रायपुर: महिला दिवस, केवल महिलाओं के लिये नहीं है, महिला को सशक्त एवं जागरूक करने के लिए पुरूषों की भागीदारी आवश्यक है. हमारी लड़कियों को स्कूली शिक्षा के दौरान ही मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग दी जानी चाहिये, ताकि आगे चलकर अपनी सुरक्षा स्वयं कर सके. यह बात राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक ने अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर लैंगिक समानता एवं महिला सशक्तिकरण विषय पर आयोजित कार्यशाला में कही.
दरअसल छत्तीसगढ़ पुलिस और यूनिसेफ के संयुक्त तत्वाधान में आज से दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन शहर के एक निजी होटल में किया गया. इस मौके पर मुख्य अतिथि के रूप में पहुंची डॉ. नायक कहती हैं कि, सभी लोगों को लैंगिक भेदभाव को दूर करने की शुरूआत अपने घरों से ही प्रारंभ करने की आवश्यकता है, ताकि बच्चों को कभी लैंगिक भेदभाव महसूस न हो. उन्होंने आशा व्यक्त किया की कि, कार्यशाला के दौरान महिलाओं की सुरक्षा एवं सशक्तिकरण के लिए और अच्छे सुझाव प्राप्त होंगे.
यह भी पढ़ें: छत्तीसगढ़ का आर्थिक सर्वेक्षण पेश: प्रति व्यक्ति आय में हुआ इजाफा, जीडीपी दर 11.5 फीसदी
कार्यक्रम में डोजियर का विमोचन
छत्तीसगढ़ पुलिस और यूनिसेफ द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक हिमांशु गुप्ता और यूनिसेफ के छत्तीसगढ़ प्रमुख जोव जकारियाह भी उपस्थित रहे. इस मौके पर छत्तीसगढ़ पुलिस द्वारा पिछले एक साल से महिला और बच्चों की सुरक्षा एवं संरक्षण विषय पर संचालित जागरुकता कार्यक्रम के अन्तर्गत साल भर चलाये गए. अभिव्यक्ति अभियान को संकलित करते हुए एक डोजियर का विमोचन भी अतिथियों द्वारा किया गया. कार्यक्रम में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक हिमांशु गुप्ता ने कहा कि, अभिव्यक्ति कार्यक्रम का आयोजन हमें एक नई दिशा प्रदान करेगा. जिससे समाज में महिलाएं और अधिक मजबूत होंगी. वहीं यूनिसेफ के राज्य प्रमुख जकारियाह ने महिलाओं को सशक्त एवं जागरूक करने के लिए विभिन्न उपायों पर प्रकाश डाला.
'साढ़े तीन लाख महिलाओं और बच्चों को किया गया जागरूक'
वहीं उप पुलिस महानिरीक्षक हिमानी खन्ना ने पूरे वर्षभर चलाए गए. अभिव्यक्ति कार्यक्रम की विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि "छत्तीसगढ़ राज्य में 3.5 लाख से अधिक महिलाओं और बच्चों को जागरूक करने में सफलता प्राप्त हुई है. साथ ही छत्तीसगढ़ पुलिस द्वारा शुरू किए गए. अभिव्यक्ति महिला सुरक्षा एप में 10 हजार से अधिक महिलाएं एवं युवतियों ने इसका लाभ प्राप्त किया है. अभिव्यक्ति कार्यक्रम की आगामी रूपरेखा तैयार करने के लिए देश एवं प्रदेश भर के प्रतिष्ठित ख्याति प्राप्त विशेषज्ञों को विशेष रूप से इस कार्यशाला में आमंत्रित किया गया है." कार्यशाला में अपने विचार रखने के लिए बुद्धिजीवी वर्ग, महिलाओं, युवतियों एवं कॉलेज एवं स्कूलों के प्रोफेसर, शिक्षक तथा गैर सरकारी संस्थाओं के प्रतिनिधियों को भी आमंत्रित किया गया है.
ये रहे मौजूद
कार्यक्रम में पूर्व महानिदेशक आर के विज ने भी अपने विचार व्यक्त किए. वहीं कार्यक्रम का संचालन सहायक पुलिस महानिरीक्षक डॉ संगीता पीटर्स ने किया. इस कार्यक्रम में सहायक पुलिस महानिरीक्षक मिलेना कुर्रे, पूजा अग्रवाल और सभी जिलों से आए राजपत्रित पुलिस अधिकारियों ने भाग लिया. इस अवसर पर पुलिस विभाग के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी-कर्मचारी भी उपस्थित रहे.
