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Onion farmers may suffer losses : छ्त्तीसगढ़ के प्याज उत्पादक किसानों की परेशानी, उठाना पड़ सकता है नुकसान

छत्तीसगढ़ के प्याज उत्पादक किसानों को आने वाले दिनों में नुकसान उठाना पड़ सकता है. इसकी वजह है नासिक में प्याज की बंपर पैदावार और आवक. हाल ये है कि नासिक से थोक में आकर प्याज मंडी में छह रुपए किलो बिक रहा है. ऐसे में रिटेल में प्याज 10 रुपए के हिसाब से बेचा जा रहा है. छत्तीसगढ़ में उत्पादन होने पर दाम और भी गिरेंगे.

Onion Rates of Chhattisgarh
छ्त्तीसगढ़ के प्याज उत्पादक किसानों की परेशानी
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Published : Mar 2, 2023, 6:54 PM IST

रायपुर : देश भर में सर्वाधिक प्याज का उत्पादन महाराष्ट्र के नासिक में होता है. देशभर में प्याज की सप्लाई नासिक से होती है. जानकारों की मानें तो इस साल प्याज का नासिक में अधिक उत्पादन हुआ है. अधिक प्याज के उत्पादन होने से प्याज के दाम में भारी गिरावट आई है. ऐसे में किसान उत्पादन करने में जितना पैसा खर्च किए हैं, उससे कम दामों में प्याज बेचने को मजबूर हैं. हमारे छत्तीसगढ़ में भी प्याज नासिक से ही आता है. नासिक में प्याज सस्ता होने की वजह से यहां भी सस्ते में प्याज उपलब्ध है. जानकर बताते हैं कि प्याज दो कैटेगरी में आता है. पहला नम्बर वन और दूसरा नम्बर टू.


रायपुर में प्याज थोक में तीन रूपए महंगा : डूमरतराई सब्जी मंडी के अध्यक्ष श्रीनिवास रेड्डी कहते हैं कि ''छत्तीसगढ़ में भी अभी नासिक से ही प्याज आ रहा है. वहां लासल गांव है, जहां बहुत बड़ी मंडी है. वहां अभी उत्पादन जबरदस्त है. छत्तीसगढ़ में वहां से एक नंबर और दो नंबर क्वालिटी का माल भरपूर मात्रा में आ रहा है. दो नंबर क्वालिटी लगभग 2 रुपये किलो के आसपास है. रायपुर आकर वह थोक में 4 से 5 रुपये किलो में बिक रहा है. यही प्याज चिल्लर में यहां 10 रुपये किलो में बिक रहा है. वहीं अच्छी क्वालिटी का प्याज 8 से 10 रुपए किलो में है, जो रिटेल में 15 से 20 किलो में बिक रहा है. कुछ दिनों में ही हमारी स्थानीय फसल भी शुरू होने की उम्मीद है. अप्रैल के महीने में स्थानीय प्याज का उत्पादन भी चालू हो जाएगा. तब संभावनाएं है कि रेट और गिरेंगे. इस बार किसानों को लगभग नुकसान ही सहना पड़ेगा, ऐसा लगता है.''




पिछले साल दाम में थी तेजी : श्रीनिवास रेड्डी कहते हैं कि ''पिछले साल 30 से 40 रुपए किलो प्याज बिक रहा था. इस साल किसानों ने जरूरत से ज्यादा उत्पादन लिया है. इसकी वजह से ओवरप्रोडक्शन हो चुका है. जिसके चलते रेट नहीं मिल पा रहा है. यहां लगभग हर दूसरे तीसरे साल ऐसा मौका आता है कि रेट में गिरावट आती है. इस साल किसानों को नुकसान उठाना पड़ रहा है.''


ये भी पढ़ें- जानिए रायपुर में सब्जियों के दाम


छत्तीसगढ़ में कहां से आता है प्याज : सब्जी मंडी के अध्यक्ष श्रीनिवास रेड्डी कहते हैं कि ''अभी तो नासिक से ही माल आ रहा है. इसके अलावा इंदौर से भी प्याज की भरपूर आवक रहती है. सीजन में गुजरात से भी प्याज आता है. फिलहाल एशिया की सबसे बड़ी मंडी लासलगांव है, वहीं से आवक है. ज्यादातर माल नासिक के लासलगांव से ही आता है.''

रायपुर : देश भर में सर्वाधिक प्याज का उत्पादन महाराष्ट्र के नासिक में होता है. देशभर में प्याज की सप्लाई नासिक से होती है. जानकारों की मानें तो इस साल प्याज का नासिक में अधिक उत्पादन हुआ है. अधिक प्याज के उत्पादन होने से प्याज के दाम में भारी गिरावट आई है. ऐसे में किसान उत्पादन करने में जितना पैसा खर्च किए हैं, उससे कम दामों में प्याज बेचने को मजबूर हैं. हमारे छत्तीसगढ़ में भी प्याज नासिक से ही आता है. नासिक में प्याज सस्ता होने की वजह से यहां भी सस्ते में प्याज उपलब्ध है. जानकर बताते हैं कि प्याज दो कैटेगरी में आता है. पहला नम्बर वन और दूसरा नम्बर टू.


रायपुर में प्याज थोक में तीन रूपए महंगा : डूमरतराई सब्जी मंडी के अध्यक्ष श्रीनिवास रेड्डी कहते हैं कि ''छत्तीसगढ़ में भी अभी नासिक से ही प्याज आ रहा है. वहां लासल गांव है, जहां बहुत बड़ी मंडी है. वहां अभी उत्पादन जबरदस्त है. छत्तीसगढ़ में वहां से एक नंबर और दो नंबर क्वालिटी का माल भरपूर मात्रा में आ रहा है. दो नंबर क्वालिटी लगभग 2 रुपये किलो के आसपास है. रायपुर आकर वह थोक में 4 से 5 रुपये किलो में बिक रहा है. यही प्याज चिल्लर में यहां 10 रुपये किलो में बिक रहा है. वहीं अच्छी क्वालिटी का प्याज 8 से 10 रुपए किलो में है, जो रिटेल में 15 से 20 किलो में बिक रहा है. कुछ दिनों में ही हमारी स्थानीय फसल भी शुरू होने की उम्मीद है. अप्रैल के महीने में स्थानीय प्याज का उत्पादन भी चालू हो जाएगा. तब संभावनाएं है कि रेट और गिरेंगे. इस बार किसानों को लगभग नुकसान ही सहना पड़ेगा, ऐसा लगता है.''




पिछले साल दाम में थी तेजी : श्रीनिवास रेड्डी कहते हैं कि ''पिछले साल 30 से 40 रुपए किलो प्याज बिक रहा था. इस साल किसानों ने जरूरत से ज्यादा उत्पादन लिया है. इसकी वजह से ओवरप्रोडक्शन हो चुका है. जिसके चलते रेट नहीं मिल पा रहा है. यहां लगभग हर दूसरे तीसरे साल ऐसा मौका आता है कि रेट में गिरावट आती है. इस साल किसानों को नुकसान उठाना पड़ रहा है.''


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छत्तीसगढ़ में कहां से आता है प्याज : सब्जी मंडी के अध्यक्ष श्रीनिवास रेड्डी कहते हैं कि ''अभी तो नासिक से ही माल आ रहा है. इसके अलावा इंदौर से भी प्याज की भरपूर आवक रहती है. सीजन में गुजरात से भी प्याज आता है. फिलहाल एशिया की सबसे बड़ी मंडी लासलगांव है, वहीं से आवक है. ज्यादातर माल नासिक के लासलगांव से ही आता है.''

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