रायपुर: कोरोना संक्रमण के बीच पोस्ट कोविड (post covid) बीमारियां मरीजों में ज्यादा देखने को मिल रही है. कोरोना से रिकवर करने वाले बच्चों में अब मल्टी-सिस्टम इनफ्लेमेटरी सिंड्रोम (Multi System Inflammatory Syndrome) यानी (MIS-C)अब एक नई चुनौती के रूप में सामने आ रहा है. इस बीमारी के बारे में अभी डॉक्टर रिसर्च में जुटे हुए हैं. हालांकि इस बीमारी की बीमारी अभी तक छत्तीसगढ़ में किसी बच्चों में देखने को नहीं मिली है. ETV भारत ने मल्टी-सिस्टम इनफ्लेमेटरी सिंड्रोम बीमारी को लेकर रायपुर अकेडमी ऑफ पीडीऐट्रिक्स की अध्यक्ष डॉक्टर रिमझिम श्रीवास्तव (doctor rimjhim shrivastava)से बातचीत की.
डॉक्टर रिमझिम श्रीवास्तव ने बताया कि, मल्टी-सिस्टम इनफ्लेमेटरी सिंड्रोम यानी (MIS-C)बीमारी 2 साल से 15 साल तक के कोरोना से ठीक हुए बच्चों में देखने को मिल रही है. इस बीमारी में बच्चों को तेज बुखार, आंखों का लाल होना, आंखों या शरीर में चकत्ते निकलना, चेहरे पर सूजन होना, होठों पर सूजन, हाथों की उंगलियों में सूजन, पेट में दर्द, सांस लेने में तकलीफ आना इस तरह की बीमारी होती है. इन सब को हम ग्रुप में (MIS-C) यानी मल्टी-सिस्टम इनफ्लेमेटरी सिंड्रोम कहते हैं. इस बीमारी बच्चों के किसी भी अंग को नुकसान पहुंच सकता है. दिल को नुकसान हो सकता है. इंफेक्शन हो सकता है. किडनी और लीवर को नुकसान हो सकता है.
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सावधान रहने की है जरूरत
कोरोना से रिकवर हो चुके बच्चों के माता-पिता को अधिक सजग रहने की जरूरत है. यदि समय पर इस बीमारी का पता लग जाए तो इसका इलाज संभव है. बच्चों में तेज बुखार, सांस लेने में तकलीफ, आंखें लाल होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए. MIS-C बहुत ही रेयर है. मतलब 100 में से 0.6 बच्चों को देखने में मिल रहा है, लेकिन फिर भी यह खतरनाक बीमारी है. अगर माइल्ड हो तो उसका इलाज संभव है, लेकिन यह थोड़ा सीरियस हो जाए तो यह बीमारी बढ़ सकती है. इससे बच्चे की जान का खतरा हो सकता है.
ये हैं लक्षण
- बच्चों को तेज बुखार आना
- आंखों का लाल होना
- शरीर में चकत्ते निकलना
- चेहरे पर सूजन होना
- होठों पर सूजन
- हाथों की उंगलियों में सूजन
- पेट में दर्द होना
- सांस लेने में तकलीफ