रायपुर: कोरबा विधानसभा से विधायक और कैबिनेट मंत्री लखन लाल देवांगन का राजनीतिक सफर संघर्ष भरा रहा है. पहले पार्षद बने, फिर मेयर और उसके बाद विधायक और संसदीय सचिव बने. अब कैबिनेट मंत्री बनाए गए हैं. एक समय ऐसा भी था, जब उन्होंने हाट बाजारों में पिता के साथ कपड़े बेचे थे. किसे पता था वह एक दिन छत्तीसगढ़ शासन में कैबिनेट मंत्री बन जाएंगे. मंत्री बनने के बाद उन्होंने ईटीवी भारत से खास चर्चा की. इस दौरान उन्होंने हसदेव अरण्य मामले पर भी अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है.
सवाल : आप पहले पार्षद बने फिर मेयर, विधायक और अब कैबिनेट मंत्री. इस सफर के बारे में हमें बताइए.
जवाब : मैं भाजपा एक बहुत छोटा सा कार्यकर्ता था. छोटे से गांव कोहड़िया में पैदा हुआ. मेरे पिताजी कृषक थे और हाट बाजार में कपड़े बेचा करते थे. मैंने भी 15 से 17 साल बाजार हाट में काम किया. बचपन से ही पिताजी भाजपा के कार्यकर्ता थे. उस समय वह पिछड़ा मोर्चा के बूथ के सदस्य थे. जनसंघ से भी जुड़े थे. हमारे परिवार में जब से पैदा हुआ, तब से जनसंघ और भारतीय जनता पार्टी के विचारधारा से जुड़ा रहा. बूथ स्तर से काम करना शुरू किया. जब चुनाव आता था, तो उस समय ज्यादा प्रचार सामग्री भी नहीं होती थी. जब चुनाव लड़ते थे, तब 50 से 100 पाम्पलेट होते थे. उसे ही चुनाव में घर घर जाकर बांटते थे. पोलिंग बूथ के बाहर चाय नाश्ते की व्यवस्था करते थे.
कैबिनेट मंत्री लखन लाल देवांगन ने आगे बताया कि बीजेपी में मुझे कई पदों पर काम करने का अवसर मिला. मैंने मंडल में भी काम किया, प्रदेश कार्यसमिति और प्रदेश मंत्री रहा. वर्तमान में मैं भारतीय जनता पार्टी का प्रदेश उपाध्यक्ष भी हूं. 1999 में मुझे पार्षद का टिकट मिला था और जीता था. उसके बाद 2004 में महापौर का टिकट मिला, उसमें भी जीत मिली. 2013 में मुझे सीट बदलकर कटघोरा विधानसभा से सात बार के विधायक बोधराम कंवर के खिलाफ टिकट मिला. इसमें भी जीत मिली और अब 2023 में कोरबा विधानसभा जैसे कठिन सीट से मुझे अवसर दिया गया. जनता का आशीर्वाद मिला और मुझे शासन में कैबिनेट मंत्री का दर्जा मिला. यह सिर्फ और सिर्फ जनता के आशीर्वाद के कारण संभव हो पाया.
सवाल : मंत्री जी, आपकी जीत का कारण आपके सरल और सहज व्यक्तित्व को माना जाता है. मंत्री बनने के बाद आपकी जनता से दूरी तो नहीं बढ़ जाएगी?
जवाब : मैंने पहले भी कहा है कि मैं जब कोरबा में रहूंगा, तब मैं किसी सरकारी रेस्ट हाउस में रात नहीं बताऊंगा. अपने घर में रहूंगा. मेरे घर का दरवाजा कभी भी बंद नहीं रहता. मंत्री बनने के बाद भी आज भी आप जाकर देख सकते हैं. जिस तरह से पहले घर का दरवाजा खुला रहता है, उसी तरह से आज भी खुला रहता है. लोग सीधे मेरे घर में घुसते हैं. किसी भी पुलिसकर्मी या पीएसओ से अनुमति लेने की भी जरूरत नहीं है. अभी ज्यादा भीड़ है तो मैं आंगन में ही बैठकर सबसे मिलता जुलता हूं. मेरा घर कभी भी किसी जनता के लिए बंद नहीं रहता.
