रायपुर : 3 मार्च यानी मंगलवार को छत्तीसगढ़ का बजट पेश होने जा रहा है. ये बजट राज्य सरकार के लिए किसी चुनौती से कम नहीं होगा. इसकी वजह लगातार विपक्ष का सरकार पर आक्रामक होना है, फिर वो चाहे किसानों का मुद्दा हो विकास का या फिर बेरोजगारी का. बजट को लेकर ETV भारत ने विशेषज्ञों से बात की और आने वाले बजट को लेकर उनकी राय और उम्मीदों को जाना.
ETV भारत की टीम जब छत्तीसगढ़ संयुक्त किसान मोर्चा के अध्यक्ष अनिल दुबे के पास पहुंची तो उन्होंने आने वाले बजट को कृषि आधारित होने की उम्मीद जताई. उन्होंने कहा कि, 'कांग्रेस सरकार किसानों के लिए काम करने का दावा करती रही है, लेकिन किसानों की प्रमुख मांग फसलों की उचित कीमत मिलना है, जिसे लेकर किसानों की शिकायत अब भी बनी हुई है, ऐसे में इस बजट को सरकार को कृषि आधारित रखना चाहिए'.
'न्यूनतम आय योजना पर काम करना चाहिए'
शिक्षाविद डॉ विनोद जोशी ने बताया कि, 'इस बजट में यदि राज्य सरकार न्यूनतम आय योजना को शामिल करती है तो ये बजट युवाओं के लिए खास हो सकता है'. उन्होंने कहा कि, 'यदि न्यूनतम आय योजना को शामिल किया जाता है तो, कृषि, उद्योग, किसान मध्यमवर्गीय क्षेत्र के लोगों को राहत मिलेगी. सरकार को न्यूनतम आय योजना पर काम करना चाहिए'.
'विकास और युवा कल्याण ये दो मुद्दे सबसे बड़े होंगे'
प्रदेश के वर्तमान हालातों और राज्य सरकार की प्राथमिकताओं को लेकर हमने प्रदेश के वरिष्ठ पत्रकार शशांक शर्मा से बात की. उन्होंने आने वाले बजट को लेकर प्रदेश सरकार के विजन पर अपनी बात रखी है. उन्होंने कहा कि, 'ये बजट किसानों और बेरोजगारी के मुद्दे पर केंद्रित होगा. साथ ही विकास और युवा कल्याण ये दो मुद्दे सबसे बड़े होंगे.
'राजस्व बढ़ाने पर फोकस करना चाहिए'
प्रदेश की अर्थव्यवस्था को लेकर हमने पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के इकोनॉमिक्स विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ एके पांडे से बात की. उन्होंने कहा कि, 'प्रदेश में अर्थव्यवस्था को मजबूत करना बेहद जरूरी है. खर्च और कर्ज ज्यादा हो चुका है. इससे बचने के लिए अब राजस्व बढ़ाने पर फोकस करना चाहिए'.
इस तरह अलग-अलग सेक्टर के लोगों ने इस बजट को लेकर अपनी उम्मीदें जताई हैं. अब देखना होगा कि मंगलवार को पेश होने वाले इस बजट में सरकार इन उम्मीदों पर कितनी खरी उतरती है.