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SPECIAL: जूते सिलना, कपड़े धुलना, बाल काटना सिखाएगी छत्तीसगढ़ सरकार - छत्तीसगढ़ की खबर

प्रदेश सरकार ने इस योजना का पौनी-पसारी योजना का नाम दिया है. इस योजना के तहत छत्तीसगढ़ सरकार गांव और छोटे कस्बों में हाट-बाजार का लगाएगी. इससे पहले मध्य प्रदेश की कांग्रेस सरकार बैंड-बाजा योजना ला चुकी है.

पौनी-पसारी योजना
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Published : Jul 22, 2019, 10:55 PM IST

रायपुर: बेरोजगारी इस वक्त देश की बड़ी समस्याओं में से एक है. युवाओं को रेजगार देने के लिए स्टार्टअप जैसी कई योजनाएं केंद्र सरकार चला रही है. वैसे पकौड़ा बेचने वाले बयान पर प्रधानमंत्री की खिंचाई भी लोगों ने की थी. अब छत्तीसगढ़ सरकार युवाओं को जूते सिलने, कपड़े धुलने, घड़ा बनाने, कारपेंटर, खाट बुनने, बाल काटने जैसे कामों की ट्रेनिंग देने की योजना बना रही है.

जूते सिलना, कपड़े धुलना, बाल काटना सिखाएगी छत्तीसगढ़ सरकार

प्रदेश सरकार ने इस योजना का पौनी-पसारी योजना का नाम दिया है. इस योजना के तहत छत्तीसगढ़ सरकार गांव और छोटे कस्बों में हाट-बाजार का लगाएगी. इससे पहले मध्य प्रदेश की कांग्रेस सरकार बैंड-बाजा योजना ला चुकी है.

केंद्र सरकार की पकौड़ा योजना के बाद इस योजना पर प्रमुख विपक्षी दल ने तो कोई सवाल नहीं उठाये हैं, लेकिन इस योजना को लेकर प्रदेशवासियों में मिली जुली प्रतिक्रिया है. रायपुर के पास लोहार का काम करने वाले चिंता राम को इस योजना को लेकर चिंता जताते हुए कहते हैं, योजना तो ठीक है, लेकिन अब ग्राहक ग्रामीण इलाके के हाट बाजार से शहरी क्षेत्र के मॉल्स में शिफ्ट होने लगे हैं. ऐसे में ये योजना कितनी कारगर होता है पता नहीं.

हालांकि रायपुर में ही एक सैलून में काम करने वाले कालू सेन कहते हैं, सरकारी की ये योजना ग्रामीण युवाओं के लिए वरदान साबित होगा. कालू सेन कहते हैं, आज देश का हर युवा अपने गांव-घर में रहकर ही दो पैसे कमाना चाहते हैं. ऐसे में इस योजना से उन्हें एक रोजगार के साथ एक बड़ा बाजार मिल सकता है, जो इन युवाओं की किस्मत बदलने में कारगर साबित होगा.

छत्तीसगढ़ सरकार प्रदेश के 168 नगरीय निकायों में पौनी पसारी बाजार शुरू करने जा रही है. इसके तहत शेड बनाकर बेरोजगारों युवाओं को दुकान के लिए जगह दी जाएगी. इस योजना में महिला सशक्तीकरण को भी ध्यान में रखते हुए 50 फिसदी शेड महिलाओं के लिए सुरक्षित रखे जाएंगे. महिलाओं को लिए सब्जी बेचने के साथ ब्यूटी पार्लर के गुर सिखाये जाएंगे. नगरीय प्रशासन मंत्री कहते हैं इस योजना को देसी मॉल माना जा सकता है. जहां सभी एक ही जगह लोगों की जरूरत की तमाम चीजें उपलब्ध होंगी. अब देखना है, मध्यप्रदेश में कांग्रेस सरकार की बैंड-बाजा योजना के बाद छत्तीसगढ़ सरकार की पौनी पसारी योजना कितनी कारगर होती है.

