ETV Bharat / state

रायपुर: 5 सूत्रीय मांग को लेकर रसोइया संघ ने निकाली रैली, दिया धरना

छत्तीसगढ़ स्कूल मध्यान्ह भोजन रसोइया संघ ने प्रदेश स्तर पर महाधरना दिया. महाधरना के बाद संघ ने रैली निकालकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा.

chhattisgarh school mid day meal cook union protest against state government
रसोईया संघ ने दिया धरना
author img

By

Published : Jan 15, 2020, 6:01 PM IST

रायपुर: शहर के बूढ़ातालाब में छत्तीसगढ़ स्कूल मध्यान्ह भोजन रसोइया संघ ने प्रदेश स्तरीय महाधरना दिया. महाधरना के बाद संघ ने रैली निकालकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा. संघ के हजारों रसोइयों ने सरकार के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया.

रसोईया संघ ने दिया धरना

रसोइया संघ की 5 सूत्रीय मांग

  • मध्यान्ह भोजन रसोइया को सेटअप में लाना
  • रसोइयों को कलेक्टर दर पर मानदेय देना
  • रसोइयों को पूर्णकालीन करना
  • रसोइयों को शासकीय चतुर्थ वर्ग कर्मचारी का दर्जा देना
  • भोजन बनाने के लिए स्कूलों में गैस सिलेंडर की व्यवस्था

संघ का कहना है कि, 'ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में प्राथमिक और पूर्व माध्यमिक स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की शिक्षा को लगातार जारी रखने के लिए मध्यान्ह भोजन योजना का संचालन वर्षों से किया जा रहा है. इसके कर्मचारियों को स्वादिष्ट भोजन पकाने और खिलाने का कार्यभार निर्धारित किया गया है. इसके साथ ही रसोइए वर्षों से मानदेय राशि पर निष्ठापूर्वक काम कर रहे हैं. महंगाई दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है, लेकिन रसोइयों के मानदेय में कोई वृद्धि नहीं की गई है.'

'मेहनत के हिसाब से नहीं मिलते पैसे'
रसोईया पिछले कई सालों से स्कूलों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. स्कूल लगने के समय से लेकर स्कूल बंद होने तक रसोइयों की जिम्मेदारी होती है. बच्चों की देखभाल करना और उन्हें मध्यान्ह भोजन करवाकर घर वापस भेजने की. इतना सब करने में रसोइयों को लगभग 5 घंटे का समय लगता है और इस 5 घंटे के बदले सरकार द्वारा इन्हें प्रतिदिन 40 रुपए मानदेय का भुगतान किया जाता है.

प्रतिदिन 256 रुपए देने की मांग
इनका कहना है कि कलेक्टर दर पर इनका मानदेय प्रतिदिन 256 रुपए निर्धारित किया जाए, जिससे ये लोग अपने और अपने परिवार का भरण पोषण सही तरीके से कर सके. प्रतिदिन ₹40 मानदेय के हिसाब से महीने में इन रसोइयों को 12 सौ रुपया ही महीने के मिलते हैं, जो काफी कम है.

रायपुर: शहर के बूढ़ातालाब में छत्तीसगढ़ स्कूल मध्यान्ह भोजन रसोइया संघ ने प्रदेश स्तरीय महाधरना दिया. महाधरना के बाद संघ ने रैली निकालकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा. संघ के हजारों रसोइयों ने सरकार के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया.

रसोईया संघ ने दिया धरना

रसोइया संघ की 5 सूत्रीय मांग

  • मध्यान्ह भोजन रसोइया को सेटअप में लाना
  • रसोइयों को कलेक्टर दर पर मानदेय देना
  • रसोइयों को पूर्णकालीन करना
  • रसोइयों को शासकीय चतुर्थ वर्ग कर्मचारी का दर्जा देना
  • भोजन बनाने के लिए स्कूलों में गैस सिलेंडर की व्यवस्था

संघ का कहना है कि, 'ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में प्राथमिक और पूर्व माध्यमिक स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की शिक्षा को लगातार जारी रखने के लिए मध्यान्ह भोजन योजना का संचालन वर्षों से किया जा रहा है. इसके कर्मचारियों को स्वादिष्ट भोजन पकाने और खिलाने का कार्यभार निर्धारित किया गया है. इसके साथ ही रसोइए वर्षों से मानदेय राशि पर निष्ठापूर्वक काम कर रहे हैं. महंगाई दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है, लेकिन रसोइयों के मानदेय में कोई वृद्धि नहीं की गई है.'

