल बस्ते में पेश करने से अर्थव्यवस्था नहीं बदलती है.

सीएम ने ट्वीट किया कि देश की अर्थव्यवस्था को ठीक करने के लिए पैसा कॉर्पोरेट की जगह जनता की जेबों में डालना होता है. जोड़-तोड़ से सरकारें बनाने की जगह बहुमत से मिली सरकार को ठीक से चलाना होता है. वहीं सीएम बघेल ने केंद्र सरकार को संभल जाइए, सवाल देश का है', लिखकर आगाह किया है.

  • बजट को ब्रीफकेस से लाल बस्ते में पेश करने से अर्थ व्यवस्था नहीं बदलती।

    पैसा कॉर्पोरेट की जगह जनता की जेबों में डालना होता है और जोड़ तोड़ से सरकारें बनाने की जगह बहुमत से मिली सरकार को ठीक से चलाना होता है।

    संभल जाइए, सवाल देश का है। https://t.co/H7ObmaQLVY

    — Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) November 29, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

GDP दर घटकर 4.5 प्रतिशत पर रह गई
बता दें कि देश में विनिर्माण क्षेत्र में गिरावट और कृषि क्षेत्र में पिछले साल के मुकाबले कमजोर प्रदर्शन से चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 4.5 प्रतिशत पर रह गई. एक साल पहले 2018-19 की इसी तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर 7 प्रतिशत थी.

भारतीय अर्थव्यवस्था 4.8 प्रतिशत बढ़ी
वहीं चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में यह 5 प्रतिशत थी.इससे पहले 2012-13 की जनवरी-मार्च तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर 4.3 प्रतिशत दर्ज की गई थी.छह महीने की अवधि (अप्रैल-सितंबर 2019) के दौरान, भारतीय अर्थव्यवस्था 4.8 प्रतिशत बढ़ी जबकि एक साल पहले इसी अवधि में यह 7.5 प्रतिशत थी.

उत्खनन में 0.1 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) द्वारा शुक्रवार को जारी जीडीपी आंकड़ों के अनुसार चालू वित्त वर्ष 2019-20 की जुलाई-सितंबर के दौरान स्थिर मूल्य (2011-12) पर जीडीपी 35.99 लाख करोड़ रुपये रहा जो पिछले साल इसी अवधि में 34.43 लाख करोड़ रुपये था. इस प्रकार, दूसरी तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर 4.5 प्रतिशत रही.आलोच्य तिमाही में कृषि, वानिकी और मत्स्यन पालन क्षेत्र में 2.1 प्रतिशत और खनन और उत्खनन में 0.1 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई.

भारत की लगातार गिरती विकास दर चिंताजनक
वहीं विनिर्माण क्षेत्र में इस दौरान 1 प्रतिशत की गिरावट रही. इन तीनों समूह के खराब प्रदर्शन के कारण आर्थिक वृद्धि दर कमजोर रही.इसके अलावा बिजली, गैस, जल आपूर्ति और अन्य उपयोगकी सेवाओं के क्षेत्र में चालू वित्त वर्ष जुलाई-सितंबर तिमाही में 3.6 प्रतिशत और निर्माण क्षेत्र में 3.3 प्रतिशत वृद्धि रहने का अनुमान लगाया गया है.आलोच्य तिमाही में सकल मूल्य वर्द्धन (जीवीए) 4.3 प्रतिशत रहा. जबकि एक साल पहले 2018-19 की इसी तिमाही में यह 6.9 प्रतिशत थी.जीडीपी आंकड़ों पर प्रतिक्रिया देते हुए पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि भारत की लगातार गिरती विकास दर चिंताजनक है.

रायपुर: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने देश की घटती GDP दर को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. बघेल ने कहा कि 'बजट को ब्रीफकेस से लाल बस्ते में पेश करने से अर्थव्यवस्था नहीं बदलती है.

सीएम ने ट्वीट किया कि देश की अर्थव्यवस्था को ठीक करने के लिए पैसा कॉर्पोरेट की जगह जनता की जेबों में डालना होता है. जोड़-तोड़ से सरकारें बनाने की जगह बहुमत से मिली सरकार को ठीक से चलाना होता है. वहीं सीएम बघेल ने केंद्र सरकार को संभल जाइए, सवाल देश का है', लिखकर आगाह किया है.

  • बजट को ब्रीफकेस से लाल बस्ते में पेश करने से अर्थ व्यवस्था नहीं बदलती।

    पैसा कॉर्पोरेट की जगह जनता की जेबों में डालना होता है और जोड़ तोड़ से सरकारें बनाने की जगह बहुमत से मिली सरकार को ठीक से चलाना होता है।

    संभल जाइए, सवाल देश का है। https://t.co/H7ObmaQLVY

    — Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) November 29, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

GDP दर घटकर 4.5 प्रतिशत पर रह गई
बता दें कि देश में विनिर्माण क्षेत्र में गिरावट और कृषि क्षेत्र में पिछले साल के मुकाबले कमजोर प्रदर्शन से चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 4.5 प्रतिशत पर रह गई. एक साल पहले 2018-19 की इसी तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर 7 प्रतिशत थी.

भारतीय अर्थव्यवस्था 4.8 प्रतिशत बढ़ी
वहीं चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में यह 5 प्रतिशत थी.इससे पहले 2012-13 की जनवरी-मार्च तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर 4.3 प्रतिशत दर्ज की गई थी.छह महीने की अवधि (अप्रैल-सितंबर 2019) के दौरान, भारतीय अर्थव्यवस्था 4.8 प्रतिशत बढ़ी जबकि एक साल पहले इसी अवधि में यह 7.5 प्रतिशत थी.

उत्खनन में 0.1 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) द्वारा शुक्रवार को जारी जीडीपी आंकड़ों के अनुसार चालू वित्त वर्ष 2019-20 की जुलाई-सितंबर के दौरान स्थिर मूल्य (2011-12) पर जीडीपी 35.99 लाख करोड़ रुपये रहा जो पिछले साल इसी अवधि में 34.43 लाख करोड़ रुपये था. इस प्रकार, दूसरी तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर 4.5 प्रतिशत रही.आलोच्य तिमाही में कृषि, वानिकी और मत्स्यन पालन क्षेत्र में 2.1 प्रतिशत और खनन और उत्खनन में 0.1 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई.

भारत की लगातार गिरती विकास दर चिंताजनक
वहीं विनिर्माण क्षेत्र में इस दौरान 1 प्रतिशत की गिरावट रही. इन तीनों समूह के खराब प्रदर्शन के कारण आर्थिक वृद्धि दर कमजोर रही.इसके अलावा बिजली, गैस, जल आपूर्ति और अन्य उपयोगकी सेवाओं के क्षेत्र में चालू वित्त वर्ष जुलाई-सितंबर तिमाही में 3.6 प्रतिशत और निर्माण क्षेत्र में 3.3 प्रतिशत वृद्धि रहने का अनुमान लगाया गया है.आलोच्य तिमाही में सकल मूल्य वर्द्धन (जीवीए) 4.3 प्रतिशत रहा. जबकि एक साल पहले 2018-19 की इसी तिमाही में यह 6.9 प्रतिशत थी.जीडीपी आंकड़ों पर प्रतिक्रिया देते हुए पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि भारत की लगातार गिरती विकास दर चिंताजनक है.

Intro:Body:

bussiness


Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.