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VIDEO: दिल्ली में बिखरा छत्तीसगढ़ी सुआ नृत्य का जलवा - लोकनृत्य सुआ नृत्य

छत्तीसगढ़ की लोक कला और नृत्य की छटा छत्तीसगढ़ के कलाकार दिल्ली में आयोजित भारत रंग महोत्सव में बिखेरते नजर आए. राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय में इस नृत्य महोत्सव का आयोजन किया गया है.

chhattisgarhi suwa dance performed in delhi
सुआ नृत्य
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Published : Feb 17, 2020, 6:34 PM IST

Updated : Feb 17, 2020, 6:43 PM IST

नई दिल्ली: छत्तीसगढ़ अपनी अनोखी संस्कृति और कला के लिए जाना जाता है. यहां सभी त्योहारों के लिए अलग-अलग गीत, संगीत और नृत्य हैं. आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र होने की वजह से आदिवासी जनजातियों का नृत्य यहां सबसे ज्यादा विख्यात है और वही प्रदेश की पहचान भी है. ऐसे ही एक लोकनृत्य की प्रस्तुति छत्तीसगढ़ के कलाकारों ने राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय में आयोजित भारत रंग महोत्सव 2020 में दी है.

छत्तीसगढ़ी सुआ नृत्य की प्रस्तुति

रंग महोत्सव में अलग-अलग राज्यों के कलाकारों ने हिस्सा लिया. सभी कलाकारों ने अपने राज्य का लोकनृत्य इस महोत्सव में प्रस्तुत किया है. छत्तीसगढ़ के कलाकारों ने इस नृत्य महोत्सव में छत्तीसगढ़ी लोकनृत्य 'सुआ' नृत्य की प्रस्तुति दी.

chhattisgarhi suwa dance performed in delhi
नृत्य प्रस्तुत करते कलाकार

लोकनृत्य को जीवित रखना उद्देश्य

कलाकारों से ETV भारत ने खास-बात की. इस दौरान कलाकारों ने बताया कि 'छत्तीसगढ़ का लोकनृत्य लुप्त होता जा रहा है. बहुत से लोग इस नृत्य के बारे में नहीं जानते हैं. इसे जीवित रखने के लिए इतने बड़े मंच पर हमलोगों इस नृत्य की प्रस्तुति दी है.'

chhattisgarhi suwa dance performed in delhi
भारत रंग महोत्सव

एक महीने में सीखा नृत्य

कलाकरों ने बताया कि इसके लिए उन्हें काफी मेहनत करनी पड़ी थी. एक-एक बारीकी पर ध्यान देते हुए उन्होंने करीब एक महीने की कड़ी मेहनत के बाद ये नृत्य सीखा है. साथ ही कॉस्ट्यूम को लेकर भी काफी तैयारी की गई है.

chhattisgarhi suwa dance performed in delhi
सुआ नृत्य प्रस्तुत करते कलाकार

दिवाली के समय होता है सुआ नृत्य

छत्तीसगढ़ में दीवाली के समय सुआ नृत्य किया जाता है. इसमें महिलाएं, युवतियां और बच्चियां एक टोकरी में मिट्टी का तोता बनाते हैं. जिसे छत्तीसगढ़ी भाषा में सुआ कहा जाता है. उसे बीच में रखकर उसके चारों तरफ युवतियां और महिलाएं नृत्य करती हैं.

नई दिल्ली: छत्तीसगढ़ अपनी अनोखी संस्कृति और कला के लिए जाना जाता है. यहां सभी त्योहारों के लिए अलग-अलग गीत, संगीत और नृत्य हैं. आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र होने की वजह से आदिवासी जनजातियों का नृत्य यहां सबसे ज्यादा विख्यात है और वही प्रदेश की पहचान भी है. ऐसे ही एक लोकनृत्य की प्रस्तुति छत्तीसगढ़ के कलाकारों ने राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय में आयोजित भारत रंग महोत्सव 2020 में दी है.

छत्तीसगढ़ी सुआ नृत्य की प्रस्तुति

रंग महोत्सव में अलग-अलग राज्यों के कलाकारों ने हिस्सा लिया. सभी कलाकारों ने अपने राज्य का लोकनृत्य इस महोत्सव में प्रस्तुत किया है. छत्तीसगढ़ के कलाकारों ने इस नृत्य महोत्सव में छत्तीसगढ़ी लोकनृत्य 'सुआ' नृत्य की प्रस्तुति दी.

chhattisgarhi suwa dance performed in delhi
नृत्य प्रस्तुत करते कलाकार

लोकनृत्य को जीवित रखना उद्देश्य

कलाकारों से ETV भारत ने खास-बात की. इस दौरान कलाकारों ने बताया कि 'छत्तीसगढ़ का लोकनृत्य लुप्त होता जा रहा है. बहुत से लोग इस नृत्य के बारे में नहीं जानते हैं. इसे जीवित रखने के लिए इतने बड़े मंच पर हमलोगों इस नृत्य की प्रस्तुति दी है.'

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भारत रंग महोत्सव

एक महीने में सीखा नृत्य

कलाकरों ने बताया कि इसके लिए उन्हें काफी मेहनत करनी पड़ी थी. एक-एक बारीकी पर ध्यान देते हुए उन्होंने करीब एक महीने की कड़ी मेहनत के बाद ये नृत्य सीखा है. साथ ही कॉस्ट्यूम को लेकर भी काफी तैयारी की गई है.

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सुआ नृत्य प्रस्तुत करते कलाकार

दिवाली के समय होता है सुआ नृत्य

छत्तीसगढ़ में दीवाली के समय सुआ नृत्य किया जाता है. इसमें महिलाएं, युवतियां और बच्चियां एक टोकरी में मिट्टी का तोता बनाते हैं. जिसे छत्तीसगढ़ी भाषा में सुआ कहा जाता है. उसे बीच में रखकर उसके चारों तरफ युवतियां और महिलाएं नृत्य करती हैं.

Last Updated : Feb 17, 2020, 6:43 PM IST
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