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हसदेव में पेड़ों की हत्या पर गर्माया सियासी पारा, बीजेपी के वार पर कांग्रेस का प्रहार

cutting of trees in hasdeo हसदेव अरण्य को बचाने के नाम पर बीजेपी और कांग्रेस के बीच सियासी पारा गर्मा गया है. सीएम विष्णु देव साय के आरोपों के बाद कांग्रेस ने भी जवाबी मोर्चा संभाल लिया है. जवाब देने की जिम्मेदारी अब कांग्रेस ने विकास उपाध्याय के कंधे पर डाल दी है. Protests for Hasdeo Aranya

cutting of trees in hasdeo
हसदेव में पेड़ों की हत्या पर गर्माया सियासी पारा
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Dec 26, 2023, 9:46 PM IST

Updated : Dec 26, 2023, 10:27 PM IST

हसदेव में पेड़ों की हत्या पर गर्माया सियासी पारा

रायपुर: कोरबा के हसदेव में कोयला खदान के लिए पेड़ों की कटाई किए जाने का मामला सियासी तूल पकड़ता जा रहा है. पेड़ों की कटाई के विरोध में रायपुर में कांग्रेस नेता विकास उपाध्याय ने प्रदर्शन किया. कांग्रेस कार्यकर्ता सुबह से ही तख्तियां लेकर प्रदर्शन के लिए सड़कों पर उतर गए थे. प्रदर्शन कर रहे कांग्रेस कार्यकर्ताओं का कहना था कि सरकार को तुरंत पेड़ों की कटाई पर एक्शन लेना चाहिए. कांग्रेस नेता विकास उपाध्याय ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार को भी इस मामले में संज्ञान लेना चाहिए.

साय ने लगाया था भूपेश सरकार पर आरोप: हसदेव अरण्य में पेड़ों की कटाई के मामले में सियासत गर्मा गई है. खुद मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने रायपुर में मीडिया से बातचीत में कहा था कि इसके लिए कांग्रेस जिम्मेदार है. साय ने भूपेश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था कि कांग्रेस के कार्यकाल में हसदेव अरण्य में पेड़ों की कटाई की इजाजत दी गई थी. कांग्रेस सरकार पूरी तरह से पेड़ों की कटाई के लिए जिम्मेदार है. साय ने ये भी कहा था कि पेड़ों की कटाई को लेकर कांग्रेस से सवाल पूछा जाना चाहिए.

क्या है हसदेव में पेड़ों की कटाई का मामला: कोरबा के हसदेव में जमीन के नीचे भारी मात्रा में कोयले का भंडार खोजा गया. कोयले का भंडार खोजे जाने के बाद कोयले के खदान खोदने की तैयारी की गई. जिस जगह पर कोयला खदान बनाना था वहां पर हसदेव अरण्य है और वहां बड़ी संख्या में पेड़ लगे हैं. खदान के काम के लिए करीब 1500 से ज्यादा पेड़ों को काट दिया गया. कोरबा में पेड़ों की कटाई के लिए हंसदेव अरण्य बचाओ संघर्ष समिति भी बनाई गई. लंबे वक्त तक हसदेव अरण्य को बचान के लिए आंदोलन भी चला लेकिन तबतक 1500 से ज्यादा पेड़ काट दिए गये. हसदेव को लेकिर कांग्रेस और बीजेपी दोनों एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगा रही है.

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साय ने लगाया था भूपेश सरकार पर आरोप: हसदेव अरण्य में पेड़ों की कटाई के मामले में सियासत गर्मा गई है. खुद मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने रायपुर में मीडिया से बातचीत में कहा था कि इसके लिए कांग्रेस जिम्मेदार है. साय ने भूपेश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था कि कांग्रेस के कार्यकाल में हसदेव अरण्य में पेड़ों की कटाई की इजाजत दी गई थी. कांग्रेस सरकार पूरी तरह से पेड़ों की कटाई के लिए जिम्मेदार है. साय ने ये भी कहा था कि पेड़ों की कटाई को लेकर कांग्रेस से सवाल पूछा जाना चाहिए.

क्या है हसदेव में पेड़ों की कटाई का मामला: कोरबा के हसदेव में जमीन के नीचे भारी मात्रा में कोयले का भंडार खोजा गया. कोयले का भंडार खोजे जाने के बाद कोयले के खदान खोदने की तैयारी की गई. जिस जगह पर कोयला खदान बनाना था वहां पर हसदेव अरण्य है और वहां बड़ी संख्या में पेड़ लगे हैं. खदान के काम के लिए करीब 1500 से ज्यादा पेड़ों को काट दिया गया. कोरबा में पेड़ों की कटाई के लिए हंसदेव अरण्य बचाओ संघर्ष समिति भी बनाई गई. लंबे वक्त तक हसदेव अरण्य को बचान के लिए आंदोलन भी चला लेकिन तबतक 1500 से ज्यादा पेड़ काट दिए गये. हसदेव को लेकिर कांग्रेस और बीजेपी दोनों एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगा रही है.

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Last Updated : Dec 26, 2023, 10:27 PM IST
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