रायपुर: छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल की सरकार आने के बाद स्वास्थ्य व्यवस्था में क्या बदलाव किया गया है? लोगों को किस तरह की सुविधा अस्पताल में मिल रही है. ये जानने के लिए पुराने और नए स्वास्थ्य व्यस्था के आंकड़ों के साथ हम व्यवस्थाओं पर नजर डालेंगे. साल 2017-18 के भाजपा शासनकाल में छत्तीसगढ़ का 3375.27 करोड़ का बजट था. कांग्रेस शासनकाल में ये बढ़कर साल 2023-24 में 5484.55 करोड़ हो गया. पिछले कुछ सालों में तेजी से स्वास्थ्य के क्षेत्र में बेहतर काम किया जा रहा है. राज्य की बघेल सरकार और स्वास्थ्य विभाग लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया करा रही है.
क्या है सरकारी और निजी अस्पतालों की स्थिति: छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य सुविधाओं में पिछले चार सालों में तेजी से सुधार हुआ है. इन अस्पतालों में सरकारी और निजी अस्पताल शामिल है. लेकिन छत्तीसगढ़ के अस्पताल राष्ट्रीय गुणवत्ता मानक में काफी पीछे हैं. स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार छत्तीसगढ़ में जिला अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों की कुल संख्या करीब 1,066 है. इसमें से सिर्फ 55 शासकीय अस्पताल राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक पर खरे उतरे हैं, जबकि 1,011 अस्पताल इस पर खरे ही नहीं उतरते हैं.
1 जून से नि:शुल्क स्वास्थ्य सुविधा: 1 जून से छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य न्याय योजना लागू की जा रही है. इसके तहत सभी नागरिकों को सरकारी अस्पतालों और स्वास्थ्य संस्थाओं में सारी सेवायें ओपीडी, आईपीडी, दवा, टेस्ट निःशुल्क उपलब्ध होंगे. जिससे कैशलेस सरकारी अस्पताल की परिकल्पना पूरी होगी.
स्वास्थ्य योजना लाभ: डॉ खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना के दायरे में प्रदेश के करीब 68 लाख परिवारों को लाया गया है. इस योजना के तहत बीपीएल के लगभग 58 लाख परिवारों को सालाना 5 लाख तक और 10 लाख से अधिक एपीएल परिवारों को 50 हजार तक के नि:शुल्क इलाज की सुविधा दी गई है. मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लीनिक योजना के माध्यम से गांव और दूरस्थ अंचलों में जांच व उपचार के साथ ही मरीजों को निशुल्क दवाइयां भी उपलब्ध कराई जा रही है.
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स्वास्थ्य विभाग में ढांचागत सुधार: विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, भाजपा के शासनकाल में साल 2018-19 में प्रदेश में कुल 735 हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटर थे. आज इनकी संख्या बढ़कर 5300 हो गयी है. मुख्यमंत्री हाट बजार क्लिनिक योजना के अंन्तर्गत वर्तमान में 425 मोबाइल वाहनों के माध्यम से इलाज की व्यवस्था हो रही है. पहले इनकी संख्या महज 30 हुआ करती थी.
मुफ्त में टेस्ट: प्रदेश में हमर लैब, हमर क्लिनिक और हमर अस्पतालों की व्यवस्था की जा रही है. शहरी क्षेत्रों में 354 हमर क्लिनिक निर्माणाधीन है, जिनमें से 154 हमर क्लिनिक अगामी 3 माह में शुरू हो जायेंगे. प्रदेश में कुल 53 हमर अस्पताल खोलने का लक्ष्य है. जिनमें से 4 शुरू हो गये हैं. शेष आगामी माहों में शुरू हो जायेंगे. प्रदेश के आठ जिला अस्पतालों में सीटी स्कैन की सुविधा उपलब्ध है.
इन अस्पतालों का भी हो रहा निर्माण: रायपुर और अम्बिकापुर में मानसिक रोग अस्पताल खोले जा रहे हैं. 5 सिविल और सामुदायिक अस्पतालों का उन्नयनकर उनमें 100 बिस्तरों की व्यवस्था की जा रही है.
नि:शुल्क कीमोथेरेपी, डायलिसिस सुविधा: भाजपा शासनकाल में छत्तीसगढ़ में साल 2018-19 में कैंसर के मरीजों के कीमोथेरपी की व्यवस्था नहीं थी. अब 19 जिलों में दीर्घायु वार्ड स्थापित कर निःशुल्क कीमोथेरपी की व्यवस्था की गयी है. प्रदेशभर में 1178 मरीजों को निःशुल्क कीमोथेरपी दिया जा रहा है. साल 2017-18 में प्रदेश के कुल 3 स्वास्थ्य केन्द्रों में डायलिसिस की सुविधा थी.आज प्रदेश में 29 स्वास्थ्य केन्द्रों में निःशुल्क डायलिसिस की सुविधा उपलब्ध है.
कोरोना के लिए खास तैयारी: साल 2019 में कोविड जांच की कोई सुविधा नहीं थी.आज पूरे प्रदेश में 16 वायरोलॉजी लैब और 209 ट्रूनॉट लैब है. पूरे प्रदेश में 115 ऑक्सिजन प्लांट और 3 लिक्विड ऑक्सीजन टैंक स्थापित हुए हैं.