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शिक्षा के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ सरकार नवाचार को प्रोत्साहित करने में जुटी - गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा की व्यवस्था हो

पंडित जवाहरलाल नेहरू की जयंती (Pandit Jawaharlal Nehrus birth anniversary)के अवसर पर रायपुर (Raipur) के दीनदयाल ऑडिटोरियम (Deendayal Auditorium) में दो दिवसीय राष्ट्रीय शिक्षा समागम (Two day national education conference) का आयोजन किया गया. इसमें नवाचार (Nawachar) के माध्यम से बच्चों को पढ़ाई (children study) करवाने वाले शिक्षकों द्वारा स्टॉल (stalls by teachers) लगाए गए. इसमें शिक्षा के क्षेत्र में किए गए नवाचारों को प्रदर्शित किया गया.

Government engaged in encouraging innovation
नवाचार को प्रोत्साहित करने में जुटी सरकार
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Published : Nov 15, 2021, 10:28 PM IST

Updated : Nov 15, 2021, 10:50 PM IST

रायपुरः कोरोना संक्रमण (Corona period) के दौरान सबसे ज्यादा शिक्षा का क्षेत्र (field of education) प्रभावित हुआ है. इससे जुड़े करोड़ों बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित रही, लेकिन इस विकट परिस्थिति के बावजूद भी छत्तीसगढ़ के शिक्षकों (Teachers of chhattisgarh) ने बच्चों की पढ़ाई प्रभावित नहीं करते हुए नवाचार के माध्यमों से बच्चों की पढ़ाई जारी रखी गई. साथ ही उन्हें लगातार शिक्षा दी गई.

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दो दिवसीय राष्ट्रीय शिक्षा समागम

दरअसल, पंडित जवाहरलाल नेहरू की जयंती (Pandit Jawaharlal Nehrus birth anniversary)के अवसर पर राजधानी के दीनदयाल ऑडिटोरियम (Deendayal Auditorium)में दो दिवसीय राष्ट्रीय शिक्षा समागम (Two day national education conference) का आयोजन किया गया. इस दौरान नवाचार(Nawachar) के माध्यम से बच्चों को पढ़ाई (children study) करवाने वाले शिक्षकों द्वारा स्टाल (stalls by teachers) लगाए गए, जिनमें कोरोना संक्रमण के दौरान शिक्षा के क्षेत्र में किए गए नवाचारों को प्रदर्शित किया गया है.

नवाचार के माध्यम से शिक्षा

शिक्षा के क्षेत्र में किए गए नवाचारों को प्रदर्शित किया गया

संक्रमण के दौरान पढ़ाई तुंहर द्वार, अंगना में शिक्षा, के अलावा अलग-अलग जिलों में शिक्षकों ने नवाचार के माध्यम से पढ़ाई करायी गई. कबाड़ से जुगाड़, घोटूल में शिक्षा, टीवी वाले गुरुजी, कठपुतलियों के माध्यम से शिक्षा,खेल खेल में जोड़ना घटाना, बच्चों को सरगुजिया गोदना का ज्ञान, टिल्सगेम, प्रतिभावान बच्चे भी पहुंचे.इस दौरान शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य कर रहे शिक्षकों के अलावा प्रतिभावान छात्र भी पहुंचे थे. प्रदर्शनी में बच्चों ने अपने द्वारा बनाए गए प्रोजेक्ट और मॉडल भी प्रदर्शित किए. बेमेतरा से आए शासकीय हाई स्कूल के छात्र ने सेंसर की मदद से कार तैयार किया है.

अंगना में शिक्षा कार्यक्रम चलाया गया

बताया जा रहा है कि कोरोनाकाल में बच्चों की पढ़ाई प्रभावित ना हो इसके लिए अंगना में शिक्षा कार्यक्रम चलाया गया. इसके तहत बच्चों की शिक्षा सुचारू रूप से जारी रखने के लिए माताओं को प्रशिक्षण दिया गया. इस विषय में शिक्षका सीमा मिश्रा ने बताया कि प्राथमिक शाला में पढ़ने वाले बच्चों की माताओं तक मेले के रूप में, मेले में बच्चों की माताओं को सारी गतिविधियां सिखाई गई. साथ ही बच्चों को किस तरह से गतिविधियां और पढ़ाई कराई जाती है, इसका डेमो भी दिखाया गया.माताओं ने भी इसमें सकारात्मक प्रतिक्रिया दी कि बच्चे इससे सीख रहे हैं.

गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा की व्यवस्था हो

वहीं स्कूल शिक्षा मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम ने बताया की पंडित जवाहरलाल नेहरू का बच्चों के साथ स्नेह बहुत था. वहीं बच्चों की शिक्षा किस प्रकार से गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा की व्यवस्था हो. कैसे कोरोनाकाल में नवाचार के माध्यम से पढ़ाई हो सकती है. सारे चीजों की चर्चा के लिए राष्ट्रीय शिक्षा समागम का आयोजन किया गया. दरअसल, जब लॉकडाउन था, तब नवाचार के माध्यम से हमारे प्रदेश के शिक्षकों ने अपने अपने ढंग से, शिक्षा के अलग को जगाए रखा. वहीं, शिक्षा को लेकर आगामी 10 साल का जो विजन है, इसका शुभारंभ किया गया कि शिक्षा को किस तरह से रुचिकर बनाएं ताकि बच्चे ज्यादा से ज्यादा सीख सकें और ज्ञान प्राप्त कर सकें.

