रायपुर: केंद्र सरकार ने शनिवार को पेट्रोल डीजल के उत्पाद शुल्क भी घटा दिया है. केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि पेट्रोल पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क 8 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 6 रुपये प्रति लीटर की कमी की गई है. इसमें पेट्रोल कीमत 9.50 रुपये प्रति लीटर और डीजल कीमत 7 रुपये प्रति लीटर कम हो जाएगी. इससे केंद्र सरकार के राजस्व पर हर साल करीब एक लाख करोड़ का भार आएगा. वहीं छत्तीसगढ़ में पेट्रोल डीजल पर एक्साइज ड्यूटी कटौती के बाद लगभग 500 करोड़ रुपये का राजस्व नुकसान होगा.
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500 करोड़ रुपये का होगा नुकसान: केंद्र सरकार के इस निर्णय के बाद केंद्र और राज्य सरकार के राजस्व पर भी इसका सीधा प्रभाव पड़ा है. राज्य सरकार की माने तो केंद्र सरकार के निर्णय के बाद राज्य सरकार को लगभग ₹500 का नुकसान होने का अनुमान है. इस बात की जानकारी खुद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दी.
केंद्र से सीएम ने की नई मांग: छत्तीसगढ़ में डीजल पेट्रोल पर वैट कम किए जाने को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि "पेट्रोल डीजल में वैट कम करने से राज्यों पर वित्तीय भार नहीं आएगा. सीतारमण का ये बयान मुझे समझ नहीं आया. केंद्र द्वारा एक्साइज ड्यूटी कम करने से छत्तीसगढ़ को 500 करोड़ से ज्यादा का नुकसान हो रहा है. सबसे पहले इन्हें 4 प्रतिशत सेस हटाना चाहिए और यूपीए सरकार के समय का एक्साइज ड्यूटी लागू करना चाहिए. इसके पहले रविवार को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा था भारत सरकार से 42 फीसदी हमको मिलता है, वैसे ही वह हमारा अपना हिस्सा कट गया. हमारे राज्य की बात की जाए तो पहले हमने कहा था कि पड़ोसी राज्य कितना वैट कम कर रहे हैं, उसे देखा जा रहा है उसके अनुसार आगे कम करूंगा".
कैसे हो रहा 500 करोड़ का नुकसान: ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर 500 करोड़ का नुकसान राज्य सरकार को कैसे होगा ? कितने डीजल पेट्रोल की खपत छत्तीसगढ़ में है इससे कितना राजस्व राज्य सरकार को प्राप्त होता है. इसे लेकर ईटीवी भारत ने छत्तीसगढ़ पेट्रोलियम डीलर एसोसिएशन के अध्यक्ष अखिल धगत से बात की. अखिल धगत ने बताया कि "जो भी एक्साइज ड्यूटी रहती है उसका 42 प्रतिशत राशि स्टेट गवर्नमेंट को जाता है. बाकी का 58 प्रतिशत केंद्र सरकार के पास जाता है. ऐसे में जो 6 और 8 रुपये कम हुए हैं. उसका 42 प्रतिशत स्टेट गवर्नमेंट को जाता था. उस राशि में भी कमी आई है, और यही राज्य सरकार का नुकसान लगभग 500 करोड़ रुपए का है".
छत्तीसगढ़ में पेट्रोल-डीजल की कितनी खपत: आखिल धगत ने बताया कि प्रदेश में प्रतिदिन पेट्रोल का करीब 32 लाख लीटर और डीजल करीब 40 लाख लीटर खपत है. प्रदेश सरकार पेट्रोल पर 24 प्रतिशत और डीजल पर 23 प्रतिशत वैट वसूल रही है. इसके साथ ही सरकार पेट्रोल पर एक रुपये और डीजल पर दो रुपये प्रति लीटर सेस (उपकर) भी लेती है. इस समय एक्साइज ड्यूटी घटकर पेट्रोल पर 19.90 रुपये और डीजल पर 15.80 रुपये हो गया है.
पिछले वर्ष नवंबर तक राज्य में पेट्रोल और डीजल पर वैट की दर 25 प्रतिशत थी. अप्रैल 2022 में छत्तीसगढ़ में पेट्रोल 109.80 रुपये प्रति लीटर और डीजल 101.40 रुपये प्रति लीटर की दर से बिक रहा था. उस दौरान जनवरी से मार्च के बीच तीन महीनों में सरकार को इन दोनों उत्पादों से 1,829 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ है. यह पिछले वर्ष की तुलना में करीब 152 करोड़ रुपये अधिक है.
पेट्रोल डीजल से प्राप्त राजस्व ( राशि करोड़ रुपये में )
वर्ष | 2022 | 2021 |
जनवरी | 504.66 | 454.80 |
फरवरी | 456.84 | 448.01 |
मार्च | 867.91 | 774.17 |