रायपुर: छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के ड्रीम प्रोजेक्ट के तौर पर देखा जाने वाला प्रोजेक्ट स्काई वॉक मौजूदा सरकार के लिए गले की हड्डी बन चुका है. जो न तो निगलते बन रहा है और न ही उगलते. स्काई वॉक पर अभी कोई फैसला नहीं हुआ है. न तो इसे अब तक तोड़ने का फैसला लिया गया है और न ही रखने का फैसला लिया गया है.
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बड़ा फैसला लेते हुए स्काई वॉक को टोड़े जाने के संकेत दिए थे. इसके साथ ही कांग्रेस ने बीजेपी पर कमीशनखोरी का आरोप लगाया है. सीएम ने कहा था कि इस स्काई वॉक की कोई उपयोगिता नहीं है. राजधानी रायपुर में तत्कालीन बीजेपी सरकार द्वारा बनाए गए स्काई वॉक पर फैसले को लेकर दो कमिटियों का गठन किया जा चुका है. बावजूद इसके अब तक कोई नतीजा नहीं निकल पाया है. पहले की जो कमेटी बनाई गई थी उसने अपना रिपोर्ट सरकार को सौंप दिया था, लेकिन अब एक बार फिर से 22 सदस्य कमेटी बनाई गई है. इस कमेटी में विधायक, महापौर, पूर्व महापौर जैसे तमाम दिग्गज शामिल हैं.
स्काईवॉक अब तक कोई फैसला नहीं
स्काईवॉक को लेकर खुद कांग्रेस पार्टी में भी दो राय है. जहां मौजूदा कमेटी के अध्यक्ष सत्यनारायण शर्मा कहते हैं कि स्काईवॉक पर फैसला होना है. वैसे तो स्काई वॉक का कोई उपयोग नजर नहीं आ रहा है. वहीं महापौर प्रमोद दुबे कहते हैं कि स्काई वॉक को बनने देना चाहिए. वहीं आम जनता का मानना है कि सरकार स्काईवॉक के मामले में विफल हो गई है. सरकार को जल्द से जल्द निर्णय लेना चाहिए क्योंकि सरकार को बने 7 महीने हो चुके हैं.