रायपुर: बेरोजगारी इस वक्त देश की बड़ी समस्याओं में से एक है. युवाओं को रेजगार देने के लिए स्टार्टअप जैसी कई योजनाएं केंद्र सरकार चला रही है. वैसे पकौड़ा बेचने वाले बयान पर प्रधानमंत्री की खिंचाई भी लोगों ने की थी. अब छत्तीसगढ़ सरकार युवाओं को जूते सिलने, कपड़े धुलने, घड़ा बनाने, कारपेंटर, खाट बुनने, बाल काटने जैसे कामों की ट्रेनिंग देने की योजना बना रही है.

जूते सिलना, कपड़े धुलना, बाल काटना सिखाएगी छत्तीसगढ़ सरकार

प्रदेश सरकार ने इस योजना का पौनी-पसारी योजना का नाम दिया है. इस योजना के तहत छत्तीसगढ़ सरकार गांव और छोटे कस्बों में हाट-बाजार का लगाएगी. इससे पहले मध्य प्रदेश की कांग्रेस सरकार बैंड-बाजा योजना ला चुकी है.

केंद्र सरकार की पकौड़ा योजना के बाद इस योजना पर प्रमुख विपक्षी दल ने तो कोई सवाल नहीं उठाये हैं, लेकिन इस योजना को लेकर प्रदेशवासियों में मिली जुली प्रतिक्रिया है. रायपुर के पास लोहार का काम करने वाले चिंता राम को इस योजना को लेकर चिंता जताते हुए कहते हैं, योजना तो ठीक है, लेकिन अब ग्राहक ग्रामीण इलाके के हाट बाजार से शहरी क्षेत्र के मॉल्स में शिफ्ट होने लगे हैं. ऐसे में ये योजना कितनी कारगर होता है पता नहीं.

हालांकि रायपुर में ही एक सैलून में काम करने वाले कालू सेन कहते हैं, सरकारी की ये योजना ग्रामीण युवाओं के लिए वरदान साबित होगा. कालू सेन कहते हैं, आज देश का हर युवा अपने गांव-घर में रहकर ही दो पैसे कमाना चाहते हैं. ऐसे में इस योजना से उन्हें एक रोजगार के साथ एक बड़ा बाजार मिल सकता है, जो इन युवाओं की किस्मत बदलने में कारगर साबित होगा.

छत्तीसगढ़ सरकार प्रदेश के 168 नगरीय निकायों में पौनी पसारी बाजार शुरू करने जा रही है. इसके तहत शेड बनाकर बेरोजगारों युवाओं को दुकान के लिए जगह दी जाएगी. इस योजना में महिला सशक्तीकरण को भी ध्यान में रखते हुए 50 फिसदी शेड महिलाओं के लिए सुरक्षित रखे जाएंगे. महिलाओं को लिए सब्जी बेचने के साथ ब्यूटी पार्लर के गुर सिखाये जाएंगे. नगरीय प्रशासन मंत्री कहते हैं इस योजना को देसी मॉल माना जा सकता है. जहां सभी एक ही जगह लोगों की जरूरत की तमाम चीजें उपलब्ध होंगी. अब देखना है, मध्यप्रदेश में कांग्रेस सरकार की बैंड-बाजा योजना के बाद छत्तीसगढ़ सरकार की पौनी पसारी योजना कितनी कारगर होती है.

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छत्तीसगढ़ सरकार पौनी पसारी योजना की शुरूआत करने जा रही है। पौनी पसारी योजना के माध्यम से सरकार ग्रामीण और शहरी ईलाकों में हाट बाजार को इस तरह डेव्हलप करेगी जहां दैनिक उपयोग के सारे सामान उपलब्ध होंगे। पौनी पसारी के माध्यम से युवाओं को बड़ी संख्या में स्वरोजगार मिलेगा। इसके लिए शहरी ईलाकों में हाट बाजार बनाकर युवाओं को स्थानों का आवंटन किया जाएगा ताकि वे रोजमर्रा दैनिक उपयोग के सामानों का बाजार लगा सकें और उनकी रोजी रोटी चल सके। इसमें छत्तीसगढ़ के पारम्परिक व्यवसाय को एक बड़ा प्लेटफार्म भी मिलेगा। पेश है विशेष रिपोर्ट।
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वीओ

