रायपुर: प्रदेश में चावल सप्लाई करने वाले नागरिक आपूर्ति निगम और मार्कफेड के बकाया राशि के भुगतान के लिए सरकार 700 करोड़ रुपए का कर्ज लेने वाली है. कोरोना संक्रमण की वजह से आर्थिक गतिविधियां कमजोर पड़ने के कारण प्रदेश को फिर से कर्ज लेना पड़ रहा है.
बता दें कि राजीव गांधी न्याय योजना के तहत किसानों को देने वाली किश्त के लिए सरकार ने पिछले महीने 1300 करोड़ रुपए का कर्ज लिया था. इस चालू वित्तीय वर्ष में सरकार दूसरी बार कर्ज लेने जा रही है.
राज्य सरकार ने नहीं किया था राशि का भुगतान
सरकार पिछले 6 महीने से प्रदेश के लगभग 50 लाख से ज्यादा परिवारों को चावल दे रही है. जिसमें लोगों को मुफ्त और रियायती दरों पर चावल का वितरण करने सरकार नागरिक आपूर्ति निगम से चावल लेती है. इसकी राशि का भुगतान सरकार ने नहीं किया था.
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चावल के परिवहन और धान खरीदी के लिए सरकार को मार्कफेड को करीब 5 हजार करोड़ रुपए देने हैं. लेकिन सरकार फिलहाल 700 करोड़ रुपए का कर्ज लेगी. जिसमें 400 करोड़ मार्कफेड को दिया जाएगा और 300 करोड़ नागरिक आपूर्ति निगम को दिया जाएगा. इसके लिए मंगलवार को RBI फिक्स डिपॉजिट की नीलामी करेगी.
राज्य सरकार का कर्ज पहुंचा 43 हजार करोड़
पिछली सरकार 41 हजार करोड़ का कर्ज छोड़ कर गई है. नई सरकार ने चालू वित्तीय वर्ष में पिछले महीने 1300 करोड़ रुपए लिए और अब 700 करोड़ रुपए का कर्ज लेने जा रही है. ऐसे में छत्तीसगढ़ सरकार पर कर्ज बढ़कर 43 हजार करोड़ हो जाएगा.