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सीएम बघेल ने की केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से मुलाकात, बायो फ्यूल समेत कई मुद्दों पर हुई चर्चा

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Published : Nov 17, 2019, 5:26 PM IST

Updated : Nov 18, 2019, 1:35 AM IST

सीएम भूपेश बघेल ने दिल्ली दौरे के दौरान केंद्रीय पेट्रोलियम एवं स्टील मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से मुलाकात की. सीएम बघेल ने धर्मेंद्र प्रधान से छत्तीसगढ़ में बायोफ्यूल के क्षेत्र में निवेश प्रोत्साहन नीति को आगे बढ़ाने का आग्रह किया.

CM बघेल ने केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से की मुलाकात

रायपुर: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल एक दिवसीय दिल्ली दौरे पर हैं. यहां उन्होंने केंद्रीय पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस एवं स्टील मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से उनके निवास पर मुलाकात की. इस मुलाकात के दौरान बघेल ने धर्मेंद्र प्रधान से छत्तीसगढ़ सरकार के बायो फ्यूल के क्षेत्र में निवेश प्रोत्साहन नीति को आगे बढ़ाने के लिए सहयोग का आग्रह किया.

CM Bhupesh Baghel meets Union Minister Dharmendra Pradhan in Delhi
सीएम बघेल ने केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से की मुलाकात

सीएम बघेल ने केंद्रीय मंत्री से NMDC का क्षेत्रीय मुख्यालय बस्तर में स्थापित किए जाने पर विचार करने का आग्रह किया. साथ ही गैर प्रबंधकीय पदों पर स्थानीय लोगों को रोजगार प्रदान करते हुए बस्तर क्षेत्र के विकास को बढ़ावा दिए जाने पर विचार करने की मांग भी की. उन्होंने कहा कि 'मुझे उम्मीद है कि छत्तीसगढ़ की जनता की भावनाओं का आदर करते हुए बस्तर क्षेत्र के विकास को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार इसकी तत्काल स्वीकृति हमें प्रदान करेगा'

जैव एथेनॉल क्षेत्र में निवेश बढ़ाने की मांग
बघेल ने जैव एथेनॉल उत्पादन की दीर्घकालीन अनुमति की मांग की. उन्होंने ने पेट्रोलियम मंत्री से अधिशेष खाद्यान्नों से जैव एथेनॉल के लिए निवेश बढ़ाए जाने की मांग की.

छत्तीसगढ़ में धान का उत्पादन 80.40 लाख टन
मुख्यमंत्री बघेल ने बताया कि छत्तीसगढ़ धान का कटोरा है. यहां की 43 प्रतिशत कृषि योग्य भूमि में मुख्य फसल धान की होती है. कृषि और उससे संबधित क्षेत्रों का राज्य की GSDP में योगदान 20 प्रतिशत से अधिक है. वर्ष 2018-19 में हमारे यहां धान का उत्पादन 80.40 लाख टन था. इसमें राज्य की आवश्यकता 42.40 लाख टन थी. उसके बाद हमारे पास 38 लाख टन सरप्लस धान बायोफ्यूल के लिए बचता है.

बायो एथेनॉल उत्पादन को बढ़ावा देने का आग्रह
मुख्यमंत्री ने कहा कि 'मुझे आपको यह बताते हुए खुशी हो रही है कि केंद्र की जैव ईंधन नीति 2018 के प्रावधानों के अंतर्गत छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य में जो अतिरिक्त धान का उत्पादन हो रहा है. उसमें बायो एथेनाॉल संयत्रों की स्थापना को प्रोत्साहित करने के लिए निजी निवेश को आमंत्रित किया है. उन्होंने केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री से धान के ऐथेनॉल के मूल्य को शीरा, शक्कर और शुगर के सीरप से बने एथेनॉल के मूल्य के बराबर करने की मांग की. ताकि धान से बने बायो एथेनॉल के उत्पादन में छत्तीसगढ़ को बढ़ावा मिल सके.

केंद्र ने हर संभव मदद का दिया आश्वासन
मुलाकात के दौरान केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सीएम भूपेश के मांगों पर हर संभव मदद का भरोसा दिया. केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री ने कहा कि 'हम जल्द ही इस पर विशेष बैठक लेकर, उचित कार्रवाई करेगें. प्रति वर्ष 6.5 प्रतिशत की दर से देश में ऊर्जा की खपत बढ़ रही है. वहीं पेट्रोलियम दिन-प्रतिदिन घट रहा है. इस दिशा में सरप्लस क्रॉप, बायो फ्यूल उत्पादन का अच्छा विकल्प है. यह हमारी बढ़ती ऊर्जा खपत को भी पूरा करेगा'.

