रायपुर: छत्तीसगढ़ में इन दिनों लगातार आत्महत्या की घटनाएं बढ़ती ही जा रही है. जिसको देखते हुए रायपुर प्रेस क्लब में एक कार्यशाला का आयोजन किया गया. इस दौरान कार्यशाला में मीडिया से प्रसारित होने वाले आत्महत्याओं की खबरों पर भी सवाल उठे, जिसको जानकारों ने चिंता का विषय बताया है.
कार्यशाला के दौरान आत्महत्या के कारणों की कई जानकारियां सामने आईं, जिसमें घरेलू समस्याएं, परीक्षाओं में सफलता न मिलना, नशे की आदत लग जाना समेत कई कारण शोध में सामने आए हैं. इतना ही नहीं इस शोध में मीडिया को भी जिम्मेदार बताया गया है, जिसमें शोधकर्ताओं का कहना है कि, 'लोग मीडिया की खबरों को देखकर उसी तरह से आत्महत्या करते हैं'.
प्रदेश के लिए चिंता का विषय आत्महत्या
एनसीआरबी के आंकड़ों पर नजर डालें तो छत्तीसगढ़ में एक लाख लोगों में से प्रतिवर्ष 27.7% लोग आत्महत्या कर रहे हैं, जो देश में सर्वाधिक आत्महत्या की दर वाले राज्य में से एक है. वहीं 2 करोड़ 60 लाख जनसंख्या वाले इस प्रदेश के जिला दुर्ग भिलाई नगर में आत्महत्या की दर सर्वाधिक 34.9% एक लाख व्यक्तियों पर है, जो कि 10.6 के राष्ट्रीय औसत से भी अधिक है. ये आंकड़ा प्रदेश के लिए चिंता का विषय है.
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एसएसपी आरिफ शेख रहे मौजूद
बता दें कि इस कार्यशाला में वरिष्ठ पत्रकार रमेश नैयर, एसएसपी आरिफ शेख, एडवोकेट आशीष सोनी, डॉ. महेंद्र सिंह, डॉ. केआर सोनवानी और प्रेस क्लब के अध्यक्ष धामू अंबाडारे मौजूद रहे.