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इन नन्ही झांकियों को देखकर आप भी हो जाएंगे खुश, वेस्ट मटेरियल से बनाते हैं नन्हे कलाकार - गणपति विसर्जन

गोपियापारा में छोटे-छोटे बच्चों ने अपनी प्रतिभा से झांकी का निर्माण किया , उन्होंने शिव-पार्वती विवाह, हनुमान जी की हवा में उड़ने जैसी अनेक झांकियां बनाई हैं.

वेस्ट मटिरियर से झांकियां बनाते हैं नन्हे कलाकार
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Published : Oct 3, 2019, 11:07 AM IST

Updated : Oct 3, 2019, 4:02 PM IST

रायपुर: अक्सर देखा जाता है कि गणपति विसर्जन और दुर्गा विसर्जन के दौरान बड़ी-बड़ी झांकियां निकाली जाती है और भव्यतम रूप से उसका प्रदर्शन किया जाता है, लेकिन पुरानी बस्ती के गोपियापारा में छोटे-छोटे बच्चों ने अपनी प्रतिभा से झांकी का निर्माण किया.

नन्हीं झांकियों को देखकर आप भी हो जाएंगे खुश

बच्चों ने जिन झांकियों का निर्माण किया, उसमें शिव-पार्वती विवाह, कालिया शेष नाग पर कृष्ण का नृत्य, डांडिया खेलती युवतियां, हनुमान जी की हवा में उड़ने जैसी झांकियां शामिल हैं. वहीं आकर्षक तरीके से उन्हें लाइट से भी सजाया गया है.

वेस्ट सामग्री को इकट्ठा कर झांकी बनाई जाती है
इस झांकी के निर्माण को लेकर बच्चों ने बताया कि वह ऐसे काम करने के बहुत उत्साहित रहते हैं. रायपुर में गणपति के दौरान बड़ी-बड़ी झांकियां निकलती हैं. उसी को देख कर वे इसे छोटे रूप में बनाते हैं. बच्चों ने यह भी कहा कि बहुत सी वेस्ट चीजें इसमें शामिल होती हैं. वेस्ट चीजों को बहुत से लोग फेंक देते हैं, लेकिन वे वेस्ट सामग्री को इकट्ठा कर झांकी बनाने में उपयोग में लाते हैं. वहीं झांकी का निर्माण करने के लिए पांच से छह लोग मिलकर एक झांकी का निर्माण करते हैं और इसे लाकर प्रदर्शित करते हैं.

झांकियां सजाने वालों को पुरस्कृत किया जाता है
आयोजनकर्ताओं ने बताया कि यह बच्चों की प्रतिभा को निखारने का एक प्रयास है और इसका पिछले 5 सालों से आयोजन किया जा रहा है. अच्छी झांकियां सजाने वालों को पुरस्कृत किया जाता है. इस साल लगभग 50 झांकियां रायपुर शहर से आई हैं.

रायपुर: अक्सर देखा जाता है कि गणपति विसर्जन और दुर्गा विसर्जन के दौरान बड़ी-बड़ी झांकियां निकाली जाती है और भव्यतम रूप से उसका प्रदर्शन किया जाता है, लेकिन पुरानी बस्ती के गोपियापारा में छोटे-छोटे बच्चों ने अपनी प्रतिभा से झांकी का निर्माण किया.

नन्हीं झांकियों को देखकर आप भी हो जाएंगे खुश

बच्चों ने जिन झांकियों का निर्माण किया, उसमें शिव-पार्वती विवाह, कालिया शेष नाग पर कृष्ण का नृत्य, डांडिया खेलती युवतियां, हनुमान जी की हवा में उड़ने जैसी झांकियां शामिल हैं. वहीं आकर्षक तरीके से उन्हें लाइट से भी सजाया गया है.

वेस्ट सामग्री को इकट्ठा कर झांकी बनाई जाती है
इस झांकी के निर्माण को लेकर बच्चों ने बताया कि वह ऐसे काम करने के बहुत उत्साहित रहते हैं. रायपुर में गणपति के दौरान बड़ी-बड़ी झांकियां निकलती हैं. उसी को देख कर वे इसे छोटे रूप में बनाते हैं. बच्चों ने यह भी कहा कि बहुत सी वेस्ट चीजें इसमें शामिल होती हैं. वेस्ट चीजों को बहुत से लोग फेंक देते हैं, लेकिन वे वेस्ट सामग्री को इकट्ठा कर झांकी बनाने में उपयोग में लाते हैं. वहीं झांकी का निर्माण करने के लिए पांच से छह लोग मिलकर एक झांकी का निर्माण करते हैं और इसे लाकर प्रदर्शित करते हैं.

झांकियां सजाने वालों को पुरस्कृत किया जाता है
आयोजनकर्ताओं ने बताया कि यह बच्चों की प्रतिभा को निखारने का एक प्रयास है और इसका पिछले 5 सालों से आयोजन किया जा रहा है. अच्छी झांकियां सजाने वालों को पुरस्कृत किया जाता है. इस साल लगभग 50 झांकियां रायपुर शहर से आई हैं.

Intro:रायपुर पुरानी बस्ती गोपियापारा में आज छोटे-छोटे बच्चों ने आकर्षक झांकियों का निर्माण कर उसका प्रदर्शन किया।।
प्राय देखा जाता है कि गणपति विसर्जन और दुर्गा विसर्जन के दौरान बड़ी-बड़ी झांकियां निकाली जाती है और भव्यतम रूप से उसका प्रदर्शन किया जाता है लेकिन पुरानी बस्ती के गोपियापारा में छोटे-छोटे बच्चो ने अपनी प्रतिभा से झांकी का निर्माण किया।।


Body:इंजीनियर की तरह नन्हे बच्चों का किया काम

वही बच्चों ने जो झांकियों का निर्माण किया उसमे शिव पार्वति विवाह, कालिया शेष नाग पर कृष्ण का नृत्य, डांडिया खेलते युवतियां, हनुमान जी का हवा में उड़ना बहुत सारे वर्किंग मॉडल के रूप में झांकियों का निर्माण किया वहीं आकर्षक तरीके से उन्हें लाइट से सजाया गया।।


बच्चों ने बताया कि वह इसे करने के लिए बहुत उत्साहित रहते हैं रायपुर में गणपति के दौरान बड़ी-बड़ी झांकियां निकलती है उसी को देख कर हम इसे छोटे रूप में बनाते है।।
बहुत सी वेस्ट चीजें होती जिन्हें फेक ढिया जाता है उनको भी झांकी बनने में उपयोग में लाते है।


वहीं झांकी का निर्माण करने के लिए पांच से छह लोग मिलकर एक झांकी का निर्माण करते हैं और इसे लाकर प्रदर्शित करते।।


Conclusion:वहीं आयोजनकर्ताओं ने बताया कि यह बच्चों की प्रतिभा को निखारने का एक प्रयास है और यह पिछले 5 सालों से आयोजन किया जा रहा है अच्छी झांकियां सजाने वालों को पुरस्कृत किया जाता है,।। इस साल लगभग 50 झांकियां रायपुर शहर से आई है।।

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Last Updated : Oct 3, 2019, 4:02 PM IST
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