रायपुर: मोदी सरकार के कृषि कानून की वापसी की मांग को लेकर छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ बीते 15 दिनों से भूख हड़ताल कर रहा है. ये हड़ताल दिल्ली में चल रहे आंदोलन के समर्थन में किया जा रहा है.
कई लोगों ने दिया समर्थन
राजधानी के बुढ़ातालब स्थित धरनास्थल पर आंदोलनकारियों की भूख हड़ताल को सोमवार को छत्तीसगढ़ सिख समाज के मनमोहन सिंह सैलानी ने खजूर खिलाकर पूरा किया. सोमवार को आंदोलन को समर्थन देने के लिए समाजवादी पार्टी के जिला अध्यक्ष बृजेश चौरसिया, सपा नेता कैफ मंजूर, आदिवासी भारत सभा के सौरा यादव, छात्र संगठन डीएसआईआरओ के टिकेश कुमार, आम आदमी पार्टी के नेता एम एम हैदरी, लीड फाउंडेशन के पवन सक्सेना ने धरना स्थल पर आकर किसानों के आंदोलन को समर्थन दिया.
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जल्द मांगे पूरी करने की मांग
किसान कल्याण संघर्ष समिति के अध्यक्ष रुपन चंद्राकर ने केंद्र सरकार को फिर से चेतावनी दी कि किसानों की मांगों को पूरा करने में अब और देरी न करें. क्योंकि अब जितनी देर होगी आंदोलन उतना ही तेज होगा. मनमोहन सिंह सैनी ने कहा कि आंदोलनकारी किसानों की मांगे यदि पूरी नहीं होती हैं तो आगामी दिनों में जो किसान दिल्ली बॉर्डर पर खड़े हैं वे दिल्ली शहर प्रवेश करने को तैयार हैं. तब दिल्ली में पैर रखने की जगह नहीं होगी.
जन आंदोलन का ले रहा रुप
दाउ आनंद कुमार ने कहा कि यह आंदोलन अब सिर्फ किसानों का नहीं बल्कि भारत की आम जनता का आंदोलन बनता जा रहा है. एक जन आंदोलन का स्वरूप ले रहा है. इसमें जो भी भाग लेगा वह सही मायने में क्रांतिकारी कहलाएगा. डॉ. संकेत ठाकुर ने बताया कि छत्तीसगढ़ में किसान आंदोलन तेजी से व्यापक रुप लेता जा रहा है. प्रधानमंत्री के मन की बात के विरोध में गांव-गांव से लेकर अनेक शहरों में थाली बजाकर जिस तरह से विरोध प्रदर्शन किया गया, वह इसका प्रमाण है कि छत्तीसगढ़ के किसान भी अब विरोध में खड़े हो रहे हैं.