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SPECIAL: 2 रुपए प्रति किलो के गोबर से बनेगा 8 रुपए प्रति किलो का वर्मी कम्पोस्ट, शुरू हुई स्कीम

हरेली के पावन अवसर पर छत्तीसगढ़ सरकार ने किसानों को खास तोहफा दिया है. सीएम भूपेश बघेल ने हरेली पर्व पर गोधन न्याय योजना का शुभारंभ किया. इसके साथ ही अब प्रदेश भर में दो रुपए की दर से गोबर खरीदी शुरू हो जाएगी.

GODHAN NYAY YOJANA STARTED
गोधन न्याय योजना की शुरुआत
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Published : Jul 20, 2020, 7:51 PM IST

Updated : Jul 20, 2020, 9:14 PM IST

रायपुर: मुख्यमंत्री निवास में हरेली की धूम के बीच गोधन न्याय योजना का आगाज हुआ. इस योजना का शुभारंभ सीएम भूपेश बघेल ने चार किसानों से 48 किलो गोबर खरीद कर किया और किसानों को दो रूपए के हिसाब से 96 रूपए का भुगतान किया. ये देश में अपने तरह की पहली योजना है, जिसके जरिए गोबर खरीदा जा रहा है.

गोधन न्याय योजना की शुरुआत

इस योजना के तहत सरकार पशुपालकों से 2 रुपए किलो की दर से गोबर खरीदेगी और फिर उससे जैविक खाद तैयार किया जाएगा. जिससे महिला स्व सहायता समूहों द्वारा वर्मी कंपोस्ट तैयार किया जाएगा. वर्मी कंपोस्ट को 8 रुपए प्रति किलो की दर से सरकार द्वारा खरीदा जाएगा. खरीदे गए गोबर से अन्य सामग्री भी तैयार की जाएंगी.

योजना का उद्देश्य पशुपालन को बढ़ावा देने के साथ-साथ कृषि लागत में कमी और भूमि की उर्वरा शक्ति में बढ़ोतरी है. इस योजना से पर्यावरण में सुधार के साथ-साथ ग्रामीण अर्थव्यवस्था में भी बड़े बदलाव की उम्मीद है. गोधन न्याय योजना से बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसरों का भी सृजन होगा.

हरेली से इसलिए हुई शुरुआत

पारंपरिक रूप से हरेली पर्व कृषि और पर्यावरण से जुड़ा हुआ है इसीलिए गोधन न्याय योजना की शुरुआत के लिए इसी अवसर को चुना गया. प्रदेश के गांवों में सुराजी गांव योजना पहले ही लागू की जा चुकी है, जिसके तहत पांच हजार से ज्यादा गौठानों की स्वीकृति दी जा चुकी है. इनमें से 2,785 गौठान बनकर तैयार हो चुके हैं, शेष का निर्माण तेजी से किया जा रहा है. गोधन न्याय योजना इन्हीं गौठानों के माध्यम से संचालित होगी.

पढ़ें- VIDEO: मुख्यमंत्री ने मनाई हरेली, गेड़ी चढ़कर, लट्टू नचाकर दी शुभकामनाएं

गौठानों से होगा संचालन

गौठानों को पशुओं के डे केयर सेंटर के रूप में विकसित किया जा रहा है. महिला स्व सहायता समूह द्वारा यहां वर्मी कंपोस्ट के निर्माण के साथ अन्य आय मूलक गतिविधियां संचालित की जा रही हैं. राज्य सरकार चरणबद्ध रूप से गौठानों का विस्तार करते हुए प्रदेश की सभी 11630 ग्राम पंचायतों और सभी 20 हजार गांवों में गौठान निर्माण का लक्ष्य रखा है. निर्माण पूरा होने के बाद वहां भी गोबर की खरीदी की जाएगी.

इसके साथ मुख्यमंत्री निवास में पारंपरिक रीति-रिवाज के साथ हरेली का त्योहार मनाया गया. छत्तीसगढ़ के पारंपरिक हरेली का त्योहार को मनाने के लिए सीएम हाउस के एक हिस्से को ग्रामीण परिवेश का स्वरूप दिया गया. इसके अलावा किसानों के उपयोग की वस्तुएं, औजारों नांगर, गैती, रापा, कुदाली, बंसुला सहित कई औजार रखे गए. भूपेश बघेल ने औजारों की पूजा की और गाय को लोंदी खिलाई. उन्होंने मुख्यमंत्री निवास में बनाए गए गौठान में गोधन न्याय योजना का शुभारंभ किया.

