रायपुर: छत्तीसगढ़ सरकार ने कोरोना से प्रभावित परिवारों को राहत दी है. छत्तीसगढ़ सरकार का यह फैसला कोविड पीड़ितों के दर्द को कुछ कम कर सकेगा. कोरोना संक्रमण के कारण जिन बच्चों ने अपने माता-पिता या अभिभावक को खो दिया है, उनकी पढ़ाई का पूरा खर्च सरकार उठाएगी. छत्तीसगढ़ सरकार बच्चों के भविष्य को संवारने की हर संभव कोशिश भी करेगी. 'छत्तीसगढ़ महतारी दुलार योजना' के माध्यम से सरकार के इस संवेदनशील पहल को अमली जामा पहनाने जा रही है. इस योजना को इसी वित्तीय वर्ष से लागू किया जा रहा है.
बच्चों को मिलेगा लाभ
ऐसे बच्चे जिन्होंने अपने माता-पिता को इस वित्तीय वर्ष के दौरान कोरोना के कारण खो दिया है, उनकी पढ़ाई का पूरा खर्च अब छत्तीसगढ़ सरकार उठाएगी. साथ ही पहली से आठवीं तक के ऐसे बच्चों को 500 रुपए प्रतिमाह और 9वीं से 12वीं तक के बच्चों को 1000 रुपए प्रतिमाह की छात्रवृत्ति भी राज्य सरकार देगी. शासकीय और निजी किसी भी स्कूल में पढ़ाई करने पर ये बच्चे इस छात्रवृत्ति के लिए पात्र होंगे.
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इन बच्चों का खर्च भी उठाएगी राज्य सरकार
राज्य की भूपेश सरकार ने यह निर्णय लिया है कि ऐसे बच्चे जिनके परिवार में रोजी-रोटी कमाने वाले मुख्य सदस्य की मृत्यु कोरोना से हो गई है, उन बच्चों की पढ़ाई की व्यवस्था भी राज्य सरकार करेगी. राज्य सरकार ने यह भी फैसला लिया है कि यदि ये बच्चे राज्य में प्रारंभ किए गए स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूलों में प्रवेश के लिए आवेदन देते हैं तो उन्हें प्राथमिकता के साथ प्रवेश दिया जायेगा. उन्हें इस स्कूल में पढ़ने के लिए कोई फीस नहीं देनी होगी.
छत्तीसगढ़ प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने भी की थी मांग
छत्तीसगढ़ प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने सरकार से मांग की थी कि जिन बच्चों का परिवार कोरोना से बुरी तरह प्रभावित हुआ है. जिनके पैरेंट्स को महामारी ने छीन लिया है, उन्हें RTE (राइट टू एजुकेशन ) में शामिल किया जाए. एसोसिएशन ने बच्चों के अन्य खर्च उठाने की बात भी कही थी. सरकार ने एक कदम आगे बढ़ाते हुए बच्चों के भविष्य सवांरने का फैसला किया है.