रायपुर: छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी संयुक्त मोर्चा के बैनर तले प्रदेश के शासकीय अधिकारी और कर्मचारी एक बार फिर प्रदर्शन करने वाले हैं. 7 जुलाई को प्रदेश जिला और ब्लॉक स्थल पर एक दिवसीय प्रदर्शन किया जाएगा. शनिवार को नवा रायपुर के इंद्रावती भवन में एक बैठक आयोजित की गई थी. इस बैठक में चरणबद्ध तरीके से प्रदर्शन करने को लेकर रणनीति बनाई गई. प्रदेश सरकार 7 जुलाई के प्रदर्शन के बाद भी इनकी मांगों पर कोई ठोस पहल नहीं करती है, तो 1 अगस्त से छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी संयुक्त मोर्चा अनिश्चितकालीन हड़ताल करने के लिए बाध्य होंगे.
छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी संयुक्त मोर्चा का कहना है कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर पिंगुआ कमेटी का गठन 17 सितंबर 2021 को किया गया था. जिसमें प्रदेश के अधिकारी कर्मचारियों की 14 सूत्रीय मांगे लंबित होने के साथ वेतन विसंगति पेंशनरों को देय तिथि से महंगाई भत्ता, जैसे कई मुद्दों से संबंधित विषय को लेकर पिंगुआ कमेटी का गठन किया गया था. लेकिन पिंगुआ कमेटी ने आज तक अपनी रिपोर्ट सरकार को नहीं सौंपी है. जिसके कारण प्रदेश के शासकीय कर्मचारी और अधिकारियों में आक्रोश देखने को मिल रहा है. यही वजह है कि शनिवार को इंद्रावती भवन में रणनीति बनाकर प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है.
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प्रदेश के विभिन्न संगठन मिलकर करेंगे प्रदर्शन: नवा रायपुर के इंद्रावती भवन में शनिवार को आयोजित की गई इस बैठक में छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी संयुक्त मोर्चा से संबंधित संगठन जिसमें छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन, छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी महासंघ, छत्तीसगढ़ मंत्रालयीन कर्मचारी संघ, शिक्षक संगठन एवं प्रदेश के अन्य कर्मचारी संगठन के प्रदेश अध्यक्षों के मध्य चर्चा के उपरांत प्रदर्शन का निर्णय लिया गया.
छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी संयुक्त मोर्चा की 5 सूत्रीय मांग
सातवें वेतनमान के तहत गृह भाड़ा भत्ता दिया जाए.
केंद्र के समान कर्मचारी एवं पेंशनरों को देय तिथि से महंगाई भत्ता दिया जाए.
पिंगुआ कमेटी की रिपोर्ट को सार्वजनिक करने के साथ ही सरकार को रिपोर्ट सौंपी जाए.
सरकार के जन घोषणा पत्र के अनुसार चार स्तरीय वेतनमान सहित अनियमित दैनिक वेतन भोगी और अन्य कर्मचारियों को नियमितीकरण किया जाए.
राज्य में लागू किए गए पुरानी पेंशन योजना में पेंशन पात्रता निर्धारण हेतु शिक्षक एलबी संवर्ग की सेवा गणना प्रथम नियुक्ति तिथि से किया जाए.