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शराबबंदी की मांग को लेकर छत्तीसगढ़ सतनामी समाज ने कैबिनेट मंत्री को सौंपा ज्ञापन

प्रदेश में पूर्ण शराबबंदी की मांग को लेकर छत्तीसगढ़ सतनामी समाज ने कैबिनेट मंत्री गुरु रूद्र कुमार को ज्ञापन सौंपा है. समाज की महिलाओं का कहना है कि कांग्रेस सरकार ने राज्य में शराबबंदी करने का वादा किया था, लेकिन अबतक इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया है. समाज के लोगों ने राज्य में जल्द शराबबंदी कराने की मांग की है.

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छत्तीसगढ़ सतनामी समाज ने कैबिनेट मंत्री को सौंपा ज्ञापन
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Published : Sep 14, 2020, 4:12 PM IST

Updated : Sep 14, 2020, 4:39 PM IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ प्रदेश सतनामी समाज ने पूरे प्रदेश के 90 विधानसभा के विधायकों से प्रदेश में शराब बंदी की मांग की है. सतनामी समाज के लोगों ने रविवार को शराबबंदी करने को लेकर कैबिनेट मंत्री गुरु रूद्र कुमार को ज्ञापन सौंपा.

छत्तीसगढ़ सतनामी समाज ने कैबिनेट मंत्री को सौंपा ज्ञापन

सतनामी समाज की महिलाओं का कहना है कि शराब से कितने घर बर्बाद हो चुके हैं. कांग्रेस की सरकार ने प्रदेश में शराबबंदी का वादा जरूर किया था, लेकिन अब तक शराबबंदी के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया है. जिसे लेकर ही मंत्री जी को ज्ञापन सौंपा गया है. मांग पूरी नहीं होने पर पूरे प्रदेश में उग्र आंदोलन किया जा सकता है.

प्रदेश सतनामी समाज के अध्यक्ष सुनिल रात्रे का कहना है कि वे लगातार पूरे राज्य में अलग-अलग गांव में घुम-घुमकर जायजा ले रहे हैं. शराबबंदी नहीं होने से कई महिलाएं परेशान हैं. घरेलू हिंसा के आंकड़े शराब की वजह से हर दिन बढ़ते जा रहे हैं. उनका कहना है कि 300 से ज्यादा गांव की महिलाएं शराबबंदी कराने को लेकर सतनामी समाज के साथ खड़ी हैं. राज्य सरकार को जल्द ही शराबबंदी पर फैसला लेने की जरूरत है.

पढ़ें- बंद हुई शराब दुकान, स्थानीय लोगों के विरोध के बाद प्रशासन ने लिया फैसला

बता दें कि छत्तीसगढ़ में 1 जनवरी 2020 से अगस्त 2020 तक 2 हजार 400 करोड़ रुपए की शराब लोग डकार गए हैं. अर्थव्यवस्था के लिए तो ये बेहतर हो सकता है, लेकिन इसकी अंधाधुंध खपत ने विपक्ष के साथ ही सामाजिक कार्यकर्ताओं की नींद उड़ा दी है. अब इसे लेकर छत्तीसगढ़ में भी सियासत तेज हो गई है.

कांग्रेस सरकार में खुली 7 नई शराब दुकानें

शराबबंदी का वादा कर सत्ता में आने वाली कांग्रेस ने सरकार में आते ही 7 नई दुकानें खोल दीं, जिससे विपक्ष और हमलावर हो गया. बताते हैं कि सरकार ने प्रीमियम शराब दुकान के साथ रायपुर में 4, बिलासपुर, धमतरी और राजनांदगांव में एक-एक शराब दुकान खोली है, जिसे लेकर सामाजिक कार्यकर्ताओं चिंता जताई है.

रायपुर: छत्तीसगढ़ प्रदेश सतनामी समाज ने पूरे प्रदेश के 90 विधानसभा के विधायकों से प्रदेश में शराब बंदी की मांग की है. सतनामी समाज के लोगों ने रविवार को शराबबंदी करने को लेकर कैबिनेट मंत्री गुरु रूद्र कुमार को ज्ञापन सौंपा.

छत्तीसगढ़ सतनामी समाज ने कैबिनेट मंत्री को सौंपा ज्ञापन

सतनामी समाज की महिलाओं का कहना है कि शराब से कितने घर बर्बाद हो चुके हैं. कांग्रेस की सरकार ने प्रदेश में शराबबंदी का वादा जरूर किया था, लेकिन अब तक शराबबंदी के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया है. जिसे लेकर ही मंत्री जी को ज्ञापन सौंपा गया है. मांग पूरी नहीं होने पर पूरे प्रदेश में उग्र आंदोलन किया जा सकता है.

प्रदेश सतनामी समाज के अध्यक्ष सुनिल रात्रे का कहना है कि वे लगातार पूरे राज्य में अलग-अलग गांव में घुम-घुमकर जायजा ले रहे हैं. शराबबंदी नहीं होने से कई महिलाएं परेशान हैं. घरेलू हिंसा के आंकड़े शराब की वजह से हर दिन बढ़ते जा रहे हैं. उनका कहना है कि 300 से ज्यादा गांव की महिलाएं शराबबंदी कराने को लेकर सतनामी समाज के साथ खड़ी हैं. राज्य सरकार को जल्द ही शराबबंदी पर फैसला लेने की जरूरत है.

पढ़ें- बंद हुई शराब दुकान, स्थानीय लोगों के विरोध के बाद प्रशासन ने लिया फैसला

बता दें कि छत्तीसगढ़ में 1 जनवरी 2020 से अगस्त 2020 तक 2 हजार 400 करोड़ रुपए की शराब लोग डकार गए हैं. अर्थव्यवस्था के लिए तो ये बेहतर हो सकता है, लेकिन इसकी अंधाधुंध खपत ने विपक्ष के साथ ही सामाजिक कार्यकर्ताओं की नींद उड़ा दी है. अब इसे लेकर छत्तीसगढ़ में भी सियासत तेज हो गई है.

कांग्रेस सरकार में खुली 7 नई शराब दुकानें

शराबबंदी का वादा कर सत्ता में आने वाली कांग्रेस ने सरकार में आते ही 7 नई दुकानें खोल दीं, जिससे विपक्ष और हमलावर हो गया. बताते हैं कि सरकार ने प्रीमियम शराब दुकान के साथ रायपुर में 4, बिलासपुर, धमतरी और राजनांदगांव में एक-एक शराब दुकान खोली है, जिसे लेकर सामाजिक कार्यकर्ताओं चिंता जताई है.

Last Updated : Sep 14, 2020, 4:39 PM IST
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