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स्पीक अप इंडिया के जरिए सीएम बघेल ने किया JEE और NEET की परीक्षाओं के आयोजन का विरोध

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने स्पीक अप इंडिया के माध्यम से JEE और NEET परीक्षा के आयोजन का विरोध किया है. इसके साथ ही उन्होंने मोदी सरकार पर कई आरोप लगाए हैं.

CM Bhupesh Baghel
सीएम भूपेश बघेल
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Published : Aug 28, 2020, 8:56 PM IST

रायपुर: NEET-JEE मामले में SC में पुनर्विचार याचिका दाखिल कर दी गई है. दाखिल याचिका में 6 गैर बीजेपी शासित राज्यों के मंत्री याचिकाकर्ता हैं. छत्तीसगढ़ के कैबिनेट मंत्री अमरजीत भगत ने भी याचिका लगाई है. इसके साथ ही परीक्षा को लेकर राज्यों ने सुझाव दिए है. राज्यों के दिए गए सुझाव में कहा गया है कि अभी परीक्षा से छात्रों के स्वास्थ्य को खतरा हो सकता है. अक्टूबर तक परीक्षा न भी ली जाए, तो साल बर्बाद नहीं होगा. जरूरत पड़े तो 10वीं और 12वीं के औसत से भी दाखिला दिया जा सकता है. इस मामले में स्पीक अप इंडिया के जरिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी JEE और NEET परीक्षा के आयोजन का विरोध जताया है.

सीएम भूपेश बघेल

सीएम बघेल ने कहा है कि मई में जिस परीक्षा को टाला गया था. उसे ऐसे समय में केंद्र सरकार कराना चाहती है जब कोरोना संकट चरम पर है. उन्होंने कहा कि इसका वे पुरजोर विरोध करते हैं. सीएम बघेल ने कहा कि एक ओर देश कोरोना जैसी महामारी से जूझ रहा है. दूसरी ओर इस महामारी के दौरान मोदी सरकार परीक्षा आयोजित करने पर आमादा है. कांग्रेस छात्रों के साथ खड़ी है और कांग्रेस छात्रों की सुरक्षा के लिए आवाज उठा रही है.

कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष ने जताया मोदी सरकार के फैसले का विरोध

कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने इस मामले में कहा है कि JEE, NEET मामले में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है. उन्होंने आगे कहा कि इस समय पूरे देश में बारिश हो रही है. कई राज्यों में बाढ़ के कारण रास्ते बाधित हैं, इसलिए छात्र परीक्षा टालने की मांग कर रहे हैं, लेकिन मोदी सरकार घमंड की वजह से अड़ी हुई है, जबकि कांग्रेस छात्रों के साथ है.

पढ़ें: सरगुजा : मेडिकल कॉलेज की मान्यता की कवायद शुरू, MCI ने मांगी ऑनलाइन जानकारी

बता दें कि JEE और NEET की परीक्षाओं के आयोजन के विरोध में कांग्रेस की ओर से छत्तीसगढ़ के सभी जिला मुख्यालयों में शुक्रवार को धरना प्रदर्शन आयोजित किया गया. इसी के साथ-साथ कांग्रेस के सभी पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं ने ऑनलाइन अभियान स्पीक अप फॉर स्टूडेंट सेफ्टी में फेसबुक लाइव और ट्विटर में इसके विरोध में आवाज उठाया है. इस अभियान में कांग्रेस के सभी सांसदों, विधायकों, पार्षदों, नेताओं और कार्यकर्ताओं ने भाग लिया.

6 राज्य के शिक्षा मंत्रियों ने दी सुप्रीम कोर्ट में चुनौती

गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल, झारखंड, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, पंजाब और राजस्थान सरकारों के मंत्रियों ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल कर JEE और NEET परीक्षा को टालने की मांग की है. खास बात यह है कि सभी मंत्रियों ने ये याचिका एक साथ अपने निजी हैसियत से दाखिल की है. याचिका में कहा गया है कि कोरोना कि वजह से सरकार अभी एग्जाम कराने कि स्थिति में नहीं है. एग्जाम के दौरान छात्रों की कोरोना हो सकता है और वे फेल भी हो सकते हैं.

पढ़ें: जीएसटी कॉउंसिल की बैठक में मंत्री टीएस सिंहदेव ने स्पष्ट की छत्तीसगढ़ की नीति और अपेक्षाएं

NEET एग्जाम 13 सितंबर को है. जबकि JEE का एग्जाम 1 से 9 सितंबर के बीच होना है. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को एग्जाम कराने कि हरी झंडी दे दी थी. अब दाखिल याचिका में सुप्रीम कोर्ट से अपने उस फैसले पर पुनर्विचार करने को कहा गया है. याचिका दाखिल करने वालों में पश्चिम बंगाल के मंत्री मलय घटक, झारखंड के मंत्री रामेश्वर ओरांव, राजस्थान के मंत्री रघु शर्मा, छत्तीसगढ़ के मंत्री अमरजीत भगत, पंजाब से मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू और महाराष्ट्र में मंत्री उदय रविन्द्र सामंत शामिल हैं.