दरअसल पौनी पसारी एक छत्तीसगढ़ के ग्रामीण ईलाकों में प्रचलित प्राचीन शब्द है। जब देश में मुद्रा का चलन नहीं था और लोग सामान के बदले सामान वस्तु विनिमय के जरिए अपने जरूरी सामान लिया करते थे.. गांव में एक व्यवस्था जिसके जरिए किसान अपनी फसल का एक हिस्सा बचाकर रखता था, धान का एक हिस्सा देकर उसे मोची से जुते, कुम्हार से घड़े, सब्जियां , बढ़ई से खाट जैसी चीजें मिल जाती थी। इसके अलाव सर्विस सेक्टर में ग्वाले से गाय चराने और दूध निकालने का काम चल जाता था। नाई को साल में धान का एक हिस्सा देकर किसान साल भर शेव करना और बाल कटाना जैसे काम करा लिया करते थे। यानी ग्रामीण अर्थव्यवस्था की पूरी चेन को पौनी पसारी कहा जाता था।

छत्तीसगढ़ की छत्तीसगढ़िया सरकार इसी पौनी पसारी से प्रेरणा लेकर रोजगार के अवसर तालाश रही है। शहरों में बाजार बढ़ने की वजह से ग्रामीण ईलाके के लोग अपनी जरूरतों के लिए शहरों का रूख कर रहे हैं। जिससे पैसे का फ्लो शहरों की तरफ बढ़ रहा है। इस कमी को दूर करने के लिए सरकार ग्रामीण, कस्बाई और शहरी ईलाकों में पौनी पसारी स्कीम शुरू कर रही है। इसके जरिए सरकारी जमीन पर सरकार हाट बजाार डेवलप करेगी। ईलाके के युवाओं को यहां स्थान का आवंटन किया जाएगा। इस आवंटित जगह पर वे तय दिनों में अपनी दुकान लगाएंगे। एक ही बाजार में सब्जियां, लोहे के सामान, कपड़े, बर्तन जैसी जरूरी चीजें उन्हें उपलब्ध हो जाएंगी। ऐसे युवा जो स्वरोजगार के जरिए अपनी आजिविका चलाना चाहते हैं। उन्हें भी इसके जरिए रोजगार मिलेगा।
बाईट- शिव डहरिया, नगरीय प्रशासन मंत्री

वीओ

वही इस तरह की योजना को लेकर पारम्परिक व्यवसाय जैसे लोहार, नाऊ और धोबी लोगो को भी इसमे जुड़ने का मौका मिलेगा। वे अपने काम के साथ ही ट्रेनिंग देकर नए युवाओं को स्वरोजगार के लिए ट्रेनिंग देंगे। हमने ऐसे कई लोगो से बात की तो ये सब लोग भी काफी उत्साहित नजर आए।

बाईट- कालू सेन, नाऊ
बाईट- संजय सेन, नाऊ
बाईट- संजय विश्वकर्मा, लोहार

Conclusion:फाइनल वीओ

छत्तीसगढ़ सरकार प्रदेश के 168 नगरीय निकायों में पौनी पसारी बाजार शुरू करने जा रही है। इसमें शेड बनाकर बेरोजगारों को दिया जाएगा। महिला सशक्तीकरण के उद्देश्य से महिलाओं को 50 फिसदी शेड सुरक्षित कर दिए जाएंगे। विभाग के मंत्री की मानें तो इसे ग्रामीण कस्बाई ईलाकों को देसी मॉल माना जा सकता है। जहां सभी तरह के सामान एक बाजार में उपलब्ध होंगे।

पीटीसी

मयंक ठाकुर, ईटीवी भारत, रायपुर
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