रायपुर: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी स्कूलों के प्राचार्याें के प्रशिक्षण सत्र को संबोधित किया. उन्होंने कहा है कि छत्तीसगढ़ के हर वर्गाें के बच्चे के लिए अच्छी से अच्छी शिक्षा उपलब्ध कराना शासन की प्राथमिकता है. इसी दिशा में किए जा रहे प्रयासों के तहत स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम विद्यालय योजना शुरू की गई है. यह कोई साधारण योजना नहीं है, बल्कि भविष्य का छत्तीसगढ़ गढ़ने की मुहिम है. इस दौरान गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू, कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे, स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, मुख्य सचिव अमिताभ जैन सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे.
अंग्रेजी मीडियम स्कूलों पर टिकी सभी की नजरें
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आगे कहा कि अंग्रेजी स्कूलों के बेहतर संचालन, शिक्षा एवं प्रबंधन का दारोमदार प्राचार्य और उनकी टीम के कंधों पर हैं. इन स्कूलों पर सभी की नजरें टिकी है. उन्होंने उम्मीद जताई कि इन स्कूलों से शिक्षा प्राप्त करने वाले विद्यार्थी श्रेष्ठ नागरिक, मानवता और प्रकृति के प्रति संवेदनशील होंगे. स्वामी जी ने छत्तीसगढ़ की भावी पीढ़ी के निर्माण के जो सपने देखे थे, उन सपनों को हम इन विद्यालयों के माध्यम से पूरा करेंगे.
नई शिक्षा नीति में भाषा संबंधी दिशानिर्देशों की आलोचना
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में पहले चरण में 52 शासकीय विद्यालयों को इस योजना के तहत सर्व सुविधायुक्त अंग्रेजी स्कूलों के रूप में उन्नत किया गया है. इन सभी विद्यालयों में लाइब्रेरी, प्रयोगशाला, कम्प्यूटर और ऑनलाइन शिक्षा सुविधा उपलब्ध है.
अंग्रेजी स्कूलों के प्राचार्यों को दिया जा रहा प्रशिक्षण
शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. आलोक शुक्ला ने बताया कि अंग्रेजी स्कूलों के प्राचार्याें प्रशिक्षण दिया जा रहा है. अंग्रेजी माध्यम स्कूलों के प्राचार्य प्रशासनिक और प्रबंधन के दृष्टिकोण से बेहतर काम कर रहे हैं. स्कूलों में प्रवेश लिए लगभग 30 हजार छात्रों को ऑनलाइन शिक्षा के साथ-साथ विविध रचनात्मक गतिविधियों से जोड़ा गया है. उन्होंने कहा कि आगामी शिक्षा सत्र से राज्य में 170 अंग्रेजी स्कूलों का संचालन शुरू हो जाएगा.