सवाल : मंत्री जी, आप महापौर भी रहे हैं, इसलिए चर्चा है कि आपको नगरीय प्रशासन विभाग दिया जा सकता है. ये कितना सच है? आपका फेवरेट विभाग कौन सा है?
जवाब : देखिए फेवरेट विभाग कुछ नहीं होता. जो भी मुख्यमंत्री द्वारा विभाग मुझे सौंपा जाएगा, उस विभाग को अच्छा करने का प्रयास रहेगा. जो भी विभाग मिले मैं काम करूंगा. अभी आप लोगों के जरिए मुझे खबर मिल रही है. संभावित बताया जा रहा है कि नगरी प्रशासन और ग्रामोद्योग विभाग मिल सकता है. सभी विभाग अच्छा है, इसलिए जिस विभाग को भी वरिष्ठ नेताओं द्वारा मुझे सौंपा जाएगा, उस विभाग में अच्छा काम करने का पूरा प्रयास करूंगा.
सवाल : अमित शाह जब कोरबा आए थे, तब मंच से उन्होंने एक घोषणा की थी, तब क्या कभी आपको लगा था कि चुनाव जीतेंगे और जीतेंगे तो मंत्री बन जाएंगे?
जवाब : देखिए, माननीय अमित शाह जी ने इशारों इशारों में ही कह दिया था कि आप लखनलाल को यहां से जिताइए, माटीपुत्र को जिताइए और लखन देवांगन का भविष्य उज्जवल है. तो निश्चित तौर पर उन्होंने अपना वादा को पूरा कर दिया. मुझे मंत्री बना कर बड़ी जिम्मेदारी दी है.
सवाल : मंत्री जी, हसदेव के जंगलों में पेड़ों की कटाई हो रही है. ऐसा आरोप है कि भाजपा का शासन आते ही वहां पेड़ कट रहे हैं?
जवाब : देखिए, जंगलों का कटना तो कांग्रेस के राज में ही शुरू हो गया था. कांग्रेस के समय में ही यह काम हुआ है. भारतीय जनता पार्टी की अभी सरकार बनी है. मुख्यमंत्री जी को 12, 13 दिन ही शपथ लिए हुए हैं. अभी कैबिनेट की बैठक भी सही ढंग से नहीं हो पाई है. मुख्यमंत्री के साथ कैबिनेट की पहली बैठक में महतारी वंदन और किसानों के बोनस पर निर्णय लिया गया, इसकी घोषणा हुई थी.
अभी कैबिनेट का विस्तार हुआ है. आगे और भी कैबिनेट की बैठक होगी. जो भी बात सामने आएगी, उसकी समीक्षा की जाएगी और जो भी जनता के हित में होगा. इस दिशा में सीएम द्वारा निर्णय लिया जाएगा.
सवाल : चुनाव के पहले अपने कोरबा में प्रदूषण, राख और जाम के मुद्दे को उठाया था. विकास का क्या रोड मैप है?
जवाब : प्रदूषण कोरबा में बहुत बड़ा विषय है. मैने चुनाव जीतते ही पर्यावरण अधिकारियों को कहा है कि जो राख शहर में पट गया, वह पट गया. उसका कुछ नहीं कर सकते. लेकिन सभी जगह मिट्टी फीलिंग हो जाना चाहिए, ताकि धूल से लोगों को परेशानी मत हो. मैने यह भी कह दिया है कि अब एक ट्रक राख भी शहर के अंदर नहीं पटना चाहिए. इस तरह से जाम की स्थिति पर भी मैने एसपी और कलेक्टर से बात की है. अभी आप देख रहे होंगे बालकों में भी जाम नहीं लग रहा है और कुसमुंडा में भी जाम नहीं लग रहा है. तत्परता से आने वाले समय में उद्योग धंधे की हम बैठक करेंगे, उनको कहेंगे कि आप अपने परिवहन के लिए अलग से सड़क बनाएं. जनता के लिए अलग सड़क बनाएं, ताकि परिवहनकर्ता को भी दिक्कत न हो और आम जनता को भी दिक्कत का सामना नहीं करना पड़े. उसके लिए हम काम करेंगे. जो भी कोरबा के अंदर विकास के काम रुक गए हैं, उसे आगे बढ़ाने का हम पूरा प्रयास करेंगे.