रायपुर: छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के पहले चरण का मतदान 7 नवंबर को होना है. अब तक कांग्रेस ने प्रदेश में 8 घोषणाएं कर दी है. हालांकि बीजेपी की ओर से अब तक एक भी घोषणा नहीं की गई है. इसका चुनाव पर कितना असर पड़ेगा? इसे विस्तार से समझने के लिए ETV भारत ने बीजेपी, कांग्रस के नेताओं के साथ ही पॉलिटिकल एक्सपर्ट से भी बातचीत की. सभी ने इसपर अलग अलग प्रतिक्रिया दी है.
आइए जानते हैं कि चुनाव पर घोषणाओं का कितना इफेक्ट पड़ सकता है...
जानिए कांग्रेस की राय: कांग्रेस की ओर से की जा रही घोषणाओं को लेकर कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता घनश्याम राजू तिवारी ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि, "कांग्रेस ने जो पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान वादे किए थे, उन्हें पूरा किया है. कर्ज माफी का वादा किया था, उसे सरकार बनने के चंद घंटे के अंदर ही पूरा किया गया है. इसके अलावा बिजली बिल हाफ, धान खरीदी का मूल्य बढ़ाने, बेरोजगारी भत्ता सहित कई घोषणाएं पूरी की है. जो वादे कांग्रेस ने किए थे, उसे पूरा किया है.हमने एक बार फिर किसानों के कर्ज माफी सहित कई गारंटी दी है. सरकार बनने के बाद इन गारंटी को भी कांग्रेस पूरा करेगी. यही वजह है कि इस बार भी लोगों का विश्वास कांग्रेस पर है. पिछली बार से ज्यादा सीटों पर कांग्रेस जीत कर सरकार बनाने जा रही है."
बीजेपी ने कांग्रेस की घोषणाओं पर किया कटाक्ष: भाजपा प्रदेश प्रवक्ता अनुराग अग्रवाल ने कांग्रेस के घोषणापत्र को लेकर कटाक्ष किया है. उन्होंने कहा कि," कांग्रेस ने पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान 36 वादे किए थे. लेकिन उनमें से एक भी वादा पूरी तरह से पूरा नहीं किया गया है. किसानों कर्ज माफी की बात की थी लेकिन समिति के कर्ज छोड़कर बाकी किसी भी बैंकों और अन्य कर्ज को कांग्रेस सरकार ने माफ नहीं किया है. इस बार भी उन्होंने कर्ज माफी की बात की है लेकिन स्पष्ट नहीं किया है कि कौन सा कर्ज माफ करेंगे. शराब बंदी की बात की थी, वह भी नहीं की गई. नियमितीकरण करने का वादा कांग्रेस ने किया था. आज भी लाखों कर्मचारी नियमितिकरण का इंतजार कर रहे हैं. ऐसे में कांग्रेस ने प्रदेश की जनता को धोखा दिया है. इसका परिणाम आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को भुगतान पड़ेगा और प्रदेश में भाजपा की सरकार बनेगी."
जानिए क्या कहते हैं पॉलिटिकल एक्सपर्ट: इस पूरे मामले में पॉलिटिकल एक्सपर्ट रामावतार तिवारी ने कहा है कि, "इस बार दोनों ही राजनीतिक दल, चाहे कांग्रेस हो या बीजेपी ने घोषणा पत्र जारी नहीं किया है. हालांकि कांग्रेस की ओर से इस बीच कुछ घोषणाएं जरूर की गई है. इसमें एक बार फिर कांग्रेस ने किसानों की कर्ज माफी का दाव खेला है. इसके अलावा जातिगत जनगणना की बात भी कांग्रेस कर रही है. इसके अलावा भी कुछ घोषणाएं कांग्रेस की ओर से की गई है. जबकि भाजपा की ओर से अब तक कोई भी बड़ा ऐलान नहीं किया गया है. ना ही भाजपा ने विधानसभा चुनाव को देखते हुए जनता के लिए कोई घोषणा की है. बहरहाल संभावना जताई जा रही कि जल्द ही दोनों राजनीतिक दल अपनी-अपनी घोषणा पत्र जारी करेंगे."
घोषणापत्र पर गंभीरता से विचार कर रही पार्टियां: वहीं, इस मामले में राजनीति के जानकार बाबूलाल शर्मा ने भी अपनी राय दी. उन्होंने कहा कि, "दोनों ही राजनीतिक दल अपने-अपने घोषणा पत्र को लेकर गंभीर है. उनके द्वारा सभी वर्गों से मुलाकात और बातचीत की गई है. उसके बाद घोषणा पत्र तैयार किए जा रहे हैं. संभावना जताई जा रही है कि जल्द दोनों ही राजनीतिक दल अपने-अपने घोषणा पत्र जारी कर सकते हैं. हालांकि इसके पहले कांग्रेस ने चुनावी सभा में भी कुछ घोषणाएं की है, जिसमें किसानों का कर्जा माफी का ऐलान एक बार फिर कांग्रेस की ओर से किया गया है. इसका कहीं ना कहीं चुनाव पर असर भी देखने को मिल सकता है."
कांग्रेस ने की ये बड़ी घोषणाएं:
- पहले की तरह इस बार भी होगा किसानों का कर्जमाफी.
- जातिगत सर्वे कराया जाएगा.
- 20 क्विंटल प्रति एकड़ धान खरीदी होगी.
- 17.5 लाख गरीब परिवार को आवास दिया जाएगा.
- तेंदूपत्ता संग्राहक परिवार को 4000 रु बोनस हर साल दिया जाएगा.
- लघु वनोपजों की एमएसपी पर 10 रुपए अधिक मिलेगा.
- सभी सरकारी स्कूलों और कॉलेजों में KG से PG तक शिक्षा मुफ्त होगी.
- गरीबो को 5 लाख से बढ़ाकर 10 लाख और अन्य लोगों को 50 हजार से बढ़ाकर अब 5 लाख तक का मुफ्त इलाज की सुविधा मिलेगी.