लड़कियों को स्कूली शिक्षा के दौरान ही मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग दी जानी चाहिए: डॉ. किरणमयी नायक - उप पुलिस महानिरीक्षक हिमानी खन्ना
अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक ने कहा कि हमारी लड़कियों को स्कूली शिक्षा के दौरान ही मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग दी जानी चाहिये, ताकि आगे चलकर वे अपनी सुरक्षा स्वयं कर सके.
रायपुर: महिला दिवस, केवल महिलाओं के लिये नहीं है, महिला को सशक्त एवं जागरूक करने के लिए पुरूषों की भागीदारी आवश्यक है. हमारी लड़कियों को स्कूली शिक्षा के दौरान ही मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग दी जानी चाहिये, ताकि आगे चलकर अपनी सुरक्षा स्वयं कर सके. यह बात राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक ने अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर लैंगिक समानता एवं महिला सशक्तिकरण विषय पर आयोजित कार्यशाला में कही.
दरअसल छत्तीसगढ़ पुलिस और यूनिसेफ के संयुक्त तत्वाधान में आज से दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन शहर के एक निजी होटल में किया गया. इस मौके पर मुख्य अतिथि के रूप में पहुंची डॉ. नायक कहती हैं कि, सभी लोगों को लैंगिक भेदभाव को दूर करने की शुरूआत अपने घरों से ही प्रारंभ करने की आवश्यकता है, ताकि बच्चों को कभी लैंगिक भेदभाव महसूस न हो. उन्होंने आशा व्यक्त किया की कि, कार्यशाला के दौरान महिलाओं की सुरक्षा एवं सशक्तिकरण के लिए और अच्छे सुझाव प्राप्त होंगे.
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कार्यक्रम में डोजियर का विमोचन
छत्तीसगढ़ पुलिस और यूनिसेफ द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक हिमांशु गुप्ता और यूनिसेफ के छत्तीसगढ़ प्रमुख जोव जकारियाह भी उपस्थित रहे. इस मौके पर छत्तीसगढ़ पुलिस द्वारा पिछले एक साल से महिला और बच्चों की सुरक्षा एवं संरक्षण विषय पर संचालित जागरुकता कार्यक्रम के अन्तर्गत साल भर चलाये गए. अभिव्यक्ति अभियान को संकलित करते हुए एक डोजियर का विमोचन भी अतिथियों द्वारा किया गया. कार्यक्रम में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक हिमांशु गुप्ता ने कहा कि, अभिव्यक्ति कार्यक्रम का आयोजन हमें एक नई दिशा प्रदान करेगा. जिससे समाज में महिलाएं और अधिक मजबूत होंगी. वहीं यूनिसेफ के राज्य प्रमुख जकारियाह ने महिलाओं को सशक्त एवं जागरूक करने के लिए विभिन्न उपायों पर प्रकाश डाला.
'साढ़े तीन लाख महिलाओं और बच्चों को किया गया जागरूक'
वहीं उप पुलिस महानिरीक्षक हिमानी खन्ना ने पूरे वर्षभर चलाए गए. अभिव्यक्ति कार्यक्रम की विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि "छत्तीसगढ़ राज्य में 3.5 लाख से अधिक महिलाओं और बच्चों को जागरूक करने में सफलता प्राप्त हुई है. साथ ही छत्तीसगढ़ पुलिस द्वारा शुरू किए गए. अभिव्यक्ति महिला सुरक्षा एप में 10 हजार से अधिक महिलाएं एवं युवतियों ने इसका लाभ प्राप्त किया है. अभिव्यक्ति कार्यक्रम की आगामी रूपरेखा तैयार करने के लिए देश एवं प्रदेश भर के प्रतिष्ठित ख्याति प्राप्त विशेषज्ञों को विशेष रूप से इस कार्यशाला में आमंत्रित किया गया है." कार्यशाला में अपने विचार रखने के लिए बुद्धिजीवी वर्ग, महिलाओं, युवतियों एवं कॉलेज एवं स्कूलों के प्रोफेसर, शिक्षक तथा गैर सरकारी संस्थाओं के प्रतिनिधियों को भी आमंत्रित किया गया है.
ये रहे मौजूद
कार्यक्रम में पूर्व महानिदेशक आर के विज ने भी अपने विचार व्यक्त किए. वहीं कार्यक्रम का संचालन सहायक पुलिस महानिरीक्षक डॉ संगीता पीटर्स ने किया. इस कार्यक्रम में सहायक पुलिस महानिरीक्षक मिलेना कुर्रे, पूजा अग्रवाल और सभी जिलों से आए राजपत्रित पुलिस अधिकारियों ने भाग लिया. इस अवसर पर पुलिस विभाग के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी-कर्मचारी भी उपस्थित रहे.