रायपुर: छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के परिवार पर इन दिनों मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा है. अजीत जोगी के निधन के बाद जोगी परिवार को एक के बाद एक नई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. पहले जाति मामला फिर मरवाही उपचुनाव से जोगी परिवार का बाहर होना और अब बघेल सरकार पर आरोप लग रहे हैं कि वह जोगी बंगले को तोड़े जाने की तैयारी कर रही है. अब यह एक सामान्य प्रक्रिया है या फिर सियासी बदला, यह तो कह पाना जरा मुश्किल है.
छत्तीसगढ़ के प्रथम मुख्यमंत्री अजीत जोगी का निवास 'सागौन बंगला', जिसे जोगी बंगला के नाम से भी जाना जाता है. छत्तीसगढ़ सरकार लगभग उसे तोड़ने की तैयारी शुरू कर दी है. जल्द ही जोगी बंगले को तोड़कर वहां पर कमर्शियल कॉम्पलेक्स बनाया जाएगा. इस बात की पुष्टि कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने की है.
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मंत्री विधायक नया रायपुर में होंगे शिफ्ट
मंत्री रविंद्र चौबे ने जोगी बंगला तोड़े जाने के सवाल के जवाब में कहा कि नए वित्तीय वर्ष से सभी मंत्री विधायक नया रायपुर में शिफ्ट होंगे. वर्तमान बंगलों को तोड़कर उसके व्यवसायिक उपयोग की तैयारी है, जिसमें जोगी बंगला भी शामिल है. उन्होंने कहा कि इसमें किसी भी तरह की राजनीति जैसी कोई बात नहीं है. मरवाही का चुनाव परिणाम जिस तरह आया है, उसे लेकर अमित जोगी में खीझ बनी हुई है.
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जोगी के निधन के पहले नहीं बनी थी बंगला तोड़ने की योजना
जानकारी के मुताविक अजीत जोगी के जीवित रहते तक सरकारी अमले ने सागौन बंगले को इस मास्टर प्लान से अलग रखा था. केवल बंगले से लगे पीडब्ल्यूडी के संभागीय कार्यपालन यंत्री दफ्तर और पुराने क्वार्टर को तोड़ने की योजना बनी थी. जोगी के निधन के बाद सागौन बंगले को भी इस योजना में शामिल किया गया. हालांकि इस संबंध में कोई भी जिम्मेदार अफसर अधिकृत तौर पर कुछ भी बताने को तैयार नहीं है.
जोगी बंगला को तोड़ने की तैयारी
बता दें कि भाजपा सरकार के कार्यकाल में सागौन बंगला प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री अजीत जोगी को आवंटित किया गया था. वर्ष 2003 में अजीत जोगी यंहा रहने के लिए आए थे. उनके परिवार की यादें और भावनाएं इस बंगले से जुड़ी हैं. छत्तीसगढ़ में जोगी के आने के बाद से ही इस बंगले को जोगी के नाम से जाना जाता है. अब सरकार इसे तोड़ने की तैयारी कर रही है.