रायपुर: मानसून सत्र का तीसरा दिन काफी हंगामेदार रहा. हर किसी की निगाह भूपेश बघेल सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर टिकी रही, जिसे एक दिन पहले ही चर्चा के लिए मंजूरी मिली. बीजेपी ने भूपेश बघेल सरकार को घेरने के लिए अविश्वास प्रस्ताव में 109 प्वाइंट को शामिल किया है. कयास लगाए जा रहे हैं कि इन्हीं बिंदुओं के साथ ही भाजपा चुनावी मैदान में भी उतरेगी.
शिक्षा की अव्यवस्था का उठा मुद्दा: गुरुवार को सदन का कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष ने दैनिक वेतनभोगी सहित अनियमित कर्मचारियों के मुद्दे पर जमकर हंगामा किया. दोपहर में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा शुरू होनी थी, जो लंच के बाद शुरू हो पाई. भाजपा ने कांग्रेस की भूपेश बघेल सरकार को घेरने के लिए कई बिंदु तैयार किए हैं. लंच ब्रेक से पहले विपक्ष की ओर से अजय चंद्राकर ने शिक्षा की अव्यवस्था का मुद्दा उठाया. अजय चंद्राकर ने प्राइवेट यूनिवर्सिटी के कारण शिक्षा के बाजारवाद का मुद्दा उठाया. छ्त्तीसगढ़ में दिनों दिन शिक्षा में आ रही अव्यवस्था का भी सरकार पर आरोप लगाया. इसीलिए यहां के बच्चों को पढ़ने के लिए विदेश जाने की बात कही.
मानसून सत्र का दूसरा दिन भी था हंगामेदार: मानसून सत्र का दूसरा दिन भी काफी हंगामेदार रहा. प्रश्नकाल के दौरान युवाओं के नग्न प्रदर्शन को लेकर बीजेपी ने सीएम भूपेश बघेल के इस्तीफे की मांग की. बेरोजगारी, शराब घोटाला जैसे मुद्दों पर भी खूब हंगामा हुआ. मंत्री उमेश पटेल के जवाब से असंतुष्ट विपक्ष ने वॉकआउट कर दिया. इसके बाद बेरोजगारी के आंकड़ों को लेकर पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर के सवाल पर लगभग 33 मिनट तक बहस चली. वहीं प्रश्नकाल में जहरीली शराब, शराबबंदी और शराब पर टैक्स को लेकर विपक्ष ने सरकार पर कई सवाल दागे.