'मेहनत के हिसाब से नहीं मिलते पैसे'
रसोईया पिछले कई सालों से स्कूलों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. स्कूल लगने के समय से लेकर स्कूल बंद होने तक रसोइयों की जिम्मेदारी होती है. बच्चों की देखभाल करना और उन्हें मध्यान्ह भोजन करवाकर घर वापस भेजने की. इतना सब करने में रसोइयों को लगभग 5 घंटे का समय लगता है और इस 5 घंटे के बदले सरकार द्वारा इन्हें प्रतिदिन 40 रुपए मानदेय का भुगतान किया जाता है.

प्रतिदिन 256 रुपए देने की मांग
इनका कहना है कि कलेक्टर दर पर इनका मानदेय प्रतिदिन 256 रुपए निर्धारित किया जाए, जिससे ये लोग अपने और अपने परिवार का भरण पोषण सही तरीके से कर सके. प्रतिदिन ₹40 मानदेय के हिसाब से महीने में इन रसोइयों को 12 सौ रुपया ही महीने के मिलते हैं, जो काफी कम है.

Intro:रायपुर आज राजधानी रायपुर के बूढ़ा तालाब धरना स्थल पर छत्तीसगढ़ स्कूल मध्यान्ह भोजन रसोईया संघ ने प्रदेश स्तर पर महाधरना का आयोजन किया महाधरना के बाद रसोईया संघ ने रैली निकालकर मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा रसोईया संघ की 5 सूत्रीय मांग है प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों में काम करने वाले रसोइयों का कहना है मध्यान भोजन रसोईया को सेटअप में लाया जाए रसोइयों को कलेक्टर दर से मानदेय दिया जाए रसोइयों को पूर्ण कालीन किया जाए रसोइयों को शासकीय चतुर्थ वर्ग कर्मचारी का दर्जा दिया जाए भोजन बनाने हेतु स्कूलों में गैस सिलेंडर की व्यवस्था की जाए आज इस महाधरना में रसोईया संघ के हजारों रसोइयों ने सरकार के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया


Body:ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक शालाओं में पढ़ने वाले बच्चों की शिक्षा को अनवरत रूप से जारी रखने हेतु मध्यान भोजन योजना का संचालन वर्षों से किया जा रहा है मध्यान भोजन रसोईया कर्मचारियों को स्वादिष्ट भोजन पकाने व खिलाने का कार्यभार निर्धारित किया गया है वर्षों से मानदेय राशि पर निष्ठा पूर्वक कार्यरत है महंगाई दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है लेकिन रसोइयों के मानदेय में कोई वृद्धि नहीं की गई है


Conclusion:रसोईया पिछले कई सालों से स्कूलों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं स्कूल लगने के समय से लेकर स्कूल बंद होने तक रसोइयों की जिम्मेदारी होती है बच्चों की देखभाल करना और उन्हें मध्यान भोजन करवाकर घर वापस भेजने की इतना सब करने में रसोइयों को लगभग 5 घंटे का समय लगता है और इस 5 घंटे के बदले सरकार के द्वारा इन्हें प्रतिदिन ₹40 मानदेय का भुगतान किया जाता है इनका कहना है कि कलेक्टर दर पर इनका मानदेय प्रतिदिन ₹256 निर्धारित किया जाए जिससे ये लोग अपने और अपने परिवार का भरण पोषण सही तरीके से कर सके प्रतिदिन ₹40 मानदेय के हिसाब से महीने में इन रसोइयों को 12 सौ रुपया ही महीने के मिलते हैं जो काफी कम है


बाइट उषा राठौर रसोईया


बाइट दयालु राम भारद्वाज ब्लॉक अध्यक्ष रसोईया संघ माकड़ी


रितेश कुमार तंबोली ईटीवी भारत रायपुर
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.