रायपुर: छत्तीसगढ़ शिक्षक महासंघ (Chhattisgarh Teachers Federation) ने पदोन्नति की मांग को लेकर माध्यमिक शिक्षा मंडल (Board of Secondary Education Chhattisgarh) पहुंचे. इस मौके पर उन्होंने संयुक्त संचालक को ज्ञापन सौंपा. शिक्षकों ने ज्ञापन सौंपकर मांग की है कि छत्तीसगढ़ (ग्वालियर) के स्कूलों में प्राचार्यों, प्रधान पाठकों समेत व्याख्याताओं की कमी हैं. ऐसे में स्कूल शिक्षा विभाग (School Education Department Chhattisgarh) की ओर से पदोन्नति कर रिक्त पदों को भरा जाए. इससे पहले ईटीवी भारत ने स्कूलों में शिक्षकों की कमी की खबर को प्रमुखता से दिखाया था. जिसके बाद शिक्षक संघ के पदाधिकारी पदोन्नति की मांग को लेकर माध्यमिक शिक्षा मंडल पहुंचे.
कोरबा: नवाचारी शिक्षक महासंघ का दो दिवसीय सेमिनार संपन्न, जयसिंह अग्रवाल हुए शामिल
15 सालों से रिक्त पड़े हैं पद
जानकारी के मुताबिक छत्तीसगढ़ में पिछले 15 सालों से सहायक शिक्षकों का पद्दोन्नति नहीं हुई है. विभाग में पदों की पूर्ति कर शिक्षा गुणवत्ता पर विशेष ध्यान नहीं दिया जा रहा है. पदोन्नति के इंतजार में हजारों शिक्षक सेवानिवृत्त हो चुके हैं. जिसके चलते बहुत से पद रिक्त पड़े हैं. जानकारों की माने तो इन पदों को भरने का एक मात्र जरिया पदोन्नति ही है. लेकिन स्कूल विभाग की ओर से अभी तक कोई पहल शुरू नहीं कि गई है. जिसका सीधा असर शिक्षक और छात्रों की पढ़ाई पर पड़ रहा है.
रायपुर संभाग में सबसे अधिक रिक्त पद
छत्तीसगढ़ के स्कूलों में यदि प्रधान पाठकों के रिक्त पदों की बात की जाए तो इसमें सबसे रायपुर संभाग में खाली हैं. रायपुर संभाग के 5,072 स्कूलों में प्रधान पाठक के पद रिक्त हैं. बिलासपुर में 4690, दुर्ग में 4269, बस्तर में 3648 और सरगुजा संभाग में 4032 के करीब शासकीय प्राथमिक शाला में प्रधान पाठक नहीं है. इन स्कूलों में करीब 15 सालों से प्रधान पाठक के पद पर पदोन्नति नहीं हुई है. इसके अलावा विभाग में मिडिल स्कूल में प्रधान पाठक के 6 हजार, व्याख्याता के 10 हजार, शिक्षक के शिक्षक के 8 हजार व प्राचार्य के 28 सौ पद रिक्त हैं.
बिना पदोन्नति के सेवानिवृत्त हो रहे हैं शिक्षक
छत्तीसगढ़ शिक्षक संघ (Chhattisgarh Teachers Federation) के पदाधिकारी ने बताया कि स्कूलों में हजारों पद रिक्त हैं. जबकि कई शिक्षक बिना पदोन्नति के ही सेवानिवृत्त हो जा रहे हैं. जो शिक्षकों के साथ अन्याय है. इसके साथ ही समान वेतनमान का आदेश जारी हो चुका है. लेकिन उसका भी लाभ शिक्षकों को नहीं मिल पा रहा है. ऐसे में शिक्षक संयुक्त संचालक से पदोन्नति की मांग को लेकर माध्यमिक शिक्षा मंडल पहुंचे हैं. उन्होंने आगे कहा कि शिक्षक संवर्ग के जितने भी पद हैं, उन्हें शीघ्र भरा जाए. अन्यथा छत्तीसगढ़ शिक्षक संघ उग्र आंदोलन करेगी. जिसकी पूरी जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी.