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शराबबंदी को लेकर शुरू टर्र-टर्र की सियासत, पूर्व मंत्री महेश गागड़ा के ट्वीट पर मचा बवाल - मंत्री अमरजीत भगत के बयान पर सियासत

छत्तीसगढ़ में शराबंदी (Chhattisgarh Liquor Ban Issue) को लेकर सियासत गरमाई हुई है. शराबबंदी पर संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत (Minister Amarjeet Bhagat) के बयान को लेकर विपक्ष लगातार हमलावर है. इसी बीच पूर्व मंत्री महेश गागड़ा (ex Minister Mahesh Gagda) ने मंत्री भगत की तुलना मेंढक से कर डाली है.

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शराबबंदी को लेकर शुरू टर्र-टर्र की सियासत
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Published : Jun 28, 2021, 9:13 PM IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ में शराबंदी (Chhattisgarh Liquor Ban Issue) को लेकर हो रही सियासत में हर दिन कुछ नया देखने को मिल रहा है. शराबबंदी पर संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत (Minister Amarjeet Bhagat)के बयान को लेकर विपक्ष लगातार हमलावर है. इसी बीच पूर्व मंत्री महेश गागड़ा (ex Minister Mahesh Gagda) ने मंत्री भगत की तुलना मेंढक से कर डाली है. अपने ट्वीट में गागड़ा ने लिखा है कि 'मंत्री जी को सुनाई नहीं देता! बरसाती मेंढक और प्रदेश के मंत्री में यही समानता है कि ये केवल चुनाव के समय में ही टर्र-टर्र करते हैं. जब काम की बात हो इन्हें सुनाई नहीं देता? ऐसा ही हाल यहां के सभी मंत्रियों का है, जो केवल चुनाव के समय ही बड़ी-बड़ी हांकते हैं'.

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महेश गागड़ा का ट्वीट

किस बयान को लेकर घिरे हैं मंत्री भगत ?

पूरा सियासी बवाल मंत्री अमरजीत के दिए बयान से जुड़ा है. दरअसल, शुक्रवार को संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत राजनांदगांव जिले के दौरे पर पहुंचे थे. इस दौरान जब पत्रकारों ने उनसे पूछा कि शराबबंदी क्यों नहीं हो रही तो मंत्री भगत ने कह दिया था- मुझे कुछ सुनाई नहीं दिया, नमस्कार. इस बयान के प्रदेश की सियासत गरमा गई. पूर्व सीएम रमन सिंह ने इस पूरे मामले का वीडियो ट्वीट कर मंत्री अमरजीत भगत पर जमकर निशाना साधा. वहीं रविवार को इस मामले में जनता कांग्रेस नेता प्रदीप साहू ने रायपुर में मंत्री के बंगले के बाहर प्रदर्शन किया, सुनने वाली मशीन अफसरों को सौंपकर आए.

चुनाव के बाद कांग्रेस को न कुछ दिखाई देता है और न सुनाई, छत्तीसगढ़ सब याद रखेगा: रमन सिंह

कोविड नियमों की उड़ी धज्जियां
पहली बार राजनांदगांव पहुंचने पर प्रभारी मंत्री का जोर-शोर से स्वागत किया गया. इस दौरान कोरोना नियमों की जमकर धज्जियां उड़ाई गई. अमरजीत भगत इस दौरान डोंगरगढ़ स्थित मां बम्लेश्वरी के दर्शन करने पहुंचे थे. इस दौरान मीडिया ने उनसे शराबबंदी को लेकर सवाल किया. पूरा सवाल सुनने के बाद उन्होंने जवाब देते हुए कहा कि उन्हें कुछ सुनाई ही नहीं दिया और वहां से चल पड़े.

महिला कांग्रेस ने भी की शराबबंदी की मांग
कांग्रेस ने विपक्ष में रहते हुए शराबबंदी को लेकर पूरे प्रदेश में भाजपा सरकार के खिलाफ जमकर आंदोलन किया था. हाल के दिनों में भी महिला कांग्रेस और प्रदेश की महिला सांसदों ने छत्तीसगढ़ में बढ़ते अपराध को लेकर चिंता जाहिर की थी और इसके पीछे शराब को भी बड़ी वजह बताया था. इस दौरान उन्होंने छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल से शराबबंदी की मांग की थी.

बयान पर बवाल: संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत को सुनने वाली मशीन देने पहुंचे JCCJ कार्यकर्ता

पूर्व सीएम ने याद दिलाया वादा

पूर्व सीएम रमन सिंह शुक्रवार को बिलासपुर दौरे पर थे. रमन सिंह ने इस दौरान प्रदेश के साथ ही बिलासपुर के हालातों पर चिंता व्यक्त की है. पूर्व सीएम ने कहा कि हम गांव-गांव में जाकर जनता से सीधा संवाद कर रहे हैं. लोग भूपेश सरकार के कार्यों से निराश हैं. पूर्व सीएम रमन सिंह ने कहा कि बेरोजगारों को रोजगार और बेरोजगारी भत्ता देने का सरकार ने वादा किया था. उन्होंने पूछा किसानों का रकबा कम क्यों किया जा रहा है. किसानों को 2 साल का बोनस भी नहीं मिला है. महिलाओं से शराबबंदी का वादा किया गया था वह भी पूरा नहीं हुआ है. वृद्धावस्था पेंशन भी नहीं मिल रहा है. इसका जवाब सरकार के पास नहीं है. सरकार पूरी तरह संवेदनहीन हो चुकी है.

रायपुर: छत्तीसगढ़ में शराबंदी (Chhattisgarh Liquor Ban Issue) को लेकर हो रही सियासत में हर दिन कुछ नया देखने को मिल रहा है. शराबबंदी पर संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत (Minister Amarjeet Bhagat)के बयान को लेकर विपक्ष लगातार हमलावर है. इसी बीच पूर्व मंत्री महेश गागड़ा (ex Minister Mahesh Gagda) ने मंत्री भगत की तुलना मेंढक से कर डाली है. अपने ट्वीट में गागड़ा ने लिखा है कि 'मंत्री जी को सुनाई नहीं देता! बरसाती मेंढक और प्रदेश के मंत्री में यही समानता है कि ये केवल चुनाव के समय में ही टर्र-टर्र करते हैं. जब काम की बात हो इन्हें सुनाई नहीं देता? ऐसा ही हाल यहां के सभी मंत्रियों का है, जो केवल चुनाव के समय ही बड़ी-बड़ी हांकते हैं'.

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महेश गागड़ा का ट्वीट

किस बयान को लेकर घिरे हैं मंत्री भगत ?

पूरा सियासी बवाल मंत्री अमरजीत के दिए बयान से जुड़ा है. दरअसल, शुक्रवार को संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत राजनांदगांव जिले के दौरे पर पहुंचे थे. इस दौरान जब पत्रकारों ने उनसे पूछा कि शराबबंदी क्यों नहीं हो रही तो मंत्री भगत ने कह दिया था- मुझे कुछ सुनाई नहीं दिया, नमस्कार. इस बयान के प्रदेश की सियासत गरमा गई. पूर्व सीएम रमन सिंह ने इस पूरे मामले का वीडियो ट्वीट कर मंत्री अमरजीत भगत पर जमकर निशाना साधा. वहीं रविवार को इस मामले में जनता कांग्रेस नेता प्रदीप साहू ने रायपुर में मंत्री के बंगले के बाहर प्रदर्शन किया, सुनने वाली मशीन अफसरों को सौंपकर आए.

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कोविड नियमों की उड़ी धज्जियां
पहली बार राजनांदगांव पहुंचने पर प्रभारी मंत्री का जोर-शोर से स्वागत किया गया. इस दौरान कोरोना नियमों की जमकर धज्जियां उड़ाई गई. अमरजीत भगत इस दौरान डोंगरगढ़ स्थित मां बम्लेश्वरी के दर्शन करने पहुंचे थे. इस दौरान मीडिया ने उनसे शराबबंदी को लेकर सवाल किया. पूरा सवाल सुनने के बाद उन्होंने जवाब देते हुए कहा कि उन्हें कुछ सुनाई ही नहीं दिया और वहां से चल पड़े.

महिला कांग्रेस ने भी की शराबबंदी की मांग
कांग्रेस ने विपक्ष में रहते हुए शराबबंदी को लेकर पूरे प्रदेश में भाजपा सरकार के खिलाफ जमकर आंदोलन किया था. हाल के दिनों में भी महिला कांग्रेस और प्रदेश की महिला सांसदों ने छत्तीसगढ़ में बढ़ते अपराध को लेकर चिंता जाहिर की थी और इसके पीछे शराब को भी बड़ी वजह बताया था. इस दौरान उन्होंने छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल से शराबबंदी की मांग की थी.

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पूर्व सीएम ने याद दिलाया वादा

पूर्व सीएम रमन सिंह शुक्रवार को बिलासपुर दौरे पर थे. रमन सिंह ने इस दौरान प्रदेश के साथ ही बिलासपुर के हालातों पर चिंता व्यक्त की है. पूर्व सीएम ने कहा कि हम गांव-गांव में जाकर जनता से सीधा संवाद कर रहे हैं. लोग भूपेश सरकार के कार्यों से निराश हैं. पूर्व सीएम रमन सिंह ने कहा कि बेरोजगारों को रोजगार और बेरोजगारी भत्ता देने का सरकार ने वादा किया था. उन्होंने पूछा किसानों का रकबा कम क्यों किया जा रहा है. किसानों को 2 साल का बोनस भी नहीं मिला है. महिलाओं से शराबबंदी का वादा किया गया था वह भी पूरा नहीं हुआ है. वृद्धावस्था पेंशन भी नहीं मिल रहा है. इसका जवाब सरकार के पास नहीं है. सरकार पूरी तरह संवेदनहीन हो चुकी है.

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