रायपुर: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल एक दिवसीय दिल्ली दौरे पर हैं. यहां उन्होंने केंद्रीय पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस एवं स्टील मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से उनके निवास पर मुलाकात की. इस मुलाकात के दौरान बघेल ने धर्मेंद्र प्रधान से छत्तीसगढ़ सरकार के बायो फ्यूल के क्षेत्र में निवेश प्रोत्साहन नीति को आगे बढ़ाने के लिए सहयोग का आग्रह किया.

CM Bhupesh Baghel meets Union Minister Dharmendra Pradhan in Delhi
सीएम बघेल ने केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से की मुलाकात

सीएम बघेल ने केंद्रीय मंत्री से NMDC का क्षेत्रीय मुख्यालय बस्तर में स्थापित किए जाने पर विचार करने का आग्रह किया. साथ ही गैर प्रबंधकीय पदों पर स्थानीय लोगों को रोजगार प्रदान करते हुए बस्तर क्षेत्र के विकास को बढ़ावा दिए जाने पर विचार करने की मांग भी की. उन्होंने कहा कि 'मुझे उम्मीद है कि छत्तीसगढ़ की जनता की भावनाओं का आदर करते हुए बस्तर क्षेत्र के विकास को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार इसकी तत्काल स्वीकृति हमें प्रदान करेगा'

जैव एथेनॉल क्षेत्र में निवेश बढ़ाने की मांग
बघेल ने जैव एथेनॉल उत्पादन की दीर्घकालीन अनुमति की मांग की. उन्होंने ने पेट्रोलियम मंत्री से अधिशेष खाद्यान्नों से जैव एथेनॉल के लिए निवेश बढ़ाए जाने की मांग की.

छत्तीसगढ़ में धान का उत्पादन 80.40 लाख टन
मुख्यमंत्री बघेल ने बताया कि छत्तीसगढ़ धान का कटोरा है. यहां की 43 प्रतिशत कृषि योग्य भूमि में मुख्य फसल धान की होती है. कृषि और उससे संबधित क्षेत्रों का राज्य की GSDP में योगदान 20 प्रतिशत से अधिक है. वर्ष 2018-19 में हमारे यहां धान का उत्पादन 80.40 लाख टन था. इसमें राज्य की आवश्यकता 42.40 लाख टन थी. उसके बाद हमारे पास 38 लाख टन सरप्लस धान बायोफ्यूल के लिए बचता है.

बायो एथेनॉल उत्पादन को बढ़ावा देने का आग्रह
मुख्यमंत्री ने कहा कि 'मुझे आपको यह बताते हुए खुशी हो रही है कि केंद्र की जैव ईंधन नीति 2018 के प्रावधानों के अंतर्गत छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य में जो अतिरिक्त धान का उत्पादन हो रहा है. उसमें बायो एथेनाॉल संयत्रों की स्थापना को प्रोत्साहित करने के लिए निजी निवेश को आमंत्रित किया है. उन्होंने केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री से धान के ऐथेनॉल के मूल्य को शीरा, शक्कर और शुगर के सीरप से बने एथेनॉल के मूल्य के बराबर करने की मांग की. ताकि धान से बने बायो एथेनॉल के उत्पादन में छत्तीसगढ़ को बढ़ावा मिल सके.

केंद्र ने हर संभव मदद का दिया आश्वासन
मुलाकात के दौरान केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सीएम भूपेश के मांगों पर हर संभव मदद का भरोसा दिया. केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री ने कहा कि 'हम जल्द ही इस पर विशेष बैठक लेकर, उचित कार्रवाई करेगें. प्रति वर्ष 6.5 प्रतिशत की दर से देश में ऊर्जा की खपत बढ़ रही है. वहीं पेट्रोलियम दिन-प्रतिदिन घट रहा है. इस दिशा में सरप्लस क्रॉप, बायो फ्यूल उत्पादन का अच्छा विकल्प है. यह हमारी बढ़ती ऊर्जा खपत को भी पूरा करेगा'.