सीएम ने चढ़ी गेड़ी

इस दौरान सीएम पूरे तरह से त्योहार के रंग में रंगे नजर आए. सीएम ने गेड़ी चढ़ी और लट्टू भी नचाया. और पर्व से जुड़ी विभिन्न तरह की परंपराओं का निर्वहन किया. छत्तीसगढ़ के लोक कलाकारों, लोक नृतकों, लोक गायकों ने पारंपरिक वेशभूषा में वाद्य यंत्रों और साज सज्जा के साथ प्रस्तुति दी.

रायपुर: मुख्यमंत्री निवास में हरेली की धूम के बीच गोधन न्याय योजना का आगाज हुआ. इस योजना का शुभारंभ सीएम भूपेश बघेल ने चार किसानों से 48 किलो गोबर खरीद कर किया और किसानों को दो रूपए के हिसाब से 96 रूपए का भुगतान किया. ये देश में अपने तरह की पहली योजना है, जिसके जरिए गोबर खरीदा जा रहा है.

गोधन न्याय योजना की शुरुआत

इस योजना के तहत सरकार पशुपालकों से 2 रुपए किलो की दर से गोबर खरीदेगी और फिर उससे जैविक खाद तैयार किया जाएगा. जिससे महिला स्व सहायता समूहों द्वारा वर्मी कंपोस्ट तैयार किया जाएगा. वर्मी कंपोस्ट को 8 रुपए प्रति किलो की दर से सरकार द्वारा खरीदा जाएगा. खरीदे गए गोबर से अन्य सामग्री भी तैयार की जाएंगी.

योजना का उद्देश्य पशुपालन को बढ़ावा देने के साथ-साथ कृषि लागत में कमी और भूमि की उर्वरा शक्ति में बढ़ोतरी है. इस योजना से पर्यावरण में सुधार के साथ-साथ ग्रामीण अर्थव्यवस्था में भी बड़े बदलाव की उम्मीद है. गोधन न्याय योजना से बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसरों का भी सृजन होगा.

हरेली से इसलिए हुई शुरुआत

पारंपरिक रूप से हरेली पर्व कृषि और पर्यावरण से जुड़ा हुआ है इसीलिए गोधन न्याय योजना की शुरुआत के लिए इसी अवसर को चुना गया. प्रदेश के गांवों में सुराजी गांव योजना पहले ही लागू की जा चुकी है, जिसके तहत पांच हजार से ज्यादा गौठानों की स्वीकृति दी जा चुकी है. इनमें से 2,785 गौठान बनकर तैयार हो चुके हैं, शेष का निर्माण तेजी से किया जा रहा है. गोधन न्याय योजना इन्हीं गौठानों के माध्यम से संचालित होगी.

पढ़ें- VIDEO: मुख्यमंत्री ने मनाई हरेली, गेड़ी चढ़कर, लट्टू नचाकर दी शुभकामनाएं

गौठानों से होगा संचालन

गौठानों को पशुओं के डे केयर सेंटर के रूप में विकसित किया जा रहा है. महिला स्व सहायता समूह द्वारा यहां वर्मी कंपोस्ट के निर्माण के साथ अन्य आय मूलक गतिविधियां संचालित की जा रही हैं. राज्य सरकार चरणबद्ध रूप से गौठानों का विस्तार करते हुए प्रदेश की सभी 11630 ग्राम पंचायतों और सभी 20 हजार गांवों में गौठान निर्माण का लक्ष्य रखा है. निर्माण पूरा होने के बाद वहां भी गोबर की खरीदी की जाएगी.

इसके साथ मुख्यमंत्री निवास में पारंपरिक रीति-रिवाज के साथ हरेली का त्योहार मनाया गया. छत्तीसगढ़ के पारंपरिक हरेली का त्योहार को मनाने के लिए सीएम हाउस के एक हिस्से को ग्रामीण परिवेश का स्वरूप दिया गया. इसके अलावा किसानों के उपयोग की वस्तुएं, औजारों नांगर, गैती, रापा, कुदाली, बंसुला सहित कई औजार रखे गए. भूपेश बघेल ने औजारों की पूजा की और गाय को लोंदी खिलाई. उन्होंने मुख्यमंत्री निवास में बनाए गए गौठान में गोधन न्याय योजना का शुभारंभ किया.

सीएम ने चढ़ी गेड़ी

इस दौरान सीएम पूरे तरह से त्योहार के रंग में रंगे नजर आए. सीएम ने गेड़ी चढ़ी और लट्टू भी नचाया. और पर्व से जुड़ी विभिन्न तरह की परंपराओं का निर्वहन किया. छत्तीसगढ़ के लोक कलाकारों, लोक नृतकों, लोक गायकों ने पारंपरिक वेशभूषा में वाद्य यंत्रों और साज सज्जा के साथ प्रस्तुति दी.

Last Updated : Jul 20, 2020, 9:14 PM IST
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