रायपुर: NEET-JEE मामले में SC में पुनर्विचार याचिका दाखिल कर दी गई है. दाखिल याचिका में 6 गैर बीजेपी शासित राज्यों के मंत्री याचिकाकर्ता हैं. छत्तीसगढ़ के कैबिनेट मंत्री अमरजीत भगत ने भी याचिका लगाई है. इसके साथ ही परीक्षा को लेकर राज्यों ने सुझाव दिए है. राज्यों के दिए गए सुझाव में कहा गया है कि अभी परीक्षा से छात्रों के स्वास्थ्य को खतरा हो सकता है. अक्टूबर तक परीक्षा न भी ली जाए, तो साल बर्बाद नहीं होगा. जरूरत पड़े तो 10वीं और 12वीं के औसत से भी दाखिला दिया जा सकता है. इस मामले में स्पीक अप इंडिया के जरिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी JEE और NEET परीक्षा के आयोजन का विरोध जताया है.

सीएम भूपेश बघेल

सीएम बघेल ने कहा है कि मई में जिस परीक्षा को टाला गया था. उसे ऐसे समय में केंद्र सरकार कराना चाहती है जब कोरोना संकट चरम पर है. उन्होंने कहा कि इसका वे पुरजोर विरोध करते हैं. सीएम बघेल ने कहा कि एक ओर देश कोरोना जैसी महामारी से जूझ रहा है. दूसरी ओर इस महामारी के दौरान मोदी सरकार परीक्षा आयोजित करने पर आमादा है. कांग्रेस छात्रों के साथ खड़ी है और कांग्रेस छात्रों की सुरक्षा के लिए आवाज उठा रही है.

कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष ने जताया मोदी सरकार के फैसले का विरोध

कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने इस मामले में कहा है कि JEE, NEET मामले में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है. उन्होंने आगे कहा कि इस समय पूरे देश में बारिश हो रही है. कई राज्यों में बाढ़ के कारण रास्ते बाधित हैं, इसलिए छात्र परीक्षा टालने की मांग कर रहे हैं, लेकिन मोदी सरकार घमंड की वजह से अड़ी हुई है, जबकि कांग्रेस छात्रों के साथ है.

पढ़ें: सरगुजा : मेडिकल कॉलेज की मान्यता की कवायद शुरू, MCI ने मांगी ऑनलाइन जानकारी

बता दें कि JEE और NEET की परीक्षाओं के आयोजन के विरोध में कांग्रेस की ओर से छत्तीसगढ़ के सभी जिला मुख्यालयों में शुक्रवार को धरना प्रदर्शन आयोजित किया गया. इसी के साथ-साथ कांग्रेस के सभी पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं ने ऑनलाइन अभियान स्पीक अप फॉर स्टूडेंट सेफ्टी में फेसबुक लाइव और ट्विटर में इसके विरोध में आवाज उठाया है. इस अभियान में कांग्रेस के सभी सांसदों, विधायकों, पार्षदों, नेताओं और कार्यकर्ताओं ने भाग लिया.

6 राज्य के शिक्षा मंत्रियों ने दी सुप्रीम कोर्ट में चुनौती

गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल, झारखंड, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, पंजाब और राजस्थान सरकारों के मंत्रियों ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल कर JEE और NEET परीक्षा को टालने की मांग की है. खास बात यह है कि सभी मंत्रियों ने ये याचिका एक साथ अपने निजी हैसियत से दाखिल की है. याचिका में कहा गया है कि कोरोना कि वजह से सरकार अभी एग्जाम कराने कि स्थिति में नहीं है. एग्जाम के दौरान छात्रों की कोरोना हो सकता है और वे फेल भी हो सकते हैं.

पढ़ें: जीएसटी कॉउंसिल की बैठक में मंत्री टीएस सिंहदेव ने स्पष्ट की छत्तीसगढ़ की नीति और अपेक्षाएं

NEET एग्जाम 13 सितंबर को है. जबकि JEE का एग्जाम 1 से 9 सितंबर के बीच होना है. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को एग्जाम कराने कि हरी झंडी दे दी थी. अब दाखिल याचिका में सुप्रीम कोर्ट से अपने उस फैसले पर पुनर्विचार करने को कहा गया है. याचिका दाखिल करने वालों में पश्चिम बंगाल के मंत्री मलय घटक, झारखंड के मंत्री रामेश्वर ओरांव, राजस्थान के मंत्री रघु शर्मा, छत्तीसगढ़ के मंत्री अमरजीत भगत, पंजाब से मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू और महाराष्ट्र में मंत्री उदय रविन्द्र सामंत शामिल हैं.

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