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बघेल सरकार के छत्तीसगढ़ मॉडल का कमाल !, रोजगार देने में प्रदेश अव्वल

सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी की रिपोर्ट के मुताबिक छत्तीसगढ़ रोजगार के क्षेत्र में बेहतर काम करने वाला राज्य है. सीएमआईई के आंकड़ों के मुताबिक मार्च में छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी दर 0.6 फीसदी पर पहुंच गई है. जो देश के किसी राज्य में सबसे कम बेरोजगारी दर है. इस तरह से छत्तीसगढ़ लोगों को नौकरी देने में अव्वल साबित हो रहा है.

Chhattisgarh tops in employment
बघेल सरकार के छत्तीसगढ़ मॉडल का कमाल
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Published : Apr 4, 2022, 4:07 PM IST

Updated : Apr 4, 2022, 4:54 PM IST

रायपुर: सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनॉमी संगठन ने हाल ही में बेरोजगारी का नया आकड़ा जारी किया था. आंकड़ों के मुताबिक मार्च माह में छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी दर अब तक के सबसे न्यूनतम स्तर 0.6 प्रतिशत पर पहुंच गई है. यानी कि सबसे कम बेरोजगारी दर वाले राज्यों में छत्तीसगढ़ देश में अव्वल है. मार्च में ही देश में बेरोजगारी दर 7.5 फीसद रही.

ये है छत्तीसगढ़ का मॉडल: सीएम बघेल के नेतृत्व में एक बार फिर विकास के छत्तीसगढ़ मॉडल ने पूरे देश में अपनी सफलता के झंडे गाड़े हैं. आंकड़ों की मानें तो छत्तीसगढ़ 0.6 फीसद के साथ देश में सबसे कम बेरोजगारी दर वाले राज्यों में अव्वल है. छत्तीसगढ़ सरकार के नीतिगत फैसले और बेहतर कार्यप्रबंधन से लगातार युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध हो रहे हैं, जिससे राज्य की बेरोजगारी दर में लगातार गिरावट आ रही है.

रोजगार देने में छत्तीसगढ़ अव्वल

अन्य राज्यों की स्थिति: 2 अप्रैल 2022 की स्थिति में सीएमआईई के आंकड़े जारी हुए थे. आंकड़ों के मुताबिक सर्वाधिक बेरोजगारी दर हरियाणा में 26.7 फीसदी, राजस्थान और जम्मू-कश्मीर में 25-25 फीसदी, झारखंड में 14.5 फीसदी, बिहार में 14.4 फीसदी, त्रिपुरा में 14.1 फीसदी और हिमाचल प्रदेश में 12.1 फीसदी थी.

यूं विकास को मिली गति: छत्तीसगढ़ ने समावेशी विकास का लक्ष्य निर्धारित करते हुए तीन साल पहले महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज्य की परिकल्पना के अनुरूप नया मॉडल अपनाया था. जिसके तहत गांवों और शहरों के बीच आर्थिक परस्परता बढ़ाने पर जोर दिया गया है. इसी मॉडल के अंतर्गत गांवों के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए सुराजी गांव योजना, नरवा-गरवा-घुरवा-बारी कार्यक्रम, गोधन न्याय योजना, राजीव गांधी किसान न्याय योजना, राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना, रूरल इंडस्ट्रीयल पार्कों की स्थापना, लघु वनोपजों के संग्रहण एवं वैल्यू एडिशन, उद्यमिता विकास जैसी योजनाओं और कार्यक्रमों का क्रियान्वयन किया जा रहा है. प्रदेश सरकार के द्वारा चलाई जा रही इन योजनाओं से ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के नये-नये अवसर सृजित हो रहे हैं. इन योजनाओं से राज्य के विकास को गति मिल रही है, जिससे प्रदेश में बेरोजगारी दर में लगातार गिरावट आ रही है.

यह भी पढ़ें: खैरागढ़ विधानसभा उपचुनाव : ओपी चौधरी का सरकार पर आरोप, युवाओं के साथ किया छल

कोरोनाकाल में पड़ा असर: कोरोना की पहली और दूसरी लहर के दौरान छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी दर पूरी तरह नियंत्रित रही. नये आंकड़ों की मानें तो छत्तीसगढ़ 0.6 प्रतिशत के साथ सबसे कम बेरोजगारी वाले राज्यों में पहले स्थान पर है. छत्तीसगढ़ में आने वाले 05 वर्षों में 12 से 15 लाख रोजगार के नये अवसरों का निर्माण करने के लिए रोजगार मिशन का संचालन किया जा रहा है. नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार देश में बेरोजगारी दर 7.5 प्रतिशत है. शहरी बेरोजगारी दर 8.5 प्रतिशत और ग्रामीण बेरोजगारी 7.1 प्रतिशत है.