रायपुरः कोरोना संक्रमण (Corona period) के दौरान सबसे ज्यादा शिक्षा का क्षेत्र (field of education) प्रभावित हुआ है. इससे जुड़े करोड़ों बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित रही, लेकिन इस विकट परिस्थिति के बावजूद भी छत्तीसगढ़ के शिक्षकों (Teachers of chhattisgarh) ने बच्चों की पढ़ाई प्रभावित नहीं करते हुए नवाचार के माध्यमों से बच्चों की पढ़ाई जारी रखी गई. साथ ही उन्हें लगातार शिक्षा दी गई.

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दो दिवसीय राष्ट्रीय शिक्षा समागम

दरअसल, पंडित जवाहरलाल नेहरू की जयंती (Pandit Jawaharlal Nehrus birth anniversary)के अवसर पर राजधानी के दीनदयाल ऑडिटोरियम (Deendayal Auditorium)में दो दिवसीय राष्ट्रीय शिक्षा समागम (Two day national education conference) का आयोजन किया गया. इस दौरान नवाचार(Nawachar) के माध्यम से बच्चों को पढ़ाई (children study) करवाने वाले शिक्षकों द्वारा स्टाल (stalls by teachers) लगाए गए, जिनमें कोरोना संक्रमण के दौरान शिक्षा के क्षेत्र में किए गए नवाचारों को प्रदर्शित किया गया है.

नवाचार के माध्यम से शिक्षा

शिक्षा के क्षेत्र में किए गए नवाचारों को प्रदर्शित किया गया

संक्रमण के दौरान पढ़ाई तुंहर द्वार, अंगना में शिक्षा, के अलावा अलग-अलग जिलों में शिक्षकों ने नवाचार के माध्यम से पढ़ाई करायी गई. कबाड़ से जुगाड़, घोटूल में शिक्षा, टीवी वाले गुरुजी, कठपुतलियों के माध्यम से शिक्षा,खेल खेल में जोड़ना घटाना, बच्चों को सरगुजिया गोदना का ज्ञान, टिल्सगेम, प्रतिभावान बच्चे भी पहुंचे.इस दौरान शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य कर रहे शिक्षकों के अलावा प्रतिभावान छात्र भी पहुंचे थे. प्रदर्शनी में बच्चों ने अपने द्वारा बनाए गए प्रोजेक्ट और मॉडल भी प्रदर्शित किए. बेमेतरा से आए शासकीय हाई स्कूल के छात्र ने सेंसर की मदद से कार तैयार किया है.

अंगना में शिक्षा कार्यक्रम चलाया गया

बताया जा रहा है कि कोरोनाकाल में बच्चों की पढ़ाई प्रभावित ना हो इसके लिए अंगना में शिक्षा कार्यक्रम चलाया गया. इसके तहत बच्चों की शिक्षा सुचारू रूप से जारी रखने के लिए माताओं को प्रशिक्षण दिया गया. इस विषय में शिक्षका सीमा मिश्रा ने बताया कि प्राथमिक शाला में पढ़ने वाले बच्चों की माताओं तक मेले के रूप में, मेले में बच्चों की माताओं को सारी गतिविधियां सिखाई गई. साथ ही बच्चों को किस तरह से गतिविधियां और पढ़ाई कराई जाती है, इसका डेमो भी दिखाया गया.माताओं ने भी इसमें सकारात्मक प्रतिक्रिया दी कि बच्चे इससे सीख रहे हैं.

गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा की व्यवस्था हो

वहीं स्कूल शिक्षा मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम ने बताया की पंडित जवाहरलाल नेहरू का बच्चों के साथ स्नेह बहुत था. वहीं बच्चों की शिक्षा किस प्रकार से गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा की व्यवस्था हो. कैसे कोरोनाकाल में नवाचार के माध्यम से पढ़ाई हो सकती है. सारे चीजों की चर्चा के लिए राष्ट्रीय शिक्षा समागम का आयोजन किया गया. दरअसल, जब लॉकडाउन था, तब नवाचार के माध्यम से हमारे प्रदेश के शिक्षकों ने अपने अपने ढंग से, शिक्षा के अलग को जगाए रखा. वहीं, शिक्षा को लेकर आगामी 10 साल का जो विजन है, इसका शुभारंभ किया गया कि शिक्षा को किस तरह से रुचिकर बनाएं ताकि बच्चे ज्यादा से ज्यादा सीख सकें और ज्ञान प्राप्त कर सकें.

Last Updated : Nov 15, 2021, 10:50 PM IST
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