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2024 तक छत्तीसगढ़ को मिलेगा स्वच्छ जल, सीएम ने की केन्द्रीय जल मंत्री से बातचीत

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Published : May 19, 2020, 7:53 PM IST

सीएम भूपेश बघेल ने केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए स्वच्छ पेयजल पर चर्चा की. उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ के ग्रामीण इलाकों में हर घर नल के जरिए साल 2024 तक स्वच्छ पेयजल पहुंचाने के लिए राज्य सरकार मिशन मोड में काम कर रही है.

Chhattisgarh will get clean water by 2024 says cm bhupesh baghel
2024 तक छत्तीसगढ़ को मिलेगा स्वच्छ जल

रायपुर: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मंगलवार को केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए स्वच्छ पेयजल पर चर्चा की. सीएम ने बताया कि 'छत्तीसगढ़ के ग्रामीण इलाकों में हर घर नल के जरिए साल 2024 तक स्वच्छ पेयजल पहुंचाने के लिए राज्य सरकार मिशन मोड में काम कर रही है. इसके कार्य के लिए योजना भी तैयार की गई है'. सीएम ने कहा कि राज्य और केन्द्र सरकार मिलकर यह मिशन समय-सीमा के अंदर पूरा करेंगे. केन्द्रीय मंत्री शेखावत ने इस मिशन के लिए राज्य सरकार को हर संभव सहयोग करने का आश्वासन दिया है.

मुख्यमंत्री ने चर्चा के दौरान केंद्रीय मंत्री से अनुरोध किया कि राज्य की हालत को देखते हुए योगदान को 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 75 प्रतिशत किया जाना चाहिए और वहीं राज्य का अंश 25 प्रतिशत रखा जाना चाहिए;. सीएम ने यह भी बताया कि इस मिशन में 50 प्रतिशत राशि केन्द्र सरकार और 50 प्रतिशत राशि राज्य सरकार देने का प्रावधान है.

पढ़ें-पुलिस विभाग ऑनलाइन दर्ज करेगा रोज का लेखा जोखा

पेयजल पहुंचाने पर हो सकता है खर्च

वहीं सीएम ने बताया कि छत्तीसगढ़ आदिवासी राज्य है, इसका बड़ा क्षेत्र वन हैं और आबादी विरल (असामान्य) है. छत्तीसगढ़ के बस्तर और सरगुजा में कई गांव कई वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैले हैं. इसलिए यहां हर घर पाइप लाइन के जरिए पेयजल पहुंचाने में ज्यादा राशि खर्च करनी होगी.

पढ़ें- Corona update: छत्तीसगढ़ में 24 घंटे के अंदर 11 लोगों के खिलाफ केस दर्ज, होगी कार्रवाई

नरवा के तहत होगा काम

उन्होंने यह भी बताया कि प्रदेश के आदिवासी इलाकों में विशेष कर बस्तर में बड़ी वाटर बाॅडी नहीं है. यदि हर घर को पानी देना है, तो इसके लिए जल की व्यवस्था भी करनी होगी. मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी 'नरवा, गरूवा, घुरूवा, बाड़ी' योजना का उल्लेख करते हुए कहा कि नरवा योजना के तहत प्रदेश के 30 हजार नालों को पुनर्जीवित किया जाएगा. वर्तमान में 11सौ नालों के लिए कार्य शुरू कर दिया गया है.

खेतों में सिंचाई जलाशयों से होती

कृषि एवं जल संसाधन मंत्री रविन्द्र चौबे ने कहा कि बस्तर क्षेत्र में गांवों तक सिंचाई जलाशयों से पानी लाने की व्यवस्था करनी होगी. बस्तर क्षेत्र की बोधघाट सिंचाई परियोजना केन्द्रीय जल आयोग में स्वीकृति के लिए भेजी गई है. इस योजना से नक्सल प्रभावित बीजापुर, दंतेवाड़ा और सुकमा जिले में सिंचाई होगी और इन क्षेत्रों में जल जीवन मिशन के लिए जल उपलब्ध हो सकेगा. चौबे ने केन्द्रीय मंत्री शेखावत से बोधाघाट परियोजना को जल्द स्वीकृति दिलाने और छत्तीसगढ़ और ओडिशा के मध्य जल विवाद हल करने में सहयोग का आग्रह किया.

रायपुर: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मंगलवार को केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए स्वच्छ पेयजल पर चर्चा की. सीएम ने बताया कि 'छत्तीसगढ़ के ग्रामीण इलाकों में हर घर नल के जरिए साल 2024 तक स्वच्छ पेयजल पहुंचाने के लिए राज्य सरकार मिशन मोड में काम कर रही है. इसके कार्य के लिए योजना भी तैयार की गई है'. सीएम ने कहा कि राज्य और केन्द्र सरकार मिलकर यह मिशन समय-सीमा के अंदर पूरा करेंगे. केन्द्रीय मंत्री शेखावत ने इस मिशन के लिए राज्य सरकार को हर संभव सहयोग करने का आश्वासन दिया है.

मुख्यमंत्री ने चर्चा के दौरान केंद्रीय मंत्री से अनुरोध किया कि राज्य की हालत को देखते हुए योगदान को 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 75 प्रतिशत किया जाना चाहिए और वहीं राज्य का अंश 25 प्रतिशत रखा जाना चाहिए;. सीएम ने यह भी बताया कि इस मिशन में 50 प्रतिशत राशि केन्द्र सरकार और 50 प्रतिशत राशि राज्य सरकार देने का प्रावधान है.

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पेयजल पहुंचाने पर हो सकता है खर्च

वहीं सीएम ने बताया कि छत्तीसगढ़ आदिवासी राज्य है, इसका बड़ा क्षेत्र वन हैं और आबादी विरल (असामान्य) है. छत्तीसगढ़ के बस्तर और सरगुजा में कई गांव कई वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैले हैं. इसलिए यहां हर घर पाइप लाइन के जरिए पेयजल पहुंचाने में ज्यादा राशि खर्च करनी होगी.

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नरवा के तहत होगा काम

उन्होंने यह भी बताया कि प्रदेश के आदिवासी इलाकों में विशेष कर बस्तर में बड़ी वाटर बाॅडी नहीं है. यदि हर घर को पानी देना है, तो इसके लिए जल की व्यवस्था भी करनी होगी. मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी 'नरवा, गरूवा, घुरूवा, बाड़ी' योजना का उल्लेख करते हुए कहा कि नरवा योजना के तहत प्रदेश के 30 हजार नालों को पुनर्जीवित किया जाएगा. वर्तमान में 11सौ नालों के लिए कार्य शुरू कर दिया गया है.

खेतों में सिंचाई जलाशयों से होती

कृषि एवं जल संसाधन मंत्री रविन्द्र चौबे ने कहा कि बस्तर क्षेत्र में गांवों तक सिंचाई जलाशयों से पानी लाने की व्यवस्था करनी होगी. बस्तर क्षेत्र की बोधघाट सिंचाई परियोजना केन्द्रीय जल आयोग में स्वीकृति के लिए भेजी गई है. इस योजना से नक्सल प्रभावित बीजापुर, दंतेवाड़ा और सुकमा जिले में सिंचाई होगी और इन क्षेत्रों में जल जीवन मिशन के लिए जल उपलब्ध हो सकेगा. चौबे ने केन्द्रीय मंत्री शेखावत से बोधाघाट परियोजना को जल्द स्वीकृति दिलाने और छत्तीसगढ़ और ओडिशा के मध्य जल विवाद हल करने में सहयोग का आग्रह किया.

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