रायपुर: छत्तीसगढ़ में बेटियों की सुरक्षा को लेकर किये जा रहे राज्य सरकार के प्रयासों का असर अब दिखने लगा है. रजिस्ट्रार जनरल और जनगणना आयुक्त ने अपनी एक रिपोर्ट प्रस्तुत पेश की है. जिसमें जन्म के समय लिंगानुपात (एसआरबी) में छत्तीसगढ़ देशभर में अव्वल है. बता दें, छत्तीसगढ़ में अन्य राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों की तुलना में लिंगानुपात कहीं बेहतर है.
हालही में रजिस्ट्रार जनरल और जनगणना आयुक्त द्वारा वर्ष 2018 के आंकड़े जारी किए गए हैं, जिसमें छत्तीसगढ़ में 1000 पुरुषों की तुलना में 958 महिलाएं हैं. वहीं प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में भी लिंगानुपात सर्वाधिक 976 है, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर ग्रामीण क्षेत्रों में 1000 पुरुषों की तुलना में 900 महिलाएं हैं. इन आंकड़ों से पता चलता है कि देश के सर्वाधिक शिक्षित राज्यों की तुलना में छत्तीसगढ़ में कन्या भ्रूण हत्या और महिला सुरक्षा को लेकर प्रदेश सरकार संजीदगी से काम कर रही है.
छत्तीसगढ़ ने शिक्षित राज्यों को छोड़ा पीछे
बता दें, छत्तीसगढ़ में बेटियों की सुरक्षा के लिए जन जागरूकता के साथ ही सरकारी प्रयास किए जा रहे हैं. छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान, मुख्यमंत्री कन्यादान योजना सहित कई कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं. साथ ही सोनोग्राफी सेंटर्स पर ट्रैकिंग सिस्टम लगाए गए हैं. इन प्रयासों का ही असर है कि छत्तीसगढ़ शिक्षित राज्यों को पीछे छोड़कर लिंगानुपात में टॉप पर है.
बेटियों के लिए राज्य में संचालित योजना
- छत्तीसगढ़ की नोनी सुरक्षा योजना
- बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना
- सुकन्या समृद्धि योजना
- मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान
- छत्तीसगढ़ धन लक्ष्मी योजना
- छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री कन्यादान योजना
इन सभी योजनाओं का असर अब जमीनी स्तर पर दिखना शुरू हो गया है. छत्तीसगढ़ में लड़के और लड़कियों को लेकर जारी की गई रिपोर्ट ये साबित करती है छत्तीसगढ़ में महिलाएं भी पुरुषों की बराबरी कर रही है.