रायपुर: हाईकोर्ट ने बहुचर्चित डॉक्टर मिक्की मेहता की संदिग्ध मौत मामले में निलंबित आईपीएस मुकेश गुप्ता सहित अन्य लोगों को बुधवार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. डॉक्टर मेहता की 7 सितंबर 2001 में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी. उनकी मां श्यामा मेहता ने प्रकरण की जांच कराने और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए न्यायिक मजिस्ट्रेट रायपुर की कोर्ट में आवेदन लगाया था. लेकिन 23 फरवरी 2017 को यह आवेदन खारिज हो गया. इसके बाद मेहता ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. जस्टिस अरविंद चंदेल की बेंच ने मामले की सुनवाई करते हुए प्रतिवादी मुकेश गुप्ता और अन्य लोगों को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने के लिए 3 सप्ताह का समय दिया है.
जानिए क्या है पूरा मामला ?
जानकारी के मुताबिक डॉक्टर मिक्की मेहता प्रदेश के आईपीएस अफसर रहे मुकेश गुप्ता की पत्नी थी. 7 सितंबर 2001 को आईपीएस मुकेश गुप्ता के सरकारी बंगले में डॉक्टर मिक्की मेहता की संदिग्ध परिस्थितियों में लाश मिली थी. उस दौरान आईपीएस मुकेश गुप्ता रायपुर के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक हुआ करते थे. इस मामले में पुलिस ने आत्महत्या ठहराते हुए मामले को नस्तीबद्ध कर दिया था. इसके बाद मिक्की की मां श्यामा मेहता ने आरोप लगाया था कि उनकी बेटी ने आत्महत्या नहीं की है, बल्कि उसकी हत्या की गई है. जिसे जानबूझकर आत्महत्या का मामला बनाया गया है.
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इसी मामले को लेकर श्यामा मेहता ने हाईकोर्ट में संदिग्ध मौत की सही जांच नहीं किए जाने को लेकर याचिका दाखिल की. इसमें कहा गया है कि, आईपीएस और छत्तीसगढ़ के पूर्व एडीजी मुकेश गुप्ता ने विवाहित होने के बाद भी उसकी पुत्री मिक्की मेहता से 1999 में मंदिर में शादी की थी. उन्होंने शादी के बाद पहली पत्नी को छोड़ने की बात कही थी. पुत्री के जन्म के बाद भी उन्होंने पहली पत्नी से तलाक नहीं लिया. इस पर मिक्की दबाव बना रही थी. इस बात पर 2001 में मिक्की की हत्या कर दी गई. पद और प्रभाव का दुरुपयोग कर हत्या को आत्महत्या बताया गया. मामले की सही जांच नहीं की गई. इस मामले में याचिका दाखिल होने के बाद हाईकोर्ट ने आईपीएस मुकेश गुप्ता सहित अन्य को नोटिस जारी किया है.