रायपुर: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज रायपुर के बेबी लॉन इंटरनेशनल होटल में छत्तीसगढ़ के लोक कलाकारों से मुलाकात की. इस दौरान बस्तर से लेकर सरगुजा तक के सभी कलाकार शामिल हुए. कुछ थिएटर के कलाकार थे. तो कुछ फिल्म दुनिया के कलाकार. बघेल के कलाकारों से मिलने पर भी भाजपा ने कटाक्ष किया है.
धरोहर को बचाने में कलाकार का मुख्य योगदान: मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम के दौरान कहा कि "राज्य की संस्कृति और पारंपरिक धरोहर को बचाने में स्थानीय कलाकारों का महत्वपूर्ण योगदान है." नाटक के पुरोधा स्वर्गीय हबीब तनवीर, चंदैनी गोंदा के संस्थापक स्वर्गीय खुमान साव को भी सीएम ने इस मौके पर याद किया. सीएम ने उनके योगदान की सराहना की. बता दें कि कार्यक्रम में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के अलावा संस्कृति विभाग के संचालक विवेक आचार्य, पद्म श्री मदन चौहान, पद्मश्री उषा बारले, निर्माता-निर्देशक मनोज वर्मा, सतीश जैन, पद्मश्री भारती बंधु सहित कई स्थानीय कलाकार शामिल हुए.
सीएम के कलाकारों से मुलाकात पर भाजापा का कटाक्ष: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कलाकारों से मुलाकात की. इस पर भाजपा ने कटाक्ष किया. भाजपा ने कहा कि" जाने के समय सीएम को कलाकारों की याद आई." दरअसल, रविवार को भाजपा एकात्म परिसर में बीजेपी की प्रेस वार्ता हुई. इस दौरान छत्तीसगढ़ प्रदेश भाजपा सांस्कृतिक प्रकोष्ठ के संयोजक राजेश अवस्थी, भाजपा नेता व छत्तीसगढ़ सिनेमा के एक्टर पद्मश्री अनुज शर्मा मौजूद रहे. पद्मश्री अनुज शर्मा ने बघेल सरकार पर कटाक्ष किया.
कलाकारों के साथ भेदभाव कर रही बघेल सरकार: भाजपा नेता और एक्टर पद्मश्री अनुज शर्मा ने कहा कि "जाये के बेरा में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए कलाकारों की सुध आई है. वे कलाकारों के कल्याण के लिए नहीं बल्कि अपना मतलब निकालने के लिए कलाकारों को न्यौता दे रहे हैं. यह सब ढोंग है. इस सरकार ने राजभाषा आयोग का अध्यक्ष तक नहीं बनाया. फिल्म आयोग का अध्यक्ष नियुक्त नहीं किया. रायगढ़ में होने वाले चक्रधर समारोह पर ग्रहण लगा दिया. तीन साल से यह प्रसिद्ध समारोह नहीं हुआ. चौथे साल भी आसार नहीं नजर नही आ रहे हैं. छत्तीसगढ़ में कलाकारों के मानदेय में कटौती और भेदभाव चल रहा है."
बाहरी सलाहकार के भरोसे छत्तीसगढ़ की संस्कृति: पद्मश्री अनुज शर्मा ने बघेल सरकार पर आरोप लगाया है कि "भाजपा सरकार द्वारा तय फिल्मसिटी की जमीन अन्य प्रयोजन के लिए दे दी है. कोई सब्सिडी नहीं दी गई.अब तक फार्मेट तैयार नहीं है. मुख्यमंत्री के बाहरी सलाहकार के भरोसे छत्तीसगढ़ की संस्कृति छोड़ दी गई है. संस्कृति विभाग के संचालक वरिष्ठ कलाकारों का अपमान करते हुए कहते हैं कि, यह तुम्हारे बाप का नहीं है. पद्मश्री अलंकृत विभूतियों की, लोक कलाकारों की कोरोना काल में कोई मदद नहीं की गई. कई कलाकारों की मौत हो गई है. फिल्मसिटी बनाने का वादा भूल गए."
प्रदेश में कलाकारों की स्थिति दयनीय: वहीं, भाजपा सांस्कृतिक प्रकोष्ठ के संयोजक राजेश अवस्थी ने कहा, " छत्तीसगढ़ की संस्कृति एवं लोककला को जीवित रखने के लिए ही अटलजी के नेतृव में भाजपा ने छत्तीसगढ़ को अलग राज्य की पहचान दी थी. उसी उद्देश्य को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आगे बढ़ाया गया. छत्तीसगढ़ की लोक संस्कृति के लिए समर्पित कलाकारों को देश के सर्वोच्च सम्मान में से एक पद्मश्री सम्मान से नवाजा गया. लेकिन अब छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार कला क्षेत्र में राजनीति घुसेड़ रही है. छत्तीसगढ़ में कलाकारों की स्थिति सबसे दयनीय है."
अंतिम बेला में सीएम को कलाकारों की याद आई: भाजपा ने बघेल सरकार पर कई आरोप लगाए हैं. भाजपा का आरोप है कि बघेल सरकार में कलाकारों की स्थिति दयनीय है. बघेल सरकार को अंतिम बेला में कलाकरों की याद आई है. इसका मतलब वो वोट के लिए ऐसा कर रहे हैं. जब-जब भाजपा के शीर्ष नेता छत्तीसगढ़ दौरे पर आये हैं, लोक कलाकारों से भेंट कर छत्तीसगढ़ की संस्कृति के प्रति अपना सम्मान व्यक्त किया है. छत्तीसगढ़ की लोक संस्कृति को जीवित रखने के लिए छत्तीसगढ़िया लोक कलाकारों के लिए भाजपा ने पेंशन देने का एक प्रमुख फैसला लिया. कांग्रेस सरकार ने कलाकारों की सुध लेने की बजाय राजनीति की है.