रायपुर: राजधानी रायपुर के न्यू सर्किट हाउस में 27 दिसंबर से 29 दिसंबर तक तीन दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है. गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ के बैनर तले 'आदिवासी अस्मिता कल आज और कल' को लेकर आदिवासी संस्कृति कला शिक्षा साहित्य विस्थापन समस्या और निदान पर केंद्रित कार्यशाला का आयोजन किया गया.
इस कार्यशाला में प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी शामिल हुए. इस मौके पर उन्होंने कहा कि 'भौतिक विकास जरूरी है परंपरा और संस्कृति को बचाए रखते हुए भौतिक विकास भी करना चाहिए. अगर भौतिक विकास नहीं करते हैं, तो शोषण गरीबी, भुखमरी और नक्सलियों का सिद्धांत है और वहां नक्सलवाद पनपेगा.
सीएम ने कांग्रेस सरकार की उपलब्धियों को बताते हुए कहा कि 'उनकी सरकार ने 2500 रुपया प्रति क्विंटल दर से धान खरीदा. 4 हजार रुपया प्रति मानक बोरा तेंदूपत्ता की खरीदी की गई जो कि पूरे हिंदुस्तान में सर्वाधिक है. मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि 'पहले 7 लघु वनोपजों की खरीदी होती थी, लेकिन अब 15 लघु वनोपज की खरीदी हो रही है. अस्मिता कल आज और कल के इस तीन दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी में देश-विदेश के कई राज्यों के आदिवासी समाज के साहित्यकार लेखकों और बुद्धिजीवियों ने हिस्सा लिया, जिसमें मद्रास, महाराष्ट्र, नेपाल, सिक्किम, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश सहित छत्तीसगढ़ के बुद्धिजीवियों ने हिस्सा लिया.