रायपुर: सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनॉमी संगठन ने हाल ही में बेरोजगारी का नया आकड़ा जारी किया था. आंकड़ों के मुताबिक मार्च माह में छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी दर अब तक के सबसे न्यूनतम स्तर 0.6 प्रतिशत पर पहुंच गई है. यानी कि सबसे कम बेरोजगारी दर वाले राज्यों में छत्तीसगढ़ देश में अव्वल है. मार्च में ही देश में बेरोजगारी दर 7.5 फीसद रही.

ये है छत्तीसगढ़ का मॉडल: सीएम बघेल के नेतृत्व में एक बार फिर विकास के छत्तीसगढ़ मॉडल ने पूरे देश में अपनी सफलता के झंडे गाड़े हैं. आंकड़ों की मानें तो छत्तीसगढ़ 0.6 फीसद के साथ देश में सबसे कम बेरोजगारी दर वाले राज्यों में अव्वल है. छत्तीसगढ़ सरकार के नीतिगत फैसले और बेहतर कार्यप्रबंधन से लगातार युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध हो रहे हैं, जिससे राज्य की बेरोजगारी दर में लगातार गिरावट आ रही है.

रोजगार देने में छत्तीसगढ़ अव्वल

अन्य राज्यों की स्थिति: 2 अप्रैल 2022 की स्थिति में सीएमआईई के आंकड़े जारी हुए थे. आंकड़ों के मुताबिक सर्वाधिक बेरोजगारी दर हरियाणा में 26.7 फीसदी, राजस्थान और जम्मू-कश्मीर में 25-25 फीसदी, झारखंड में 14.5 फीसदी, बिहार में 14.4 फीसदी, त्रिपुरा में 14.1 फीसदी और हिमाचल प्रदेश में 12.1 फीसदी थी.

यूं विकास को मिली गति: छत्तीसगढ़ ने समावेशी विकास का लक्ष्य निर्धारित करते हुए तीन साल पहले महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज्य की परिकल्पना के अनुरूप नया मॉडल अपनाया था. जिसके तहत गांवों और शहरों के बीच आर्थिक परस्परता बढ़ाने पर जोर दिया गया है. इसी मॉडल के अंतर्गत गांवों के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए सुराजी गांव योजना, नरवा-गरवा-घुरवा-बारी कार्यक्रम, गोधन न्याय योजना, राजीव गांधी किसान न्याय योजना, राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना, रूरल इंडस्ट्रीयल पार्कों की स्थापना, लघु वनोपजों के संग्रहण एवं वैल्यू एडिशन, उद्यमिता विकास जैसी योजनाओं और कार्यक्रमों का क्रियान्वयन किया जा रहा है. प्रदेश सरकार के द्वारा चलाई जा रही इन योजनाओं से ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के नये-नये अवसर सृजित हो रहे हैं. इन योजनाओं से राज्य के विकास को गति मिल रही है, जिससे प्रदेश में बेरोजगारी दर में लगातार गिरावट आ रही है.

यह भी पढ़ें: खैरागढ़ विधानसभा उपचुनाव : ओपी चौधरी का सरकार पर आरोप, युवाओं के साथ किया छल

कोरोनाकाल में पड़ा असर: कोरोना की पहली और दूसरी लहर के दौरान छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी दर पूरी तरह नियंत्रित रही. नये आंकड़ों की मानें तो छत्तीसगढ़ 0.6 प्रतिशत के साथ सबसे कम बेरोजगारी वाले राज्यों में पहले स्थान पर है. छत्तीसगढ़ में आने वाले 05 वर्षों में 12 से 15 लाख रोजगार के नये अवसरों का निर्माण करने के लिए रोजगार मिशन का संचालन किया जा रहा है. नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार देश में बेरोजगारी दर 7.5 प्रतिशत है. शहरी बेरोजगारी दर 8.5 प्रतिशत और ग्रामीण बेरोजगारी 7.1 प्रतिशत है.

Last Updated : Apr 4, 2022, 4:54 PM IST

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