Intro:धान से बने एथेनाॅल का विक्रय मूल्य शीरा, शक्कर से उत्पादित एथेनाॅल मूल्य के होगा समतुल्य

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केन्द्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से की मुलाकात

जैव एथेनाॅल के उत्पादन के लिए न्यूनतम 10 वर्ष की अनुमति दिए जाने की केंद्र से की माँग

बायोफ्यूल के क्षेत्र में निवेश प्रोत्साहन नीति को आगे बढ़ाने का किया आग्रह

बस्तर में स्थापित हो एनएमडीसी का क्षेत्रीय मुख्यालय

स्थानीय लोगों को रोजगार मुहैया कराने का किया आग्रह

रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल नई दिल्ली के प्रवास पर है। जहाँ उन्होंने केन्द्रीय पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस एवं स्टील मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से उनके निवास पर मुलाकात की। इस मुलाकात के दौरान बघेल ने प्रधान से छत्तीसगढ़ शासन के बायोफ्यूल के क्षेत्र में निवेश प्रोत्साहन नीति को आगे बढ़ाने के लिये सहयोग का आग्रह किया है।

Body:मुख्यमंत्री बघेल ने केंद्रीय मंत्री से एनएमडीसी का क्षेत्रीय मुख्यालय बस्तर में स्थापित किये जाने पर विचार करने का आग्रह किया साथ ही गैर प्रबंधकीय पदों पर स्थानीय लोगों को रोजगार प्रदान करते हुए बस्तर क्षेत्र के विकास को बढ़ावा दिये जाने पर विचार करने की माँग भी की । उन्होंने कहा कि- मुझे उम्मीद है कि छत्तीसगढ़ की जनता की भावनाओं का आदर करते हुए बस्तर क्षेत्र के विकास को बढ़ावा देने के लिये भारत सरकार इसकी तत्काल स्वीकृति हमें प्रदान करेगा ।

बघेल ने कहा कि अधिशेष खाद्यानों से जैव एथेनाॅल उत्पादन के लिए राज्य द्वारा प्रत्याशित धान की अधिक आपूर्ति के अनुमान के आधार पर जैव एथेनाॅल उत्पादन की अनुमति लंबे समय तक जैसे कि न्यूनतम 10 वर्ष के लिये दिया जाये जिससे राज्य में बायो-एथेनाॅल के क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा मिल सके। उन्होंने कहा कि आपकी इस पहल से जैव एथेनाॅल के क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा मिलेगा।  

मुख्यमंत्री बघेल ने बताया कि छत्तीसगढ़ धान का कटोरा है। यहां की 43% कृषि योग्य भूमि में मुख्य फसल धान की होती है। कृषि और उससे सम्बंधित क्षेत्रों का राज्य की जी.एस.डी.पी. में योगदान 20% से अधिक है। उन्होने कहा कि वर्ष 2018-19 में हमारे यहां धान का उत्पादन 80.40 लाख टन था। इसमें राज्य की आवश्यकता 42.40 लाख टन की थी। उसके बाद हमारे पास 38 लाख टन सरप्लस धान बायोफ्यूल के लिये बचता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे आपको यह बताते हुये खुशी हो रही है कि केन्द्र की जैव ईंधन नीति 2018 के प्रावधानों के अंतर्गत छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य मेें जो अतिरिक्त धान का उत्पादन हो रहा है उसमें बायो एथेनाॅल संयत्रो की स्थापना को प्रोत्साहित करने के लिए निजी निवेश को आमंत्रित किया है। इस दिशा में हमारा केन्द्र से आग्रह है कि राष्ट्रीय जैव इंधन समन्वय समिति से धान आधारित बायो एथेनाॅल के विक्रय मूल्य को शीरा, शक्कर व शुगर सिरप से बने एथेनाॅल के विक्रय दर के बराबर रखे तो पर्यावरण आधारित बायो एथेनाॅल के उत्पादन में हमें काफी मदद मिलेगी।

जिस पर केन्द्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि हम जल्द ही इस पर विशेष बैठक लेकर, उचित कार्यवाही करेगें।

Conclusion:गौरतलब है कि प्रति वर्ष 6.5% की दर से देश में उर्जा की खपत बढ़ रही है। वहीं पेट्रोलियम दिन-प्रतिदिन घट रहा है। इस दिशा में सरप्लस क्राॅप, बायोफ्यूल उत्पादन का अच्छा विकल्प है। यह हमारी बढ़ती उर्जा खपत को भी पूरा करेगा।
बायो एथेनाॅल, उच्च गुणवत्ता का होता है। जो कि इंजन को और अधिक शक्तिशाली बनाता है। यह वायु प्रदूषण को भी कम करने में काफी कारगार है। मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय मंत्री से कहा कि यह इंधन का सस्ता विकल्प है। जो कि किसानों को भी और अधिक फसल उत्पादन के लिए प्रोत्साहित करेगा। केन्द्रीय मंत्री ने मुख्यमंत्री की मांगों पर हर संम्भव मदद का भरोसा दिया है।
Last Updated : Nov 18, 2019, 1:35 AM IST
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