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छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023: जानिए चुनाव प्रचार में रास्ते से कैसे भटकी कांग्रेस ? - Vidhansabha Chunav 2023 Congress campaign

छत्तीसगढ़ चुनाव में कांग्रेस को करारी हार मिली. जिसे लेकर कांग्रेस मंथन कर रही है. इस बार हुए चुनावों को देखे तो 3 नवंबर के बाद कांग्रेस के प्रचार अभियान में वो तेजी दिखाई नहीं दी जो उससे पहले थी. जानिए 3 नवंबर को ऐसा क्या हुआ जिसने सत्ता में बैठी कांग्रेस को बेदखल कर दिया.

Congress defeat in Chhattisgarh assembly elections
छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Dec 8, 2023, 2:02 PM IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 के नतीजे काफी आश्चर्यचकित रहे. राजनीतिक पर्यवेक्षकों के साथ ही शायद कई आम लोगों के लिए भी ये चुनाव हैरान करने वाला साबित हुआ. इस चुनाव में भाजपा ने छत्तीसगढ़ में 15 साल के बाद सत्ता में लौटी कांग्रेस को एक झटके में हरा दिया और सत्तासीन हो गई. चुनाव नतीजों तक भूपेश सरकार ने एक बार भी ये सोचा नहीं होगा कि 3 दिसंबर का दिन कांग्रेस के लिए काफी भारी पड़ सकता है. क्योंकि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की दोबारा वापसी को लेकर कांग्रेस काफी कॉन्फिडेंट थी या यू कहें कि ओवर कॉन्फिडेंस में थी.

किसान, मजदूर, महिलाओं से शुरू हुआ प्रचार: कांग्रेस ने अपने चुनाव अभियान की शुरुआत पर किसानों को केंद्रित किया. धान खरीदी की गारंटी के वादे और किसान न्याय योजना को लेकर लोगों के बीच गई. बाद में कांग्रेस ने महिलाओं पर फोकस किया. इस बीच युवाओं को भी साधने कोर कसर नहीं छोड़ी. इसके बाद कांग्रेस ने अपने चुनाव अभियान में ओबीसी और जातीय जनगणना का मुद्दा जोर शोर से उठाया. लेकिन 3 नवंबर को ईडी ने भूपेश बघेल पर कैश कूरियर के हवाले से ये आरोप लगाया कि महादेव सट्टेबाजी एप प्रमोटर्स ने तत्कालीन सीएम को चुनावी खर्चे के लिए 508 करोड़ रुपये भिजवाएं हैं. 7 नवंबर को छत्तीसगढ़ में पहले चरण का चुनाव होना था, लेकिन उससे तीन दिन पहले भूपेश बघेल पर लगा इस आरोप ने छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के प्रचार अभियान की दिशा ही बदल दी. इन आरोपों के बाद कांग्रेस का चुनाव प्रचार अभियान धीमा पड़ गया.

कांग्रेस के भ्रष्टाचार से शुरू मोदी की गारंटी पर खत्म: छत्तीसगढ़ में भाजपा ने अपना चुनाव प्रचार कांग्रेस के भ्रष्टाचार के साथ शुरू किया. जिसमें मुख्य रूप से शराब घोटाला, कोयला घोटाला और गोबर घोटाला को शामिल किया गया. इसके बाद भाजपा ने अपना मेनिफेस्टो जारी किया. जिसे छत्तीसगढ़ के लिए मोदी की गारंटी के नाम से जनता के बीच रखा. लेकिन भूपेश बघेल पर ईडी की तरफ से लगाए 508 करोड़ की रिश्वत के आरोपों के बाद भाजपा ने इस मुद्दे को अपने चुनाव प्रचार अभियान में जमकर भुनाया. पीएम मोदी ने पहले चरण के चुनाव में बघेल पर निशाना साधते हुए 30 टके कक्का आपका काम पक्का का नारा दिया. दूसरे चरण के चुनाव से पहले भी भाजपा ने पूरे चुनाव प्रचार में इस मुद्दे को जोरशोर से उठाया. जिसका नतीजा ये हुआ कि कांग्रेस जीती बाजी हार गई और भाजपा एक बार फिर छत्तीसगढ़ में सत्ता में आ गई.

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रायपुर: छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 के नतीजे काफी आश्चर्यचकित रहे. राजनीतिक पर्यवेक्षकों के साथ ही शायद कई आम लोगों के लिए भी ये चुनाव हैरान करने वाला साबित हुआ. इस चुनाव में भाजपा ने छत्तीसगढ़ में 15 साल के बाद सत्ता में लौटी कांग्रेस को एक झटके में हरा दिया और सत्तासीन हो गई. चुनाव नतीजों तक भूपेश सरकार ने एक बार भी ये सोचा नहीं होगा कि 3 दिसंबर का दिन कांग्रेस के लिए काफी भारी पड़ सकता है. क्योंकि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की दोबारा वापसी को लेकर कांग्रेस काफी कॉन्फिडेंट थी या यू कहें कि ओवर कॉन्फिडेंस में थी.

किसान, मजदूर, महिलाओं से शुरू हुआ प्रचार: कांग्रेस ने अपने चुनाव अभियान की शुरुआत पर किसानों को केंद्रित किया. धान खरीदी की गारंटी के वादे और किसान न्याय योजना को लेकर लोगों के बीच गई. बाद में कांग्रेस ने महिलाओं पर फोकस किया. इस बीच युवाओं को भी साधने कोर कसर नहीं छोड़ी. इसके बाद कांग्रेस ने अपने चुनाव अभियान में ओबीसी और जातीय जनगणना का मुद्दा जोर शोर से उठाया. लेकिन 3 नवंबर को ईडी ने भूपेश बघेल पर कैश कूरियर के हवाले से ये आरोप लगाया कि महादेव सट्टेबाजी एप प्रमोटर्स ने तत्कालीन सीएम को चुनावी खर्चे के लिए 508 करोड़ रुपये भिजवाएं हैं. 7 नवंबर को छत्तीसगढ़ में पहले चरण का चुनाव होना था, लेकिन उससे तीन दिन पहले भूपेश बघेल पर लगा इस आरोप ने छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के प्रचार अभियान की दिशा ही बदल दी. इन आरोपों के बाद कांग्रेस का चुनाव प्रचार अभियान धीमा पड़ गया.

कांग्रेस के भ्रष्टाचार से शुरू मोदी की गारंटी पर खत्म: छत्तीसगढ़ में भाजपा ने अपना चुनाव प्रचार कांग्रेस के भ्रष्टाचार के साथ शुरू किया. जिसमें मुख्य रूप से शराब घोटाला, कोयला घोटाला और गोबर घोटाला को शामिल किया गया. इसके बाद भाजपा ने अपना मेनिफेस्टो जारी किया. जिसे छत्तीसगढ़ के लिए मोदी की गारंटी के नाम से जनता के बीच रखा. लेकिन भूपेश बघेल पर ईडी की तरफ से लगाए 508 करोड़ की रिश्वत के आरोपों के बाद भाजपा ने इस मुद्दे को अपने चुनाव प्रचार अभियान में जमकर भुनाया. पीएम मोदी ने पहले चरण के चुनाव में बघेल पर निशाना साधते हुए 30 टके कक्का आपका काम पक्का का नारा दिया. दूसरे चरण के चुनाव से पहले भी भाजपा ने पूरे चुनाव प्रचार में इस मुद्दे को जोरशोर से उठाया. जिसका नतीजा ये हुआ कि कांग्रेस जीती बाजी हार गई और भाजपा एक बार फिर छत्तीसगढ़ में सत्ता में आ गई.

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