रायपुर: छत्तीसगढ़ में 21 अगस्त से अपनी मांगों को लेकर स्वास्थ्यकर्मी हड़ताल पर थे. ये हड़ताल बुधवार को स्वास्थ्यकर्मियों द्वारा खत्म कर दी गई है. दरअसल, राज्य सरकार की ओर से मिले आश्वासन के बाद स्वास्थ्यकर्मियों ने बुधवार को हड़ताल खत्म किया है. पिछले कई दिनों से प्रदेश के स्वास्थ्यकर्मी अपनी मांगों को लेकर नवा रायपुर के तूता स्थित धरना स्थल पर प्रदर्शन कर रहे थे.
आश्वासन के बाद खत्म किया गया हड़ताल: कुछ दिनों पहले प्रदेश सरकार ने प्रदर्शन कर रहे स्वास्थ्यकर्मियों पर एस्मा के तहत कार्रवाई की थी. कईयों को निलंबित कर दिया गया था. बावजूद इसके स्वास्थ्यकर्मियों ने हड़ताल खत्म नहीं किया. इस बीच बुधवार को मुख्यमंत्री के एक प्रतिनिधि मंडल ने नवा रायपुर के धरना स्थल पर जाकर स्वास्थ्य कर्मचारियों से मुलाकात की. साथ ही उनकी मांगों पर विचार करने का आश्वासन दिया. इसके बाद स्वास्थ्यकर्मियों ने अपनी हड़ताल वापस ले ली. हड़ताल स्थगित होते ही मुख्यमंत्री ने बर्खास्तगी और निलंबन की बहाली का आश्वासन दिया है.
हड़ताल के कारण चरमराई स्वास्थ्य व्यवस्था: बता दें कि 21 अगस्त से स्वास्थ्यकर्मियों के हड़ताल पर जाने से प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई थी. अस्पतालों में मरीजों को परेशान होना पड़ रहा था. इसके बाद राज्य सरकार ने सख्ती दिखाते हुए हड़ताल पर गए स्वास्थ्य कर्मियों के खिलाफ निलंबन और बर्खास्तगी की कार्रवाई भी की. हालांकि स्वास्थ्य कर्मचारियों का आंदोलन जारी रहा. इस बीच बुधवार को सीएम के प्रतिनिधियों ने हड़ताल पर बैठे स्वास्थ्यकर्मियों से मुलाकात कर आश्वासन दिया. जिसके बाद हड़ताल आखिरकार खत्म किया गया.
ये थी मांगे: छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य फाउंडेशन ने राज्य सरकार के सामने अपनी 5 सूत्रीय मांगें रखी थी. इनमें स्वास्थ्य विभाग के एएनएम-एमपीडब्ल्यू,नर्सिंग संवर्ग कर्मचारियों की वेतन विसंगति, चिकित्सकों के लंबित वेतनमान, भत्ते और स्टाइपेंड, कोरोना भत्ता, हॉस्पिटल में हो रहे नर्सिंग स्टाफ के साथ हिंसा पर रोक की मांग शामिल थी.